आपका मन ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है | Motivational Kahani in Hindi

आपका मन ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है | Motivational Kahani in Hindi .


 इस धरती पर इंसान ने जो कुछ भी बनाया है वह मूल रूप से पहले हमारे मन में बना था वह सब जो आप देखते हैं जो इस धरती पर इंसान ने किया है पहले वह मन में बना था फिर वह बाहरी दुनिया में बना इस धरती पर जो अद्भुत चीजें हमने की है और इस धरती पर जो भ काम हमने किए हैं वे दोनों ही इंसान के मन से आए हैं तो अगर हमें चिंता है कि संसार में हम क्या बना रहे हैं तो यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि सबसे पहले हम अपने मन में सही चीजें बनाना सीखें कि हम अपने मन को कैसे रखते हैं अगर हम अपने मन को अपने तरीके से रखने की शक्ति नहीं रखते तो दुनिया में हम जो बनाते हैं वह भी बहुत संयोग से और उल्टा सीधा होगा तो अपने मन को अपने तरीके से बनाना ही दुनिया को अपने तरीके से बनाने का आधार योग विद्या में एक अद्भुत कहानी है।


Motivational kahani in Hindi 

 एक दिन एक आदमी टहलने निकला वह लंबी सैर के लिए गया संयोग से अनजाने में वह स्वर्ग में चला गया सौभाग्य है है ना वह बस टहलते हुए स्वर्ग जा पहुंचा इस लंबी सैर के बाद वह थोड़ा थक गया था इसलिए उसने सोचा अरे मैं गया हूं काश मैं कहीं आराम कर सकता उसने चारों ओर देखा वहां एक अच्छा पेड़ था जिसके नीचे बहुत ही गद्देदार घास थी वह सब इतना अच्छा था कि वह गया और वहीं लेटकर सो गया कुछ घंटों के बाद वह जागा।

 अच्छी तरह से आराम मिल चुका था तो उसने सोचा अरे आराम तो मिल गया पर मैं भूखा हूं काश मेरे पास खा ने के लिए कुछ होता और उसने उन सभी अच्छी चीजों के बारे में सोचा जिन्हें वह अपने जीवन में खाना चाहता था और तुरंत ही वे सारी चीजें उसके सामने आ गई आपको यह समझने की जरूरत है कि वहां की सेवा ही ऐसी है भूखे लोग सवाल नहीं पूछते खाना आया और उसने खाया पेट भर गया फिर उसने सोचा अरे मेरा पेट भर गया है।

 का मेरे पास पीने के लिए कुछ होता सभी अच्छी चीजें जो वह पीना चाहता था उसने उनके बारे में सोचा और वे सभी उसके सामने आ गई पीने वाले भी सवाल नहीं पूछते तो उसने पी लिया अब थोड़ी शराब अंदर जाने के बाद आपको पता है चार्ल्स डार्विन ने कहा था आप सब बंदर थे आपकी पूंछ गिर गई मैंने नहीं चार्ल्स डार्विन ने बताया कि आप सभी बंदर थे।

 और आपकी पूंछ गिर गई और फिर आप इंसान बन गए हां पूछ जरूर गिर गई लेकिन बंदर जो मन स्थापित नहीं होता उसे योग विज्ञान में हमेशा मर्कट कहते हैं क्योंकि मर्कट का मतलब बंदर होता है हम मन को एक बंदर क्यों कह रहे हैं एक बंदर में क्या गुण होते हैं बंदर के बारे में एक बात यह है कि वह बेवजह हिलता डलता रहता है बंदर के बारे में एक और बात है।

 अगर मैं कहता हूं आप किसी को देखकर बंदर की तरह कर रहे हैं इसका क्या मतलब है नकल करने वाला बंदर और नकल यह दोनों शब्द एक ही मतलब रखने लगे हैं तो बंदर के यह दो बुनियादी गुण वाकई ऐसे मन के गुण भी हैं जो स्थापित नहीं है गैर जरूरी हिलना डुलना आपको यह बंदर से सीखना जरूरी नहीं है आप बंदर को यह सिखा सकते हैं और नकल मन हर पल नकल करता रहता है तो जब यह दोनों गुण होते हैं तो एक मन को बंदर कहा जाता है तो यह बंदर उसके अंदर सक्रिय हो गया उसने इधर-उधर देखा और सोचा यह क्या हो रहा है मैंने खाना मांगा खाना आया मैंने पीने के लिए मांगा शराब आई यहां चारों ओर भूत होंगे और भूत आ गए अरे भूत आ गए वे मुझे घेर और मुझे यातना देंगे।


