जो चाहोगे वहीं पाओगे। Best Life changing Motivational Story in hindi
जो चाहोगे वहीं पाओगे। Best Life changing Motivational Story in hindi .
लेकिन फिर भी वह कामयाब नहीं होता भला ऐसा दुनिया में कौन इंसान होगा जो अपने मन में यह चाहेगा कि मैं नाकामयाब रहूं या मैं पैसा ना कमाऊं सोचने की बात है तो इसमें दो चीज निकलकर सामने आती है या तो वह महापुरुष गलत थे जिन्होंने यह बात बोली कि मन से चाहे हुई चीज हासिल हो जाती है या फिर हम गलत हैं आज की पोस्ट में मैं जो कहानी बताने वाला हूं उसमें आपको एक ऐसा मंत्र मिलेगा उसे समझने के बाद आपको एक ऐसा मंत्र का पता चलेगा जिससे आप यह समझ पाएंगे कि अपने मन से कोई भी चीज कैसे करवा जाती है।
मन में किसी भी बात का बीज कैसे बोया जाता है यह इस कहानी से आपको अच्छी तरह से समझ में आ जाएगा और इससे आप यह भी समझ पाएंगे कि आकर्षण का नियम लॉ ऑफ अट्रैक्शन कैसे काम करता है कहानी छोटी सी है लेकिन बहुत ही गहरी है इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक परहना तो ही आप अच्छे से इस कहानी का पूरा लाभ ले पाएंगे तो चलिए कहानी शुरू करता हूं और समझते हैं कि मन का मंत्र मैन को कंट्रोल कैसे करें ।
Motivational Story in hindi .
एक बार की बात है एक आदमी के जीवन में सिर्फ दुख ही दुख थे वह जो भी काम करता उस बेचारे का वह काम पूरा ही नहीं होता घर में आता तो घर में क्लेश बना रहता किसी से कोई मदद मांगता तो कोई उसकी मदद नहीं करता ऐसा लगता था कि चारों तरफ से उसके ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है उसे समझ नहीं आ रहा था कि मैं इन दुखों से कैसे पार पाऊं वह दिन रात यही सोचता रहता था।
कि अपने दुखों से छुटकारा कैसे पाना है इसी कारण से वह रात में सो भी नहीं पाता था उसकी आंखों के नीचे बड़े-बड़े काले घेरे बन गए थे जो इस बात का प्रतीक थे कि वह आदमी कितना दुखी है और कितना चिंतित है कभी-कभी तो उसके मन में आत्महत्या करने के भी ख्याल आते थे लेकिन अपने परिवार की चिंता करके वह यह कदम नहीं उठा पाता वह इतना दुखी हो गया कि उसने निर्णय किया कि वह इन दुखों से छुटकारा पाकर ही रहेगा।
इसके लिए चाहे उसे कितनी ही मेहनत करनी पड़े कुछ भी करना पड़े चाहे अंगारों पर चलना पड़े लेकिन इन दुखों से छुटकारा हासिल करके [संगीत] रहेगा ऐसे ही एक दिन उसने अपने मित्र से पूछा कि मैं अपने जीवन को कैसे सुधारे उसके मित्र ने उसे बताया कि तुम किसी बाबा के पास जाओ बाबाओं के पास ऐसा मंत्र होता है जिससे सारे दुख मिट जाते हैं।
जीवन खुशियों से भर जाता है और धन संपदा भी हासिल होती है तुम किसी ऐसे बाबा को ढूंढ लो बस तुम्हारा काम बन जाएगा उस आदमी के मन में यह बात पूरी तरह से पक्की बैठ गई कि कोई बाबा ही मेरा दुख दूर कर सकता है और इसीलिए उसे किसी भी बाबा के बारे में पता चलता तो वह उस बाबा के पास पहुंच जाता उस बाबा को अपनी समस्या बताता और उससे उसका समाधान पूछता और कहता कि बाबा मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरी इन समस्याओं से मुझे छुटकारा दिला दीजिए आप जो कहेंगे।
मैं वह करूंगा लेकिन मेरे जीवन को सुधार दीजिए बाबा उसे कुछ टोने टोटके बताते थे करने के लिए और बदले में दान दक्षिणा ले लेते थे कि यह टोना टोटका करने के बाद तुम्हारे घर में सुख शांति बनी रहेगी बस इस टोटके को पूरी विधि के साथ करना वह आदमी घर लौटकर पूरी विधि के साथ टोने टोटके करने लगा लेकिन बहुत टोने टोटके करने के बाद भी उसके जीवन में कुछ बदलाव नहीं आया इसके विपरीत उसका जीवन और ज्यादा दुखी हो गया जो भी बाबा उसे से टोना टोटका देता था वह बदले में उससे दान दक्षिणा लेता था।
