गौतम बुद्ध के गहरी नींद का रहस्य | Gautam Buddha Motivational Story
गौतम बुद्ध के गहरी नींद का रहस्य | Gautam Buddha Motivational Story
बुरे विचार मन को सताते हैं जिस वजह से नींद भी नहीं लग पाती है क्या करें गहरी नींद लेने का कोई उपाय है क्या इसी प्रश्नों के उत्तर आज की इस वीडियो में हम गौतम बुद्ध की कहानी के माध्यम से जानेंगे तो चलिए कहानी की शुरुआत करते हैं ।
Gautam Buddha Motivational Story .
दोस्तों एक बार की बात है एक धनी व्यक्ति एक बौद्ध भिक्षु के पास जाता है और कहता है मुनिवर मैं अपनी नींद से बहुत परेशान हूं बहुत कोशिश करने के बाद भी मुझे देर रात तक नींद नहीं आती और रात को सोने से पहले सभी दुनिया भर के विचार मेरे मन में दौड़ते रहते हैं और सो भी जाता हूं तो रात भर करवटें बदलता रहता हूं और जब मैं सुबह उठता हूं तो मुझे अच्छा नहीं लगता मैं थका हुआ और बेचैन महसूस करता हूं कृपा कर आप मेरी इस समस्या का कोई समाधान बताएं।
बौद्ध भिक्षु ने कहा इससे पहले कि मैं आपको आपकी समस्या का समाधान बताऊं मैं आपको गौतम बुद्ध की गहरी नींद के रहस्य के बारे में एक छोटी सी कहानी बताना चाहता हूं उस व्यक्ति ने कहा जैसी आपकी इच्छा मुनिवर बौद्ध भिक्षु कहने लगे तथागत गौतम बुद्ध जब सोते थे तो रात भर उसी अवस्था में रहते थे कभी करवट नहीं बदलते थे रात को जिस अवस्था में सोते थे सुबह तक उसी अवस्था में रहते थे।
गौतम बुद्ध के एक शिष्य आनंद थे जो अक्सर उनके पास सोते थे आनंद को यह बात बहुत खल रही थी कि जब भी रात में आनंद की आंखें खुलती तो गौतम बुद्ध उसी भौतिक अवस्था में पूरी रात कैसे गुजार सकते थे तो वह हमेशा जानता था कि गौतम बुद्ध एक ही अवस्था में सो रहे हैं यह बात उसके मन में कई सवाल पैदा करती थी लेकिन एक दिन भिक्षु आनंद अपनी जिज्ञासा को रोक नहीं पाए और वह गौतम बुद्ध के पास गए आधी रात को उन्होंने गौतम बुद्ध को जगाया ।
उन्हें नींद से उठाकर बोला तथागत मुझे क्षमा करें मुझे पता है कि यह आपसे प्रश्न पूछने का सही समय नहीं है क्योंकि आप दिन भर चलते रहते हैं और लोगों को धर्म का ज्ञान देते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं लेकिन मेरी जिज्ञासा इतनी बढ़ गई है कि मैं सुबह तक का इंतजार नहीं कर सकता इसलिए कृपया मेरे प्रश्न का उत्तर दें और मेरी जिज्ञासा को शांत करें भिक्षु आनंद ने आगे कहा मैं पिछले 20 वर्षों से आपके साथ हूं और मैं देख रहा हूं कि आप पूरी रात एक ही अवस्था में बिताते हैं ।
आप जरा भी नहीं हिलते तो क्या आप वास्तव में सोते हैं या आप सोते ही नहीं गौतम बुद्ध ने आनंद की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा मैंने अपने लिए सोने की सही मुद्रा खोज ली है अब मुझे सोते समय हिलने डुलने की आवश्यकता नहीं है मैं नींद में भी जागता रहता हूं तब तक मेरा शरीर सोता है पर मैं जागता रहता हूं सवाल यह नहीं है कि शरीर नींद की अवस्था में चलता है या नहीं शरीर स्थिर अवस्था में क्यों नहीं रह सकता।
