Gautam Buddha Ki Motivational Story | Life Changing Story
किसी का भी मन पढ़ना सिखों | Gautam Buddha Ki Motivational Story | Life Changing Story
किसी के भी मन की बातें जानने के लिए हमेशा तीन तरीके होते हैं लेकिन इन तीनों तरीकों को समझना अति आवश्यक है यदि आप इन तीनों तरीकों को समझ लेते हैं तो आप किसी के भी मन की बातें बड़ी आसानी से जान सकते हैं तो चलिए इसे एक बुद्ध की कहानी के माध्यम से समझते हैं कि किस तरीके से आप दूसरों के मन की बातें जान सकते हैं उनके मन के अंदर क्या चल रहा है इसे समझ सकते हैं।
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| किसी का भी मन को पढ़ना सिखों |
किसी का भी मन पढ़ना सिखों । Motivational Story
बहुत समय पहले की बात है एक छोटा सा गांव था उस गांव में दो भाई रहा करते थे बड़ा भाई अंधा था जिसके कारण वह हमेशा घर पर ही बैठा रहता था और छोटा भाई खेती किया करता था लेकिन खेतों में अधिक जानवर आने से पूरी फसलें नष्ट हो जाया करती थी।
जिस कारण छोटा भाई बहुत परेशान हो चुका था तभी उसे एक तरकीब सूझी एक दिन उसने सोचा खेतों में से इन जानवरों को भगाने के लिए क्यों ना मैं अपने बड़े भाई की मदद लूं वैसे भी बड़े भैया अंधे हैं अगर वह खेत में बैठे रहेंगे और जानवरों की आहट आने पर वह उन्हें जोर-जोर से चिल्लाकर भगा सकते हैं।
जिससे हमारी फसलें भी बच जाएंगी यह सब सोच विचार करने के बाद उसने अपने खेत में एक छोटी सी झोपड़ी तैयार की और अपने अंधे भाई को उस खेत में बैठा दिया छोटे भाई ने कहा भैया यदि कोई जानवर की आहट आपको सुनाई दे तो आप जोर-जोर से चिल्लाना यह सुनकर वह जानवर वहां से भाग जाएंगे बड़ा भाई अपने छोटे भाई की बात मान लेता है।
और उस दिन से ही खेत में रहना शुरू कर देता है देखभाल करते करते ऐसे कई दिन बीत चुके थे तभी एक दिन उसके खेत में एक हिरण भागता हुआ आया और वह खेत के बांध को तोड़कर वहां से भाग गया लेकिन उस हिरण का पीछा करते हुए एक राजा भी उस खेत में आ पहुंचा तभी राजा की नजर उस अंधे भाई पर पड़ गई।
राजा उस व्यक्ति से कहता है देखो मैं यहां पर एक जानवर का पीछा करते हुए आया हूं। क्या तुमने उस जानवर को यहां पर देखा है इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है।
राजन मैं तो अंधा हूं। भला किसी जानवर को मैं कैसे देख सकता हूं लेकिन हां आपको मैं इतना जरूर बता सकता हूं कि जो जानवर मेरे खेत से होकर भागा है।
वह आपके लायक नहीं है आप उसके पीछे अपना समय यूं ही व्यस्त कर रहे हैं। राजा उस अंधे व्यक्ति की बातें सुनकर अचरज में पड़ गया वह यह सोचने लगा कि यह तो अंधा है। फिर इसे कैसे पता जिस हिरण को मैं तलाश कर रहा हूं वो हिरण मेरे लायक नहीं है। यह अंधा व्यक्ति मुझे कैसे बता सकता है ।
तभी राजा उस अंधे व्यक्ति से कहता है कहीं तुम मुझसे झूठ तो नहीं कह रहे एक तरफ तुम यह कहते हो कि तुम अंधे हो और दूसरी तरफ तुम यह भी कह रहे हो कि जो जानवर यहां से भागा है वह मेरे लायक नहीं है। इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है। हे राजन जिसे आप हिरण समझ रहे हैं।
असल में वह एक हिरण नहीं बल्कि हिरणी है और वह भी गर्भवती जहां तक मुझे ज्ञान है मैंने कभी किसी राजा को किसी गर्भवती हिरणी का शिकार करते नहीं सुना और इसी कारण मैं आपसे यह कह रहा हूं कि वह आपके लायक नहीं है। आप उसके पीछे अपना समय व्यर्थ ना करें ।