जिससे उसका धन भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा था इससे उसके जीवन में दुख और ज्यादा बढ़ गया तब उसे लगा कि बाबाओं के पास जाने से तो मेरे जीवन में दुख कम होने की वजह बढ़ते ही जा रहे हैं तो मुझे क्या करना चाहिए बाबाओं के पास जाऊं या ना जाऊं फिर एक दिन एक आदमी ने उसे बताया कि तुम अपने घर में किसी पंडित को बुलाकर हवन करवा लो हवन होगा घर शुद्ध हो जाएगा।
कोई भी बुरी ऊर्जा होगी घर में तो वह घर से बाहर चली जाएगी किसी पंडित को बुलाकर पूरे विधि विधान उसे मंत्र उच्चारण कराओ हवन कराओ जिससे घर में सुख शांति आए उस आदमी के मन में यह बात बैठ गई और उसने एक पंडित को अपने घर पर बुलाकर हवन करवा दिया हवन अच्छी तरह से संपन्न हुआ बदले में पंडित ने भी अच्छी दान दक्षिणा ली और उसके बाद वह वहां से विदा हो गया लेकिन कुछ दिनों के बाद उस आदमी को महसूस सूस हुआ कि उसके जीवन में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है।
अब वह आदमी पूरी तरह से दुखी हो गया और ज्यादा परेशान हो गया अब तो उसे लगने लगा था कि मेरे जीवन में से दुख कभी खत्म ही नहीं होंगे और यही सोच सोचकर उस आदमी का बुरा हाल हो गया था फिर एक दिन उसे अपने मित्र से एक ऐसे बाबा के बारे में पता चला जो समाधान बताने के लिए कोई दान दक्षिणा नहीं लेता था उस आदमी को लगा कि यह बाबा दूसरे बाबाओं की तरह नहीं हो सकता क्योंकि ?
यह तो दान दक्षिणा लेता ही नहीं और अगर दान दक्षिणा नहीं लेता तो यह सच में कोई सिद्ध बाबा होगा और यही सोचकर वह उस बाबा के पास पहुंच जाता है जब वह आदमी वहां पर पहुंचता है तो वह बाबा ध्यान में बैठे हुए थे यह देखकर वह आदमी वहीं पर चुपचाप बैठकर ध्यान से बाहर आने का उनका इंतजार करने लगा थोड़ी देर बाद बाबा ने आंखें खोली तो सामने एक दुखी और परेशान युवक को बैठे देखा।
उसकी आंखों के नीचे काले घेरे देखकर ही समझ गया कि यह आदमी अपने जीवन से कितना परेशान है उसे संबोधित करते हुए बाबा ने पूछा कि बच्चा क्या चाहते हो बाबा के पास क्या लेने आए हो उस आदमी ने कहा कि बाबा मैं अपने जीवन से बहुत परेशान हूं मैंने इन दुखों को दूर करने के लिए बहुत सारे रास्ते अपनाए हर वह तरकीब करके देखें जो किसी बाबा ने मुझे बताई हर वह काम किया जो कोई भी इंसान ने मुझसे करने को कहा लेकिन मेरे जीवन में दुखों में कोई कमी नहीं आई।
बाबा इसके विपरीत मेरे जीवन में दुखों में बढ़ोतरी हो गई है मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं कभी-कभी तो मैं आत्महत्या करने की सोचता हूं लेकिन मैं अपने परिवार की सोचकर मैं यह कदम नहीं उठाता हूं मैंने आपके बारे में बहुत सुना है बाबा और मैं बहुत उम्मीद के साथ आपके पास आया हूं कृपया करके मुझे कोई ऐसा मार्ग बताएं जिससे मुझे अपने दुखों से छुटकारा मिल जाए मैं अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं ।
आप आप मुझे कोई भी रास्ता बताएं चाहे वह रास्ता कितना ही कठिन क्यों ना हो मैं उसको पार करके रहूंगा बाबा ने महसूस किया कि आदमी तो सच में बहुत परेशान है बाबा ने उसकी बात सुनकर कहा कि बच्चा दुखों को दूर करने के लिए मंत्र ऐसे ही नहीं मिलते हैं मंत्र पाने के लिए कुछ करना पड़ता है तुम कुछ कर सकते हो यह सुनकर पहले तो उस आदमी ने सोचा कि यह बाबा भी मुझसे दान दक्षिणा मांगेंगे लेकिन और कोई रास्ता ना पाकर उस आदमी ने कहा बाबा आपको जितना भी दान दक्षिणा चाहिए।
मैं देने के लिए तैयार हूं लेकिन आपका मंत्र सच्चा होना चाहिए वह पूरा होना चाहिए उसका फल मुझे मिलना चाहिए उसके बाद मैं आपको जो भी दान दक्षिणा लेना चाहते हो मैं आपको दे दूंगा बाबा ने कहा दान दक्षिणा तो बहुत छोटी चीज है मुझे वह नहीं चाहिए इस पर वह आदमी सोच विचार करके बोला तो बाबा मैं अंगारों पर भी चलने के लिए तैयार हूं आप मुझे बस आज्ञा दीजिए बाबा ने कहा कि अंगारों पर चलने वाली छोटी चीज में तुमसे नहीं कराने वाला हूं।