वास्तविक कारण मन है मन ही है जो शांत और स्थिर नहीं रह पाता और यही कारण है कि हम नींद की अवस्था में भी अपने शरीर को हिलाते रहते हैं लेकिन मैं इन सब बातों से परे आ गया हूं अब मुझ में मन जैसा कुछ नहीं बचा जब मैं सो जाता हूं तो मेरा शरीर मुर्दे जैसा हो जाता है म मन जैसा कुछ रहता ही नहीं आनंद क्या आपने कभी किसी मृत शरीर को अपनी अवस्था बदलते हुए देखा है।
गहरी नींद की अवस्था में भी यह सारा काम हमारा मन ही करता है एक बार मन स्थिर हो जाए मन शांत हो जाए तो आपका शरीर गहराई में चला जाएगा सो जाओ लेकिन तुम भीतर से जाग जाओगे भीतर से तुम सब कुछ अनुभव कर पाओगे सोने के बाद भी अपनी जागरूकता एक छोटे से जलते हुए दीपक की तरह निरंतर प्रज्वलित होगा कहानी समाप्त करने के बाद बौद्ध भिक्षु ने अमीर आदमी से कहा एक प्रबुद्ध व्यक्ति ना केवल अपने शरीर को पूरी जागरूकता के साथ देखता है ।
बल्कि वह अपने मन को भी पूरी जागरूकता के साथ देखता रहता है एक प्रबुद्ध व्यक्ति की तरह नींद नहीं आती है सामान्य व्यक्ति जब सोता है तो बेहोश हो जाता है उन्हें अपने आसपास के बारे में पता नहीं चल पाता इसलिए वह अपने सपने भी नहीं चुन पाते लेकिन जब एक बुद्ध व्यक्ति सोता है तो वह जागता है जैसे सुबह उसकी आंखें खुली होती हैं।
व ही एक बुद्ध भी एक व्यक्ति की तरह नींद में होता है इसीलिए कहा जाता है कि एक बुद्ध व्यक्ति कभी नहीं सोता है जब एक आम आदमी सो जाता है तो वह नहीं जानता कि वह कब सो जाता है लेकिन अगर आप जागने और सोने के बीच के उस छोटे से क्षण में जागते रह सकते हैं जब हम सोने के बहुत करीब होते हैं तो कुछ आश्चर्य जनक होगा जो आपको जागरूकता के करीब ले जाएगा।
यह सुनकर उस व्यक्ति ने कहा मुनिवर मुझे इतनी गहरी आध्याता की बातें समझ में नहीं आती कृपया मुझे आसान शब्दों में समझ आए कि मुझे गहरी नींद आसानी से क्यों नहीं आती बौद्ध भिक्षु ने कहा गहरी नींद ना आने के मुख्य पांच कारण हैं देर रात तक जागने और आसानी से नींद ना आने के सबसे पहला कारण है।
बिस्तर पर सोने के अलावा अन्य काम करना जैसे कई लोगों की आदत होती है कि वे बिस्तर पर ही खाना खाते हैं बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करते हैं और ऐसे कई काम वे अपने बेडरूम में ही करते हैं शयन कक्ष का अर्थ सोने का स्थान होता है लेकिन लोग इसका प्रयोग अन्य कार्यों के लिए भी करते हैं जिससे हमारे मस्तिष्क में शयन कक्ष का कोई निश्चित अर्थ नहीं होता है ।
इसलिए जब हम बिस्तर पर सोने जाते हैं तो हमारा मन पूरी तरह से स्वीकार नहीं करता है कि अब हमें सोना है क्योंकि तुमने एक ही जगह पर दूसरे काम करने की आदत बना ली होती है दोस्तों अगर हम एक्को की बात करें आज के समय की बात करें तो हम भी बिस्तर पर लेटकर फोन पर बात करते हैं ऑफिस का काम बिस्तर पर बैठकर ही करते हैं फिर चाहे वह मूवी देखना हो खाना खाना हो गेम खेलना हो या गपशप करना हो।
आजकल लोग अपना ज्यादातर समय बिस्तर पर लेटे हुए बिताते हैं जिसकी वजह से बिस्तर अब हमारे दिमाग में सिर्फ सोने की जगह नहीं रह गया है और यह एक बड़ा कारण है कि जब हम बिस्तर पर जाते हैं तो घंटों तक नहीं सोते हैं बौद्ध भिक्षु ने आगे कहा बौद्ध आश्रमों में एक भिक्षु सुबह उठते ही अपना बिस्तर छोड़ देता है और फिर रात के समय ही वापस बिस्तर पर जाता है जिससे उसके मस्तिष्क को पता चल जाता है कि बिस्तर पर जाने का मतलब है।