यह सुनकर राजा और भी अचरज में पड़ गए वह यह सोचने लगे आखिर यह अंधा आदमी यह कैसे जान सकता है कि वह हिरणी है और गर्भवती है कुछ देर सोच विचार करने के बाद अपने सेनापति से कहता है ।
सेनापति मुझे वह जानवर जिंदा चाहिए। क्योंकि मुझे यह पता करना है कि क्या यह अंधा आदमी सच कह रहा है और मुझे इस बात की पुष्टि करनी है।
सेनापति राजा से आज्ञा लेकर आगे की ओर बढ़ चलता है। और कुछ देर बाद जब वह वापस लौटकर आता है तो राजा से कहता है। हे राजन इस अंधे आदमी ने जो भी बात कही वह बिल्कुल सही है। वह एक हिरणी है और अचंबे की बात यह है कि वह गर्भवती भी है। यह सुनकर राजा आश्चर्य चकित हो गया उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अंधा आदमी यह कैसे पता कर सकता है।
किसी का भी मन पढ़ना सिखों | Gautam Buddha Ki Motivational Story | Life Changing Story
ऐसे कई सारे प्रश्न अब राजा के मन में उमड़ने लगे अब राजा ने यह ठान लिया कि मुझे इस बात की तह तक पहुंचना ही है यह सोचकर राजा उस अंधे आदमी के पास जाता है और उस आदमी से कहता है देखो मैं यह तो नहीं जानता कि तुम सचमुच अंधे हो या नहीं लेकिन मैं तुमसे एक बात जानने आया हूं क्या तुम मेरे प्रश्नन का सही-सही जवाब दोगे।
इस पर अंधा व्यक्ति कहता है। हे राजन आप जो पूछना चाहते हैं पूछ सकते हैं।
मैं आपको बिल्कुल सच - सच जवाब दूंगा राजा कहता है। देखो एक तो तुम कहते हो कि तुम अंधे हो और तुमने सारी बातें सच बता दी लेकिन यह तुम्हें कैसे पता चलता है।
तुम्हारे खेत में तो और भी जानवर आते होंगे यहां से गुजरते होंगे फिर तुमने यह अंदाज कैसे लगा लिया तब अंधा व्यक्ति राजा से कहता है। हे राजन जिस हिरणी का आप पीछा कर रहे थे।
वह हिरणी जब मेरे खेत में आई उसकी रफ्तार और उसके भागने की आहट से मुझे यह एहसास हो चुका था कि यह एक हिरणी है और मेरे खेत की जो बांध है।
वह बहुत छोटी है उसकी ऊंचाई ज्यादा नहीं है। यदि कोई हिरण होता तो उस बांध को बड़ी आसानी से लांग जाता लेकिन वह हिरणी इस बांध को तोड़कर भागी है और यदि वह इस बांध को छलांग लगाकर पार करने का प्रयास करती तो इससे उसके बच्चे को खतरा होता।
इस बात से मैंने पता लगा लिया कि वह गर्भवती है इस बात पर राजा के मन में एक और प्रश्नन उठा राजा ने कहा किंतु तुम्हें यह कैसे पता चला कि वह एक हिरणी ही है। कोई और जानवर भी तो हो सकता था।
इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है। हे राजन मैं पूरा दिन सुबह शाम यहीं पर बैठा रहता हूं और मेरे सुनने की शक्ति बहुत तेज है मैं यह तुरंत भाप जाता हूं कि कौन सा जानवर मेरे खेत में आया है और उसी के आधार पर मैं जोर-जोर से चिल्लाता हूं ताकि वह मेरे खेत से भाग जाए और मेरे खेत की फसलों को नष्ट ना कर पाए।
राजा उस अंधे आदमी की जवाब सुनकर पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुका था। वह मन ही मन यह सोच रहा था कि आदमी भले ही अंधा हो लेकिन ज्ञानी तो बहुत है। इस आदमी से कुछ ना कुछ तो काम निकलवाना ही चाहिए।
यह विचार कर के राजा वहां से वापस अपने महल की ओर लौट आया अब राज महल पहुंचते ही राजा ने फिर से उस अंधे व्यक्ति को अपने महल में बुलाया और उस अंधे व्यक्ति से कहा आज मैंने आपको यहां इसलिए बुलाया है। क्योंकि मैं आपसे यह जानना चाहता हूं कि मेरी पत्नी पतिव्रता है या नहीं इस पर वह अंधा व्यक्ति हंसकर कहता है।