मैं जो तुमसे कराने वाला हूं वह बहुत कठिन मंत्र है उसे पूरा कर पाओगे उसने कहा बाबा आप मुझे बताइए तो सही मुझे करना क्या होगा मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं इस पर बाबा ने उसे कहा कि यहां से जब तुम अपने घर जाओ तो रास्ते में अपने मन में यह दोहराते जाना कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं बार-बार अपने मन में यही दोहराना और याद रहे जुबान पर पर यह नहीं आना चाहिए यह सिर्फ मन में दोहराना है यह सुनकर वह आदमी बोला बाबा बस इतनी सी बात यह तो मैं छुटकी बजाते कर लूंगा लेकिन इससे होगा क्या बाबा बोले कि इस मंत्र को करके तो देखो वैसे भी तुमने इतने बाबाओं के मंत्र किए हैं तो इस मंत्र को भी करके देख लो उस आदमी ने सोचा कि बाबा कुछ दान दक्षिणा तो ले नहीं रहे हैं ।
और छोटा सा मंत्र है इसे तो मैं कर ही लूंगा वो बोला ठीक है बाबा मैं यह मंत्र जरूर करूंगा और वो आदमी यह कहकर वहां से चलने लगा लेकिन जैसे ही वह चलने लगा पीछे से बाबा ने बोला कि बच्चा एक बात याद रखना जब तुम यह मंत्र अपने मन में दोहराना तो तुम्हारे मन में बंदर के विचार नहीं आने चाहिए बंदर का ख्याल भी नहीं आना चाहिए तो ही यह मंत्र सिद्ध होगा आदमी बोला मुझे तो आज तक बंदर का कोई विचार नहीं आया तो अब क्यों आएगा।
आप चिंता मत करिए बाबा मैं बस मन में यही दोहरा हंगा कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं इसके अलावा बंदर का कोई भी विचार मेरे मन में नहीं आएगा यह कहकर वह आदमी वहां से चल देता है वह अपने मन में मैं सुखी हूं मैं सुख ही हूं यह दोहराता हुआ थोड़ी दूर ही चला था कि उसके मन में अचानक बंदर का ख्याल आ गया बंदर का ख्याल एक बार आया और चला भी गया लेकिन उस आदमी ने सोचा आज तक तो मुझे बंदर का कोई भी विचार नहीं आया।
यह आज बंदर का विचार क्यों आ गया और ऐसे करके उसने उस बंदर के विचार को पकड़ लिया और यह भूल गया कि मुझे क्या मंत्र दोहराना है और वह बंदर के बारे में सोचने लगा जब थोड़ी देर बाद फिर से उसे होश आया तो वह फिर से अपना वही मंत्र दोहराने लगा जो बाबा ने उसे बताया था मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं लेकिन अचानक से उसे एक बंदर दिखाई दिया और यह देखकर फिर से उसके मन में बंदर का विचार उठ गया और यह देखकर वह इस विचार को बाहर फेंकना चाहता था।
और वह चाहता था कि मेरे अंदर किसी तरह से बंदर का विचार ना आए लेकिन उसे तो सा ने बंदर ही दिखाई दिया ऐसे ही जद्दोजहद करते-करते घर पर पहुंचा और घर पर पहुंचने के बाद अपनी पत्नी को कहा कि हे बंदरिया मुझे खाने में बंदर परोस दो और जब उसे एहसास हुआ कि उसने क्या बोल दिया तो वह अपने बाल नोचने लगा और दीवारों में सर मारने लगा कि आज तक मुझे बंदर का कोई भी विचार नहीं आया और आज मुझे यह क्या हो गया है कि मुझे हर जगह बंदर ही बंदर नजर आ रहे हैं यह कैसी माया है यही सोच सोचकर वह आदमी रात भर सो नहीं पाया।
रात भर करवटें बदलते रहा और सुबह उठकर सीधे उसी बाबा के पास पहुंच गया और उसके चरणों में गिर कर कहा कि बाबा पता नहीं क्या चमत्कार हो रहा है आज तक मुझे बंदर का कोई विचार नहीं आया लेकिन कल से जब से आपने मुझसे कहा कि बंदर का विचार नहीं आना चाहिए तब से मुझे हर जगह बंदर ही बंदर नजर आ रहे हैं उस आदमी ने कहा कि बाबा मुझे तो आपके पीछे पेड़ पर बैठा बंदर केले खाते हुए दिखाई दे रहा है।