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गहन निद्रा के अंदर चले जान अच्छी और चैन की नींद ना लेने का एक और कारण है सोने का एक निश्चित समय ना होना बौद्ध भिक्षु ने कहा यदि आप सुबह जल्दी उठना चाहते हैं और पूरी नींद के साथ सोना चाहते हैं तो आपको रात को जल्दी और एक निश्चित समय पर सोने की आदत डालनी होगी ।
बौद्ध आश्रमों में रहने वाले भिक्षु हमेशा प्रकाश लेते हैं और सोने से कुछ घंटे पहले निश्चित समय पर आसानी से पचने वाला भोजन करें और प्रतिदिन निश्चित समय पर सो जाएं इस तरह वे एक निश्चित दिनचर्या का पालन करते हैं दोस्तों अगर हम आज के लाइफ स्टाइल की बात करें तो ज्यादातर लोगों का ना तो सोने और ना ही उठने का एक निश्चित समय होता है।
और ना ही वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि रात का खाना हल्का और जरूरत से थोड़ा कम हो बल्कि उनका मुख्य भोजन वही होता है केवल रात में ही नहीं वीकेंड पर यह देर रात तक जागते रहते हैं क्योंकि अगले दिन कोई काम नहीं होता है अगर यह रात में मूवी देखने लगे तो रात का समय कितना ही क्यों ना हो मूवी पूरी करके ही सोते हैं ।
समय और जीवन के बीच कोई सामंजस्य और नियंत्रण नहीं है और फिर यही वह लोग होते हैं जो अगले दिन अधूरी नींद के साथ जागते हैं और दिन भर बेचैनी और थकान महसूस करते हैं यौगिक संस्कृति में नींद को एक चमत्कारी दुनिया कहा गया है अगर आप नींद को समझ ले तो आप नींद में अपने अंदर बहुत कुछ पैदा कर सकते हैं और अगर आप नहीं समझते हैं तो आप इसे खराब भी कर देते हैं।
बौद्ध भिक्षु ने आगे कहा गहरी नींद ना आने और सुबह उठने पर अच्छा महसूस ना करने का तीसरा कारण सोने से पहले नकारात्मक चीजों के बारे में सोचना है जिस तरह के विचारों के बारे में सोचते हुए आप सोते हैं जब आप सुबह में अपनी आंखों को खोलते हैं यह आपके दिमाग में आने वाले पहले विचार है इसलिए जब आप नकारात्मक विचारों के साथ सोते हैं तो आप सुबह उन्हीं के साथ उठते हैं।
बिस्तर पर लेटे जब हम सोने ही वाले होते हैं तब हमारा अचेतन मन सबसे अधिक सक्रिय होता है और इस समय हम अपने अंदर जो विचार पैदा कर रहे होते हैं हमारा अचेतन मन सीधे उन विचारों को स्वीकार करता है और उन्हें वास्तविकता में लाने की कोशिश करता है हमारा अचेतन मन नहीं कर सकता अच्छे और बुरे विचारों के बीच का अंतर यह हमें खुद करना पड़ता है मन नहीं जानता कि हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या यह प्राप्त सूचनाओं पर ही काम करना शुरू कर देता है।
इसलिए हमें सोते समय अपनी समस्याओं और नकारात्मक विचारों के बारे में सोचने के बजाय उन अच्छी बातों के बारे में सोचना चाहिए जिसे हम अपने जीवन में पाना चाहते हैं हमेशा रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद उन बातों के बारे में सोचे जो आपके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव ला सकती है अच्छी और अच्छी नींद ना आने का चौथा कारण है।