हे राजन यह कैसा प्रश्नन हुआ इस पर राजा कहता है मैंने आपसे बिल्कुल उचित प्रश्नन किया है मुझे इस प्रश्नन का उत्तर दीजिए इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है। हे राजन यह सारी बातें जाने दीजिए आपकी शादी को इतने साल बीत चुके हैं और अब यह बातें जानना क्यों चाहते हैं।
आपके मन में ऐसे प्रश्न क्यों उठ रहे हैं। इस पर राजा जिद करते हुए कहता है देखिए आपको मुझे इस प्रश्नन का उत्तर देना ही होगा नहीं देंगे तो मैं आपको मौत की सजा दे दूंगा।
राजा के मुंह से यह बात सुनकर अंधा व्यक्ति कहता है अगर आप इस प्रश्न का उत्तर चाहते हैं तो आपको मेरा एक काम करना होगा राजा ने बोला क्या काम है बोलो उस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है।
Gautam Buddha Ki Motivational Story
यह पता करने के लिए कि आपकी पत्नी पतिव्रता है कि नहीं आपकी पत्नी को मेरे साथ कमरे में अकेले छोड़ना होगा उस व्यक्ति की यह बातें सुनकर राजा पहले तो क्रोधित हो जाता है।
लेकिन फिर कुछ सोच विचार करने के बाद वह उस व्यक्ति की बात मान लेता है और अपने सेनापति को आदेश देता है कि मेरी पत्नी को एक कमरे में कुछ देर के लिए इस व्यक्ति के साथ छोड़ दो सेनापति बिल्कुल वैसा ही करता है अब राजा की पत्नी और अंधा आदमी एक कमरे में बंद हो चुके हैं।
तभी वह अंधा आदमी राजा की पत्नी से कहता है आप कृपा करके मेरा हाथ पकड़ लीजिए इस बात पर रानी अत्यधिक क्रोधित हो जाती है और उस अंधे आदमी को पकड़ पकड़ कर मारने लगती है कभी हाथों से कभी लात घूसों से कभी उस आदमी को सीधा पटक कर मार देती है "और इस तरीके से रानी ने उस अंधे व्यक्ति की खूब पिटाई की किसी तरीके से वह अंधा आदमी अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकलता है और राजा के पास पहुंचकर बोलता है।
हे राजन आपकी पत्नी पतिव्रता बिल्कुल नहीं है यह बात सुनकर राजा बहुत क्रोधित हो जाता है और अपनी तलवार निकालकर सीधा अपनी पत्नी की ओर जाता है और रानी से कहता है आज जो भी सवाल आपसे करने वाला हूं।
उसका मुझे सच सच जवाब दीजिएगा और यदि आपने एक भी झूठ बोला तो मैं आपका अभी सर धर से अलग कर दूंगा राजा कहता है।
मुझे बताइए क्या पतिव्रता है या नहीं इस पर रानी कहती है हे राजन आप भले ही मुझे जान से मरवा दीजिए लेकिन मैं पतिव्रता नहीं हूं यह बात सुनकर राजा बहुत खुश हुआ क्योंकि उस अंधे आदमी ने जो कहा था।
वह बिल्कुल सच निकला अब राजा तुरंत उस आदमी के पास वापस पहुंचता है तुम्हें कैसे पता कि मेरी पत्नी पतिव्रता नहीं है वो आदमी कहता है बड़ी सीधी सी बात है।
राजन मैंने आपकी पत्नी से बस इतना कहा कि मेरे हाथ पकड़ लीजिए लेकिन आपकी पत्नी इतना क्रोधित हो गई कि उसने गुस्से में आकर मुझे लात घूस से पीटना शुरू कर दिया भला कोई औरत किसी और मर्द को कैसे छू सकती है।
इसलिए मैंने आपको बोला कि आपकी स्त्री पतिव्रता नहीं है अब आप ही बताइए ऐसी स्त्री भला पतिव्रता कैसे हो सकती है इस पर राजन कहता है।
तुम तो बड़े ज्ञानी मालूम पड़ते हो अच्छा ठीक है चलो तुम मेरे एक और प्रश्न का जवाब दो अब राजा आगे उस अंधे आदमी से कहता है।
तुम मुझे यह बताओ क्या मैं सच में अपने पिताजी का बेटा हूं या फिर किसी और का इस पर वह अंधा आदमी कहता है हे राजन इस बात से आपका क्या लेना देना आप किसी की भी औलाद हो आखिर आप है तो इस राज्य के राजा इस प्रश्न को जाने दीजिए लेकिन राजा कहता है नहीं नहीं मुझे इस प्रश्न का सही जवाब चाहिए ।