यह हो क्या रहा है बाबा यह सुनकर बाबा हंसने लगे हां हां हां हां बच्चा मन का जाल एक ऐसा जाल है जिसे समझ पाना इतना आसान नहीं है बंदर तो तुम्हारे रास्ते में पहले भी आते थे जब तुम मेरे पास आए थे तो इन्हीं पेड़ों पर यह बंदर घूम रहे थे लेकिन तब तुम्हारे ध्यान में यह बंदर नहीं था तब तुम्हारे ध्यान में सिर्फ दुख थे इसके बाद बाबा ने उसे बताया कि बच्चा हम जिस चीज से भी दूर भागना चाहते हैं ।
वही चीज हमारे मन में बहुत गहरे में प्रविष्ट हो जाती और हमारे अंतर मन में समा जाती है असल में हम जिस चीज से छुटकारा पाना चाहते हैं उससे छुटकारा इसीलिए पाना चाहते हैं कि वह हमारे साथ बहुत गहरे से जुड़ी हुई है और हम जितना ही उससे छुटकारा पाना चाहते हैं वह उतनी ही गहरी हमारे मन में बैठती चली जाती है और आखिरकार हमारे अंतर्मन में छा जाती है ऊपर से तो हम चाहते हैं।
सुखी होना कि मैं सुखी हूं सुखी हूं हमारे होठ भी यही बोलते रहते हैं लेकिन हमारे मन में दुख समाए होते हैं हमारे विचारों में हमारे मन में दुख ही दुख दिखाई देते हैं इसीलिए अपनी जुबान से बार-बार यह बोलने से कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं हम सुखी नहीं होंगे जब तक यह मंत्र हमारे अंतर मन में प्रविष्ट नहीं होगा इस पर उस आदमी ने पूछा कि बाबा लेकिन यह मंत्र हमारे अंतर्मन में प्रविष्ट कैसे होगा यह सुनकर बाबा ने कहा कि बच्चा अपने दुखों से लड़ना बंद कर दो जब तक तुम अपने दुख दुखों को दूर करने की सोचते रहोगे तब तक वह दुख तुमसे चिपके रहेंगे तब तक वह दुख तुम्हारे अंतर मन पर अपना राज बनाए।
बैठे रहेंगे और जिस दिन तुम उन दुखों के बारे में सोचना ही छोड़ दोगे उन दुखों से छुटकारा ही नहीं पाना चाहोगे उसी दिन से तुम्हारे जिंदगी से दुख गायब हो जाएंगे क्योंकि किसी भी चीज से छुटकारा पाने के लिए हमें उस चीज के बारे में सोचना पड़ता है और हम जितना ही उस चीज के बारे में सोचते हैं वह उतनी ही हमारे मन में प्रविष्ट होती चली जाती है हम अधिकतर समय दुखों के बारे में ही सोचते हैं हम यही सोचते हैं कि हमारे जीवन में दुख है और हमें इससे छुटकारा पाना है।
इसी वजह से बार-बार सोचने से वह दुख हमारे अंतर मन में प्रविष्ट हो जाते हैं और हमें एहसास भी नहीं होता इसीलिए अगर तुम दुखों से छुटकारा पाना चाहते हो तो दुखों से छुटकारा पाने के बारे में सोचना छोड़ दो तुम्हें दुखों से छुटकारा मिल जाएगा अक्सर आदमी धुम्रपान छोड़ना चाहता है।
शराब छोड़ना चाहता है सुबह अपने आप से यह वादा करता है कि मैं कोई भी गलत काम नहीं करूंगा लेकिन शाम को जब लौटता है तो नशे में चूर होकर लौटता है ऐसा क्यों होता है जो हम सोच रहे हैं वह पूरा कर ही नहीं पा रहे हैं असल में हम उस चीज को बहुत ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं उस चीज को बहुत ज्यादा अहमियत दे रहे हैं।
जब भी हम उस चीज को छोड़ने के बारे में सोचते हैं तो हम उसकी इंपॉर्टेंस इंपॉर्टेंस यानी की विशेषता और ज्यादा बढ़ा देते हैं हमारा मन उस चीज के बारे में जितना ज्यादा सोचेगा शराब या धूम्रपान छोड़ने के बारे में जितना ज्यादा सोचेगा हमारा मन उतना ही उस चीज के पीछे ज्यादा भागेगा हमें उस चीज से लड़ना नहीं है बल्कि बिना सोचे गुजर जाना है और अगर हम इस मंत्र को समझ लेते हैं तो हम अपने जीवन में जो भी पाना चाहते हैं उसे अपने अंतर्मन में डाल सकते हैं।
और एक बार वह लक्ष्य हमारे अंतर मन में बैठ जाता है तो फिर सफलता पाने में कोई समस्या नहीं आती कोई दिक्कत नहीं आती तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह कहानी कहते हैं कि दुनिया में मन सबसे ज्यादा शक्तिशाली चीज होता है अगर किसी चीज को तुम पूरे मन से चाह लो तो तुम उसे हासिल कर सकते हो यह मैं नहीं कहता यह सभी महापुरुषों का कहना है लेकिन अगर यह सत्य है यह सच है तो हम जो अपने मन से चाहते हैं वह हमें हासिल क्यों नहीं होता है।