 उसने सोचा तुरंत भूतों ने उसे घेर लिया और उसे मारने पीटने लगे फिर वह दर्द से चीखने लगा और बोला अरे वे मुझे मार देंगे और वह मर गया अभी उसने कहा था कि वह भाग्यशाली है समस्या यह है कि वह कल्प वृक्ष के नीचे बैठा था उसने खाना मांगा खाना आ गया उसने पीने के लिए कहा शराब आई उसने भूतों की बात की भूत आए उसने पिटाई मांगी पिटाई मिली और उसने मौत मांगी वोह मर गया अब जंगल में इन कल्प वृक्षों की तलाश में मत जाना इन दिनों मुश्किल से एक पेड़ दिखता है।

 एक अच्छे से स्थापित मन एक मन जो संयुक्त की स्थिति में होता है उसे कल्प वृक्ष कहते हैं अगर आप अपने मन को संगठन के एक निश्चित स्तर तक व्यवस्थित करते हैं तो यह पूरी प्रणाली को व्यवस्थित करता है आपका शरीर आपकी भाव आपकी ऊर्जा सब कुछ उसी दिशा में व्यवस्थित हो जाती है जब आपके यह चारों आयाम आपका भौतिक शरीर आपका मन आपकी भावना और मौलिक जीवन ऊर्जा एं एक दिशा में व्यवस्थित हो जाती हैं जब आप ऐसे हो जाते हैं तो आप जो भी चाहते हैं वह वाकई छोटी उंगली उठाए बिना होता है।

 आपके काम करने से उसमें मदद मिलेगी लेकिन कोई काम किए बिना भीटी यन स्निस्ट ट यू वाट वो बना सकते हैं जो आप चाहते हैं अगर आप इन चार आयामों को एक दिशा में रखते हैं और कुछ समय तक उन्हें उसी दिशा में स्थिर रखते हैं अभी आपके मन की समस्या है कि हर पल यह अपनी दिशा बदल रहा है यह ऐसा है जैसे आप कहीं जाना चाहते हैं और हर दो कदमों पर आप अपनी दिशा बदलते रहते हैं तो आपका मंजिल तक पहुंचना बहुत मुश्किल है जब तक कि यह संयोग से ना हो तो अपने मन को व्यवस्थित करना और उससे पूरे सिस्टम को और अपने इन चार बुनियादी आयामों को एक दिशा में व्यवस्थित करना अगर आप ऐसा करते हैं तो आप खुद कल्प वृक्ष हैं।

Motivational kahani in hindi 


 एनीथिंग ट यू विश विल हैपन जो भी आप चाहते हैं वह होगा पर अभी अगर आप अपने जीवन को देखें तो वह सब जिसकी आपने अब तक इच्छा की है अगर वह हो जाए तो आप खत्म वे चीजें और लोग जो आपने चाहे अगर वह सब आज आपके घर में हो तो क्या आप जी पाएंगे जब हम इस तरह समर्थ हो जाते हैं तो यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि हमारी शारीरिक क्रिया भावनात्मक क्रिया मानसिक क्रिया और ऊर्जा क्रियाएं नियंत्रित और ठीक दिशा में हो अगर ऐसा नहीं है तो हम विनाशकारी आत्म विनाशकारी बन जाते हैं।

 अभी यही हमारी समस्या है जिस तकनीक को हमारे जीवन को सुंदर और आसान बनाना चाहिए वह सभी समस्याओं की जड़ बन गई है हम अपने जीवन के आधार को नष्ट कर रहे हैं जो कि धरती है तो जो एक वरदान होना चाहिए था हमने उसे एक श्राप बना दिया पिछले 100 वर्षों में हमें आराम और सुविधा के जबरदस्त स्तर मिले हैं जो हमारे जीवन के लिए खतरा भी बन गए हैं।

 सिर्फ इसलिए कि हम सचेत होकर काम नहीं कर रहे हैं हम आदतों से मजबूर हैं तो मन को व्यवस्थित करने का बुनियादी मतलब है चीजों को विवशता से करने के बजाय जागरूक होकर करना आपने ऐसे लोगों के बारे में सुना होगा जो कुछ मांगते हैं और सभी उम्मीदों से परे वह उनके लिए सच हो जाता है आमतौर पर ऐसा उनके साथ होता है जो श्रद्धा रखते हैं मान लीजिए।

 आप घर बनाना चाहते हैं अगर आप सोचने लगेंगे अरे मैं घर बनाना चाहता हूं घर बनाने के लिए 50 लाख रुप चाहिए मेरी जेब में 50 रप हैं नहीं होगा नहीं होगा संभव नहीं है जैसे ही आप कहते हैं संभव नहीं है आप यह भी कह रहे हैं कि मैं यह नहीं चाहता तो एक स्तर पर आप इच्छा पैदा कर रहे हैं कि आपको कु चाहते हैं दूसरे स्तर पर आप कह रहे हैं मैं यह नहीं चाहता तो इस संघर्ष में यह शायद ना हो पाए कोई इंसान जो किसी भगवान या मंदिर में या जिसमें भी श्रद्धा रखता है जो सरल मन वाला है।