अन्यथा यह प्रश्न मुझे हमेशा परेशान करेगा अंधा आदमी कहता है हे राजन इसके लिए तो मुझे आपकी मां के पास भी जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
मैं आपको अभी-अभी यह बता सकता हूं कि आप किसकी औलाद है लेकिन उससे पहले मैं चाहता हूं आप मुझसे एक वादा करें कि आप मुझ पर क्रोधित नहीं होंगे।
अब राजन उससे वादा करता है कि मैं तुम पर बिल्कुल क्रोध नहीं करूंगा इसके बाद अंधा आदमी कहता है।
हे राजन आप है तो अपने पिता के पुत्र लेकिन आप पर एक कंजूस सेठ की छाया पड़ी हुई है यह सुनकर राजा बहुत क्रोधित हो जाता है और तुरंत तलवार निकालकर अपनी मां के पास पहुंच जाता है वह वहां पहुंचने के बाद अपनी मां से कहता है ।
मां मुझे सच सच बताओ क्या मैं अपने पिता का पुत्र हूं या नहीं इस पर उनकी मां कह उठती है बेटा तू है तो अपने पिता का पुत्र लेकिन जब तुम्हारी मां गर्भवती थी और एक दिन आईने के सामने खड़े होकर श्रृंगार कर रही थी तो एक कंजूस सेठ को उसने आईने में देखा इस वजह से उसकी छाया उसके गर्भ में पड़ने के कारण तू भी उसी तरीके का निकला।
यह सुन राजा बहुत खुश हो जाता है और वह तुरंत दौड़ा दौड़ा वापस उस अंधे आदमी के पास पहुंचता है और उस अंधे आदमी से कहता है तुम्हें यह कैसे पता कि मुझ पर कंजूस सेठ की छाया पड़ी हुई है।
इस पर वह अंधा आदमी कहता है हे राजन आपने मुझसे कई सवाल पूछे जिनका जवाब मैंने आपको सही सही दिया यदि कोई और राज होता तो मुझे इसके बदले ढेरों इनाम मिल जाता लेकिन अब तक आपने एक फूटी कौड़ी तक नहीं दी।
इस बात से ही मैंने अंदाजा लगा लिया कि आप बहुत कंजूस हो यह बात सुनकर राजा जोर जोर से हंसने लगा और कहता है तुम जो मांगोगे वह मैं तुमको दूंगा लेकिन मुझे यह बताओ कि तुम यह सारी चीजें पता कैसे लगाते हो ।
तुम किसी भी बात का इतना सटीक और सही जवाब कैसे दे पाते हो इस पर अंधा आदमी कहता है।
हे राजन मैं वैसे तो अंधा हूं लेकिन मेरी आंखें होती तो मैं किसी का भी मन बड़ी सरलता से जान लेता मन की एक भाषा होती है और यह भाषा मनुष्य के शरीर के व्यवहार के रूप में देखी जा सकती है।
उसकी आंखों से उसकी क्रियाओं से पता चल सकता है कि उसके मन में क्या चल रहा है इसी के आधार पर हम किसी के भी मन की बातें बड़ी आसानी से जान सकते हैं।
यदि मुझे किसी के मन की कोई बात जाननी होती है तो मुझे उस आदमी को कुछ का देना पड़ता है जिस पर वह व्यक्ति किस प्रकार काम करता है किस तरीके से काम करता है ।
उसके आधार पर ही मैं यह पता लगा लेता हूं कि उसके मन में क्या चल रहा है तभी वह राजा कहता है इसका क्या अर्थ हुआ मैं भी किसी के मन की बात जान सकता हूं।
इस पर वह अंधा आदमी कहता है हे राजन अवश्य आप भी किसी के भी मन की बात जान सकते हैं किंतु उसके पहले आपको अपने ऊपर काम करना होगा अपने मन को शांत करना होगा अपने मन को वर्तमान में लाना होगा।
किसी के भी मन की बात जानने के लिए आज मैं आपको तीन तरीके बताने वाला हूं और यह तीनों तरीके बड़े आसान और सरल हैं लेकिन इन तरीकों से पहले आपको अपने मन को एकाग्र करना होगा अपने मन को वर्तमान में लाना होगा वो अंधा व्यक्ति राजा से कहता है।
हे राजन जो तीन तरीके मैं आपको बताने वाला हूं इस तरीकों में बड़ी आसानी से किसी के भी मन की बात जानी जा सकती है।
किसी के मन को पढ़ने के तीन तरीके.