भाई कोई भी इंसान अपने मन में तो दुख नहीं चाहेगा लेकिन वह रहता तो दुखी है हर इंसान अपने मन से तो कामयाब होना चाहता है खूब पैसा कमाना चाहता है लेकिन फिर भी वह कामयाब नहीं होता भला ऐसा दुनिया में कौन इंसान होगा जो अपने मन में यह चाहेगा कि मैं नाकामयाब रहूं या मैं पैसा ना कमाऊं सोचने की बात है तो इसमें दो चीज निकलकर सामने आती है या तो वह महापुरुष गलत थे जिन्होंने यह बात बोली कि मन से चाहे हुई चीज हासिल हो जाती है या फिर हम गलत हैं आज की पोस्ट में मैं जो कहानी बताने वाला हूं।
उसमें आपको एक ऐसा मंत्र मिलेगा उसे समझने के बाद आपको एक ऐसा मंत्र का पता चलेगा जिससे आप यह समझ पाएंगे कि अपने मन से कोई भी चीज कैसे करवा जाती है मन में किसी भी बात का बीज कैसे बोया जाता है यह इस कहानी से आपको अच्छी तरह से समझ में आ जाएगा और इससे आप यह भी समझ पाएंगे कि आकर्षण का नियम लॉ ऑफ अट्रैक्शन कैसे काम करता है कहानी छोटी सी है लेकिन बहुत ही गहरी है इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक परहना तो ही आप अच्छे से इस कहानी का पूरा लाभ ले पाएंगे।
तो चलिए कहानी शुरू करता हूं और समझते हैं कि मन का मंत्र मैन को कंट्रोल कैसे करें एक बार की बात है एक आदमी के जीवन में सिर्फ दुख ही दुख थे वह जो भी काम करता उस बेचारे का वह काम पूरा ही नहीं होता घर में आता तो घर में क्लेश बना रहता किसी से कोई मदद मांगता तो कोई उसकी मदद नहीं करता ऐसा लगता था कि चारों तरफ से उसके ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है उसे समझ नहीं आ रहा था कि मैं इन दुखों से कैसे पार पाऊं वह दिन रात यही सोचता रहता था कि अपने दुखों से छुटकारा कैसे पाना है इसी कारण से वह रात में सो भी नहीं पाता था उसकी आंखों के नीचे बड़े-बड़े काले घेरे बन गए थे जो इस बात का प्रतीक थे।
कि वह आदमी कितना दुखी है और कितना चिंतित है कभी-कभी तो उसके मन में आत्महत्या करने के भी ख्याल आते थे लेकिन अपने परिवार की चिंता करके वह यह कदम नहीं उठा पाता वह इतना दुखी हो गया कि उसने निर्णय किया कि वह इन दुखों से छुटकारा पाकर ही रहेगा इसके लिए चाहे उसे कितनी ही मेहनत करनी पड़े कुछ भी करना पड़े चाहे अंगारों पर चलना पड़े लेकिन इन दुखों से छुटकारा हासिल करके [संगीत] रहेगा ऐसे ही एक दिन उसने अपने मित्र से पूछा कि मैं अपने जीवन को कैसे सुधारे उसके मित्र ने उसे बताया कि तुम किसी बाबा के पास जाओ बाबाओं के पास ऐसा मंत्र होता है।
जिससे सारे दुख मिट जाते हैं जीवन खुशियों से भर जाता है और धन संपदा भी हासिल होती है तुम किसी ऐसे बाबा को ढूंढ लो बस तुम्हारा काम बन जाएगा उस आदमी के मन में यह बात पूरी तरह से पक्की बैठ गई कि कोई बाबा ही मेरा दुख दूर कर सकता है और इसीलिए उसे किसी भी बाबा के बारे में पता चलता तो वह उस बाबा के पास पहुंच जाता उस बाबा को अपनी समस्या बताता और उससे उसका समाधान पूछता और कहता कि बाबा मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरी इन समस्याओं से मुझे छुटकारा दिला दीजिए।
आप जो कहेंगे मैं वह करूंगा लेकिन मेरे जीवन को सुधार दीजिए बाबा उसे कुछ टोने टोटके बताते थे करने के लिए और बदले में दान दक्षिणा ले लेते थे कि यह टोना टोटका करने के बाद तुम्हारे घर में सुख शांति बनी रहेगी बस इस टोटके को पूरी विधि के साथ करना वह आदमी घर लौटकर पूरी विधि के साथ टोने टोटके करने लगा लेकिन बहुत टोने टोटके करने के बाद भी उसके जीवन में कुछ बदलाव नहीं आया इसके विपरीत उसका जीवन और ज्यादा दुखी हो गया जो भी बाबा उसे से टोना टोटका देता था।