 श्रद्धा सिर्फ उन लोगों के लिए काम करती है जो सरल मन वाले हैं सोचने वाले लोग जो बहुत अधिक सोचते हैं उनके लिए यह कभी काम नहीं करती एक छोटे ब बच्चे जैसा इंसान जिसे अपने ईश्वर या अपने मंदिर में या जिसमें भी एक सरल श्रद्धा है वह मंदिर में जाकर कहता है शिव जी मुझे एक घर चाहिए मुझे नहीं पता कैसे पर आपको यह करना होगा अब उसके मन में कोई उल्टे विचार नहीं है क्या ऐसा होगा क्या ऐसा नहीं होगा क्या ?

 यह संभव है क्या यह असंभव नहीं है श्रद्धा के सरल काम द्वारा इन चीजों को पूरी तरह से हटा दिया जाता है अब उसे श्रद्धा है कि शिव उसके लिए यह करेंगे और ऐसा होगा तो क्या शिव खुद आकर आपका घर बनाएंगे नहीं मैं चाहता हूं कि आप समझे ईश्वर आपके लिए छोटी उंगली भी नहीं उठाएंगे जिसे आप ईश्वर कहते हैं वह सृष्टि का स्रोत है एक निर्माता के रूप में उन्होंने जबरदस्त काम किया है कोई प्रश्न नहीं है।

 आप इससे बेहतर सृष्टि सोच सकते हैं अभी जो भी है उससे बेहतर सृष्टि की क्या कोई कल्पना कर सकता है तो एक निर्माता के रूप में उन्होंने बेहतरीन काम किया है पर अगर आप चाहते हैं कि जीवन आपके हिसाब से चले क्योंकि अभी आपकी खुशी और आपकी खुशहाली की बुनियाद यह है अगर आप दुखी हैं तो सिर्फ और सिर्फ इसलिए आप दुखी हैं कि जीवन वैसे नहीं चल रहा जैसे आप चाहते हैं बस यही बात है तो अगर जीवन आपके हिसाब से नहीं चलता तो आप दुखी होते हैं अगर जीवन आपके हिसाब से चलता है तो आप खुश होते हैं यह इतना सरल है तो अगर जीवन को आपके हिसाब से चलना चाहिए तो सबसे पहले आप कैसे सोचते हैं।

 आपकी सोच में कितना फोकस है आपके विचार में कितनी स्थिरता है और विचार प्रक्रिया में कितनी ऊर्जा है इससे तय होगा कि क्या आपका विचार एक सच्चाई बनेगा या सिर्फ एक विचार रहेगा यह इससे भी तय होगा कि आप उल्टे विचार बनाकर उस विचार के लिए रुकावट नहीं पैदा करते समथिंग पॉसिबल और नॉट पॉसिबल डिस्ट हूटी क्या यह हो सकता है या नहीं यह मानवता को नष्ट कर रहा है क्या संभव है और क्या असंभव यह देखना आपका नहीं प्रकृति का काम है आपका काम है।


 मन चाही चीज पाने के लिए मेहनत करना अभी आप यहां बैठे हैं अगर मैं आपसे दो सरल प्रश्न पूछूं मैं चाहता हूं कि आप बस सुने और उत्तर दें आप ज बैठे हैं क्या वहां से उठ सकते हैं आप कहेंगे नहीं क्या आप यहां से उठकर चल सकते हैं आप कहेंगे हां इसका आधार क्या है कि आप उड़ने के लिए नहीं और चलने के लिए हां कहते हैं आधार है जीवन का अनुभव कई बार आप उठकर चले हैं कभी उड़ान नहीं भरी या दूसरे शब्दों में आप जीवन के पिछले अनुभव को आधार बनाकर यह तय कर रहे हैं कि कुछ संभव है या नहीं या दूसरे शब्दों में आपने तय किया है कि अब तक जो नहीं हुआ वह भविष्य में आपके जीवन में नहीं हो सकता है।

 यह मानवता और मानवीय भावना का अपमान है इस धरती पर जो अब तक नहीं हुआ वह कल हो सकता है इंसान इसे कल एक सच्चाई बना सकते हैं तो क्या संभव है और क्या असंभव यह देखना आपका काम नहीं है यह प्रकृति का काम है प्रकृति तय करेगी आप बस देखिए कि आप क्या चाहते हैं और उसके लिए मेहनत कीजिए और अगर आपका विचार एक शक्तिशाली तरीके से तैयार होता है बिना किसी उल्टे विचारों के कोई ऐसे उल्टे विचार ना हो जिनसे विचार प्रक्रिया की तीव्रता कम हो जाए।