1 पहला तरीका है किसी व्यक्ति से बात करते वक्त उसकी आंखों में देखना उसकी आंखों पर ध्यान देना जो सबसे जरूरी है क्योंकि आंखें बोलती नहीं पर बहुत कुछ कह जाती है यदि हम किसी व्यक्ति की आंखों के इशारों को समझना सीख जाएं हम यह जान पाएंगे कि व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है वह क्या सोच रहा है और अभी वह क्या करने वाला है।
मेरे पास आंखें नहीं है लेकिन मैंने अपने गुरु से यह विद्या सीखी है क्योंकि बहुत साल पहले मेरे पास आंखें थी और मैं उस वक्त लोगों के मन की बातें केवल उनकी आंखों से ही जान लेता था।
2 किसी के मन की बात जानने का दूसरा तरीका है उसके चेहरे के हाव भाव को देखना चेहरे के हावभाव के कारण हम उसके मन की बातें बड़ी आसानी से समझ जाते हैं कभी-कभी कोई व्यक्ति अपने चेहरे से बहुत अलग-अलग व्यवहार करता है यदि आप किसी व्यक्ति के चेहरे में गौर से देखेंगे तो आप आसानी से समझ पाएंगे कि वह व्यक्ति निराश है जब व्यक्ति बहुत उदास होता है या फिर बहुत खुश होता है वह अपने अंदर क्या महसूस कर रहा है यह सारी बातें हम उसके चेहरे के हावभाव से पता लगा सकते हैं फिर चाहे इंसान जुबान से कुछ बोले या ना बोले उसका चेहरा सब कुछ बता देता है।
3 आगे व्यक्ति राजा से तीसरा तरीका बताते हुए कहता है हे राजन किसी के मन की बात पहचानने की तीसरी भाषा है उस व्यक्ति के हाथों के इशारों और शरीर का व्यवहार देखना मन की बात समझने के लिए हमें हाथ के इशारे और शरीर के व्यवहार को समझना बहुत आवश्यक है ।
कोई व्यक्ति जब बात करता है तो आपने देखा होगा कि वह अपने हाथों को हिलाता रहता है अपने हाथों से इशारा करता रहता है इसी से पता चल जाता है कि वह हमारी बातों पर कितना ध्यान दे रहा है और उसके मन में क्या चल रहा है हाथों का एक दूसरे से मसल ऐसी बहुत सी क्रियाएं होती हैं।
उस पर हमें ध्यान देना अति आवश्यक है मन की बात को समझने के लिए हमें शरीर के व्यवहार को भी समझना पड़ता है और यदि हम इन तीन तरीकों को सही तरीके से अच्छे से समझ लेते हैं तो हम बहुत जल्दी किसी के भी मन की बात बड़ी सरलता से समझ सकते हैं।
लेकिन तीनों तरीकों को कारगर करने के लिए आपको सबसे पहले शांत होना पड़ेगा मन को एकाग्र करना पड़ेगा मन को सरल करना पड़ेगा और अपने मन को वर्तमान स्थिति में लाना पड़ेगा तभी आप बड़ी सहजता के साथ किसी के भी मन की बातें जान सकते हैं।
दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको इस कहानी से एक अच्छी सीख मिली होगी यह कहानी आपको कैसी लगी कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताइएगा और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर जरूर करिएगा ताकि उन्हें भी इस कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिले।
धन्यवाद ..

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