वह बदले में उससे दान दक्षिणा लेता था जिससे उसका धन भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा था इससे उसके जीवन में दुख और ज्यादा बढ़ गया तब उसे लगा कि बाबाओं के पास जाने से तो मेरे जीवन में दुख कम होने की वजह बढ़ते ही जा रहे हैं तो मुझे क्या करना चाहिए बाबाओं के पास जाऊं या ना जाऊं फिर एक दिन एक आदमी ने उसे बताया कि तुम अपने घर में किसी पंडित को बुलाकर हवन करवा लो हवन होगा घर शुद्ध हो जाएगा कोई भी बुरी ऊर्जा होगी।
घर में तो वह घर से बाहर चली जाएगी किसी पंडित को बुलाकर पूरे विधि विधान उसे मंत्र उच्चारण कराओ हवन कराओ जिससे घर में सुख शांति आए उस आदमी के मन में यह बात बैठ गई और उसने एक पंडित को अपने घर पर बुलाकर हवन करवा दिया हवन अच्छी तरह से संपन्न हुआ बदले में पंडित ने भी अच्छी दान दक्षिणा ली और उसके बाद वह वहां से विदा हो गया लेकिन कुछ दिनों के बाद उस आदमी को महसूस सूस हुआ कि उसके जीवन में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है।
अब वह आदमी पूरी तरह से दुखी हो गया और ज्यादा परेशान हो गया अब तो उसे लगने लगा था कि मेरे जीवन में से दुख कभी खत्म ही नहीं होंगे और यही सोच सोचकर उस आदमी का बुरा हाल हो गया था फिर एक दिन उसे अपने मित्र से एक ऐसे बाबा के बारे में पता चला जो समाधान बताने के लिए कोई दान दक्षिणा नहीं लेता था उस आदमी को लगा कि यह बाबा दूसरे बाबाओं की तरह नहीं हो सकता क्योंकि ?
यह तो दान दक्षिणा लेता ही नहीं और अगर दान दक्षिणा नहीं लेता तो यह सच में कोई सिद्ध बाबा होगा और यही सोचकर वह उस बाबा के पास पहुंच जाता है जब वह आदमी वहां पर पहुंचता है तो वह बाबा ध्यान में बैठे हुए थे यह देखकर वह आदमी वहीं पर चुपचाप बैठकर ध्यान से बाहर आने का उनका इंतजार करने लगा थोड़ी देर बाद बाबा ने आंखें खोली तो सामने एक दुखी और परेशान युवक को बैठे देखा उसकी आंखों के नीचे काले घेरे देखकर ही समझ गया कि यह आदमी अपने जीवन से कितना परेशान है।
उसे संबोधित करते हुए बाबा ने पूछा कि बच्चा क्या चाहते हो बाबा के पास क्या लेने आए हो उस आदमी ने कहा कि बाबा मैं अपने जीवन से बहुत परेशान हूं मैंने इन दुखों को दूर करने के लिए बहुत सारे रास्ते अपनाए हर वह तरकीब करके देखें जो किसी बाबा ने मुझे बताई हर वह काम किया जो कोई भी इंसान ने मुझसे करने को कहा लेकिन मेरे जीवन में दुखों में कोई कमी नहीं आई बाबा इसके विपरीत मेरे जीवन में दुखों में बढ़ोतरी हो गई है मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं कभी-कभी तो मैं आत्महत्या करने की सोचता हूं।
लेकिन मैं अपने परिवार की सोचकर मैं यह कदम नहीं उठाता हूं मैंने आपके बारे में बहुत सुना है बाबा और मैं बहुत उम्मीद के साथ आपके पास आया हूं कृपया करके मुझे कोई ऐसा मार्ग बताएं जिससे मुझे अपने दुखों से छुटकारा मिल जाए मैं अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं आप आप मुझे कोई भी रास्ता बताएं चाहे वह रास्ता कितना ही कठिन क्यों ना हो मैं उसको पार करके रहूंगा बाबा ने महसूस किया कि आदमी तो सच में बहुत परेशान है बाबा ने उसकी बात सुनकर कहा कि बच्चा दुखों को दूर करने के लिए मंत्र ऐसे ही नहीं मिलते हैं मंत्र पाने के लिए कुछ करना पड़ता है।
तुम कुछ कर सकते हो यह सुनकर पहले तो उस आदमी ने सोचा कि यह बाबा भी मुझसे दान दक्षिणा मांगेंगे लेकिन और कोई रास्ता ना पाकर उस आदमी ने कहा बाबा आपको जितना भी दान दक्षिणा चाहिए मैं देने के लिए तैयार हूं लेकिन आपका मंत्र सच्चा होना चाहिए वह पूरा होना चाहिए उसका फल मुझे मिलना चाहिए उसके बाद मैं आपको जो भी दान दक्षिणा लेना चाहते हो।