Hindi Motivetion kahani


 सबसे पहली और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आपको स्पष्ट पता होना चाहिए कि आप वाकई क्या चाहते हैं अगर आप नहीं जानते कि आप क्या चाहते हैं तो उसे बनाने का सवाल ही नहीं उठता अगर आप यह देखें कि आप वाकई क्या चाहते हैं तो हर इंसान यही चाहता है वह खुशी से जीना चाहता है वह शांति से जीना चाहता है इन टर्म्स ऑफ इ रिलेशनशिप्स वह चाहता है।

 कि उसके रिश्ते प्यार भरे हो या दूसरे शब्दों में कहें तो कोई भी इंसान यही चाहता है कि वह अपने भीतर सुखी हो और उसके चारों ओर सुख हो यह सुख अगर हमारे शरीर में होता है तो हम इसे सेहत या सुख कहते हैं अगर यह हमारे मन में होता है तो हम इसे शांति और खुशी कहते हैं अगर यह हमारी भावना में होता है तो हम प्यार और करुणा कहते हैं अगर यह हमारी ऊर्जा में होता है तो हम इसे आनंद और परमानंद कहते हैं।

 यही एक इंसान की तलाश है चाहे वह काम करने अपने ऑफिस जा रहा है वह पैसा कमाना चाहता है करियर बनाना चाहता है परिवार बनाए वह बार में बैठे या मंदिर में बैठे वह तब भी उसी चीज की तलाश में है भीतर सुख चारों और सुख अगर यही हम चाहते हैं तो मुझे लगता है इसे सीधे संबोधित करने और इसे बनाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने का यही समय है तो आप खुद को एक शांतिपूर्ण इंसान आनंदमय इंसान प्रेम करने वाला इंसान सभी स्तरों पर एक सुखद इंसान बनाना चाहते हैं।

 और क्या आप इस तरह की दुनिया भी नहीं चाहते एक शांतिपूर्ण दुनिया एक प्रेम पूर्ण दुनिया एक आनंदमय दुनिया नहीं नहीं मुझे हरियाली चाहिए मुझे भोजन चाहिए आनंदित दुनिया से हमारा मतलब है कि हम जो भी चाहते थे वह हो गया आप इसी की तलाश कर हैं तो आपको यही करने की जरूरत है कि अपने और अपने आसपास के लोगों के लिए एक शांतिपूर्ण आनंदमय और प्रेम पूर्ण दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध हो जाएं हर दिन सुबह अगर आप दिन की शुरुआत अपने मन में इस सरल सोच के साथ करें कि आज मैं जहां भी जाऊंगा।

 एक शांतिपूर्ण प्रेम पूर्ण और आनंदमय दुनिया बनाऊंगा अगर आप दिन में 100 बार गिरते हैं तो क्या फर्क पड़ता है एक प्रतिबद्ध आदमी के लिए विफलता जैसा कुछ नहीं होता अगर वह 100 बार गिरता है तो 100 सबक सीखने को मिलते हैं अगर आप खुद को कुछ वाकई अच्छा बनाने के लिए प्रतिबंध करते हैं तो आपका मन व्यवस्थित हो जाता है जब आपका मन व्यवस्थित हो जाता है।

 तो आपकी भावना व्यवस्थित हो जाएगी भावना का संबंध विचार से है जब आपका विचार और भावना संगठित हो जाती हैं तो आपकी ऊर्जा एं उसी दिशा में व्यवस्थित हो जाएंगी जब आपके विचार भावना और ऊर्जा व्यवस्थित हो जाएंगे तो आपका शरीर व्यवस्थित हो जाएगा जब यह चारों एक दिशा में व्यवस्थित हो जाते हैं तो आप में मन चाही चीज बनाने और प्रकट करने की जबरदस्त क्षमता होगी आप कई मायनों में ईश्वर होंगे।

 जो सृष्टि का स्त्रोत है वह आपके जीवन के हर पल में आपके अंदर काम कर रहा है बात सिर्फ यह है क्या आपने उस आयाम तक पहुंच बनाई है या नहीं अपने जीवन के चार मूल तत्त्वों को व्यवस्थित करके आपको वह पहुंच मिलेगी ऐसा करने के लिए साधन और तकनीकें हैं योग का पूरा विज्ञान पूरी तकनीक जिसे हम योग कहते हैं वह बस यही है खुद को सृष्टि के एक टुकड़े से सृष्टा बनाना यह मेरी इच्छा और मेरा आशीर्वाद है कि दुनिया में हर इंसान को अपने भीतर सृजन के स्त्रोत तक पहुंचो ताकि वह रचनाकार की तरह यहां काम कर सके ना कि सिर्फ एक रचना के रूप में,

धन्यवाद. 

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.