मैं आपको दे दूंगा बाबा ने कहा दान दक्षिणा तो बहुत छोटी चीज है मुझे वह नहीं चाहिए इस पर वह आदमी सोच विचार करके बोला तो बाबा मैं अंगारों पर भी चलने के लिए तैयार हूं आप मुझे बस आज्ञा दीजिए बाबा ने कहा कि अंगारों पर चलने वाली छोटी चीज में तुमसे नहीं कराने वाला हूं मैं जो तुमसे कराने वाला हूं वह बहुत कठिन मंत्र है उसे पूरा कर पाओगे उसने कहा बाबा आप मुझे बताइए तो सही मुझे करना क्या होगा मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं।
इस पर बाबा ने उसे कहा कि यहां से जब तुम अपने घर जाओ तो रास्ते में अपने मन में यह दोहराते जाना कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं बार-बार अपने मन में यही दोहराना और याद रहे जुबान पर पर यह नहीं आना चाहिए यह सिर्फ मन में दोहराना है यह सुनकर वह आदमी बोला बाबा बस इतनी सी बात यह तो मैं छुटकी बजाते कर लूंगा लेकिन इससे होगा क्या बाबा बोले कि इस मंत्र को करके तो देखो वैसे भी तुमने इतने बाबाओं के मंत्र किए हैं।
तो इस मंत्र को भी करके देख लो उस आदमी ने सोचा कि बाबा कुछ दान दक्षिणा तो ले नहीं रहे हैं और छोटा सा मंत्र है इसे तो मैं कर ही लूंगा वो बोला ठीक है बाबा मैं यह मंत्र जरूर करूंगा और वो आदमी यह कहकर वहां से चलने लगा लेकिन जैसे ही वह चलने लगा पीछे से बाबा ने बोला कि बच्चा एक बात याद रखना जब तुम यह मंत्र अपने मन में दोहराना तो तुम्हारे मन में बंदर के विचार नहीं आने चाहिए।
बंदर का ख्याल भी नहीं आना चाहिए तो ही यह मंत्र सिद्ध होगा आदमी बोला मुझे तो आज तक बंदर का कोई विचार नहीं आया तो अब क्यों आएगा आप चिंता मत करिए बाबा मैं बस मन में यही दोहरा हंगा कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं इसके अलावा बंदर का कोई भी विचार मेरे मन में नहीं आएगा यह कहकर वह आदमी वहां से चल देता है वह अपने मन में मैं सुखी हूं मैं सुख ही हूं यह दोहराता हुआ थोड़ी दूर ही चला था।
कि उसके मन में अचानक बंदर का ख्याल आ गया बंदर का ख्याल एक बार आया और चला भी गया लेकिन उस आदमी ने सोचा आज तक तो मुझे बंदर का कोई भी विचार नहीं आया यह आज बंदर का विचार क्यों आ गया और ऐसे करके उसने उस बंदर के विचार को पकड़ लिया और यह भूल गया कि मुझे क्या मंत्र दोहराना है और वह बंदर के बारे में सोचने लगा जब थोड़ी देर बाद फिर से उसे होश आया तो वह फिर से अपना वही मंत्र दोहराने लगा जो बाबा ने उसे बताया था मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं लेकिन अचानक से उसे एक बंदर दिखाई दिया ।।
और यह देखकर फिर से उसके मन में बंदर का विचार उठ गया और यह देखकर वह इस विचार को बाहर फेंकना चाहता था और वह चाहता था कि मेरे अंदर किसी तरह से बंदर का विचार ना आए लेकिन उसे तो सा ने बंदर ही दिखाई दिया ऐसे ही जद्दोजहद करते-करते घर पर पहुंचा और घर पर पहुंचने के बाद अपनी पत्नी को कहा कि हे बंदरिया मुझे खाने में बंदर परोस दो और जब उसे एहसास हुआ कि उसने क्या बोल दिया तो वह अपने बाल नोचने लगा और दीवारों में सर मारने लग।
कि आज तक मुझे बंदर का कोई भी विचार नहीं आया और आज मुझे यह क्या हो गया है कि मुझे हर जगह बंदर ही बंदर नजर आ रहे हैं यह कैसी माया है यही सोच सोचकर वह आदमी रात भर सो नहीं पाया रात भर करवटें बदलते रहा और सुबह उठकर सीधे उसी बाबा के पास पहुंच गया और उसके चरणों में गिर कर कहा कि बाबा पता नहीं क्या चमत्कार हो रहा है आज तक मुझे बंदर का कोई विचार नहीं आया।
लेकिन कल से जब से आपने मुझसे कहा कि बंदर का विचार नहीं आना चाहिए तब से मुझे हर जगह बंदर ही बंदर नजर आ रहे हैं उस आदमी ने कहा कि बाबा मुझे तो आपके पीछे पेड़ पर बैठा बंदर केले खाते हुए दिखाई दे रहा है यह हो क्या रहा है बाबा यह सुनकर बाबा हंसने लगे हां हां हां हां बच्चा मन का जाल एक ऐसा जाल है जिसे समझ पाना इतना आसान नहीं है बंदर तो तुम्हारे रास्ते में पहले भी आते थे।
जब तुम मेरे पास आए थे तो इन्हीं पेड़ों पर यह बंदर घूम रहे थे लेकिन तब तुम्हारे ध्यान में यह बंदर नहीं था तब तुम्हारे ध्यान में सिर्फ दुख थे इसके बाद बाबा ने उसे बताया कि बच्चा हम जिस चीज से भी दूर भागना चाहते हैं वही चीज हमारे मन में बहुत गहरे में प्रविष्ट हो जाती और हमारे अंतर मन में समा जाती है असल में हम जिस चीज से छुटकारा पाना चाहते हैं उससे छुटकारा इसीलिए पाना चाहते हैं कि वह हमारे साथ बहुत गहरे से जुड़ी हुई है और हम जितना ही उससे छुटकारा पाना चाहते हैं वह उतनी ही गहरी हमारे मन में बैठती चली जाती है।
और आखिरकार हमारे अंतर्मन में छा जाती है ऊपर से तो हम चाहते हैं सुखी होना कि मैं सुखी हूं सुखी हूं हमारे होठ भी यही बोलते रहते हैं लेकिन हमारे मन में दुख समाए होते हैं हमारे विचारों में हमारे मन में दुख ही दुख दिखाई देते हैं इसीलिए अपनी जुबान से बार-बार यह बोलने से कि मैं सुखी हूं मैं सुखी हूं हम सुखी नहीं होंगे जब तक यह मंत्र हमारे अंतर मन में प्रविष्ट नहीं होगा इस पर उस आदमी ने पूछा कि बाबा लेकिन यह मंत्र हमारे अंतर्मन में प्रविष्ट कैसे होगा।
यह सुनकर बाबा ने कहा कि बच्चा अपने दुखों से लड़ना बंद कर दो जब तक तुम अपने दुख दुखों को दूर करने की सोचते रहोगे तब तक वह दुख तुमसे चिपके रहेंगे तब तक वह दुख तुम्हारे अंतर मन पर अपना राज बनाए बैठे रहेंगे और जिस दिन तुम उन दुखों के बारे में सोचना ही छोड़ दोगे उन दुखों से छुटकारा ही नहीं पाना चाहोगे।
उसी दिन से तुम्हारे जिंदगी से दुख गायब हो जाएंगे क्योंकि किसी भी चीज से छुटकारा पाने के लिए हमें उस चीज के बारे में सोचना पड़ता है और हम जितना ही उस चीज के बारे में सोचते हैं वह उतनी ही हमारे मन में प्रविष्ट होती चली जाती है हम अधिकतर समय दुखों के बारे में ही सोचते हैं हम यही सोचते हैं कि हमारे जीवन में दुख है और हमें इससे छुटकारा पाना है इसी वजह से बार-बार सोचने से वह दुख हमारे अंतर मन में प्रविष्ट हो जाते हैं और हमें एहसास भी नहीं होता।
इसीलिए अगर तुम दुखों से छुटकारा पाना चाहते हो तो दुखों से छुटकारा पाने के बारे में सोचना छोड़ दो तुम्हें दुखों से छुटकारा मिल जाएगा अक्सर आदमी धुम्रपान छोड़ना चाहता है शराब छोड़ना चाहता है सुबह अपने आप से यह वादा करता है कि मैं कोई भी गलत काम नहीं करूंगा लेकिन शाम को जब लौटता है तो नशे में चूर होकर लौटता है ऐसा क्यों होता है जो हम सोच रहे हैं वह पूरा कर ही नहीं पा रहे हैं।
असल में हम उस चीज को बहुत ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं उस चीज को बहुत ज्यादा अहमियत दे रहे हैं जब भी हम उस चीज को छोड़ने के बारे में सोचते हैं तो हम उसकी इंपॉर्टेंस इंपॉर्टेंस यानी की विशेषता और ज्यादा बढ़ा देते हैं हमारा मन उस चीज के बारे में जितना ज्यादा सोचेगा शराब या धूम्रपान छोड़ने के बारे में जितना ज्यादा सोचेगा हमारा मन उतना ही उस चीज के पीछे ज्यादा भागेगा हमें उस चीज से लड़ना नहीं है।
बल्कि बिना सोचे गुजर जाना है और अगर हम इस मंत्र को समझ लेते हैं तो हम अपने जीवन में जो भी पाना चाहते हैं उसे अपने अंतर्मन में डाल सकते हैं और एक बार वह लक्ष्य हमारे अंतर मन में बैठ जाता है तो फिर सफलता पाने में कोई समस्या नहीं आती कोई दिक्कत नहीं आती तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह कहानी....
धन्यवाद ...



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