गलत तरीके से सोना बौद्ध भिक्षु ने कहा आपने सुना होगा कि भारत में अक्सर यह कहा जाता है कि उत्तर की ओर सिर करके ना सोए ऐसा इसलिए है क्योंकि जब हम उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं तो पृथ्वी के चुंबकीय खिंचाव के कारण हमारे शरीर का बहुत सारा खून दिमाग की तरफ जाने की कोशिश करता है और दिमाग में पाई जाने वाली नसें बहुत पतली हो जाती हैं।
{ Motivational Kahani in Hindi, Inspirational Story in hindi}
इनके फटने का खतरा बढ़ जाता है और अगर इंसान ज्यादा बूढ़ा और कमजोर है तो उसकी इससे मौत भी हो सकती है लेकिन आमतौर पर जो लोग उत्तर की ओर सिर करके होते हैं वे सुबह उठते ही सिर में तनाव महसूस करते हैं पर उन्होंने अपना पूरा समय व्यतीत कर दिया होता है रात में बेचैन होना या करवट बदलना दूसरी गलती जो लोग सोने की पोजीशन में करते हैं वह यह है कि वे किसी भी तरह से सो जाते हैं।
उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी रीढ़ की हड्डी सीधी है या नहीं लोग अक्सर अपने पेट या जो कुछ भी पोजीशन हो उसमें ही सोते हैं जबकि हमें कोशिश करनी चाहिए कि या तो हम सीधे सोए या फिर बाई ओर करवट लेकर सोए इससे शरीर के अंगों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है ।
सोते समय बहुत मोटे गद्दे का उपयोग ना करें क्योंकि यह आपकी रीड को मोड़ देता है और गहरी नींद में बाधा डालता है साथ ही ज्यादा मोटे तकिए का इस्तेमाल ना करें क्योंकि इससे आपकी गर्दन ज्यादा मुड़ जाती है और आपका शरीर तनाव महसूस करता है और इससे आपकी गहरी नींद में बाधा आती है देर रात तक नींद ना आने और रात भर नींद में बेचैनी का पांचवा कारण है ।
खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन और उनका देर से पचना अगर आप रात को भरपेट और अधिक तैलीय पदार्थों का सेवन करते हैं तो यह हमारी नींद में भी खलर डालता है क्योंकि इन पदार्थों को पचाने में काफी समय और ऊर्जा लगती है इसलिए अगर आप ऐसे पदार्थों का सेवन करते हैं तो सोने से करीब तीन-चार घंटे पहले इन्हें खाने की कोशिश करें उस व्यक्ति ने कहा मुनिवर आर्शी मैं समझता हूं कि गहरी और चैन की नींद ना आने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं।
लेकिन अब क्या आप कुछ ऐसे उपाय बता सकते हैं जिन्हें करने से हमें गहरी नींद आने में मदद मिलती है बौद्ध भिक्षु ने कहा मैं आपको कुछ ऐसे कर्म बता रहा हूं जिन्हें आप सोने से पहले या उठने के बाद कर सकते हैं जिससे ना सिर्फ आपकी नींद गहरी होगी बल्कि आपके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव भी आना शुरू होगा और यह सभी काम आपको नहीं करने चाहिए।
इनमें से जो भी दो-तीन कार्य आपके लिए उपयुक्त हैं आप कर सकते सबसे पहले सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाने की कोशिश करें नहाने से हमारा शरीर जागृत और तनाव मुक्त हो जाता है आपने देखा होगा कि जब कोई व्यक्ति नहाकर आता है तो उसके भीतर से एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है ।
वह अधिक प्रसन्न और निश्चिंत लगने लगता है इसका कारण यह है कि हमारे शरीर का अधिकांश भाग जल ही है और जल ही हमारे शरीर का मूल अंग है सोने से पहले हो सके तो अपने बेडरूम में किसी भी ऑर्गेनिक तेल और रुई का दिया जलाएं इससे आसपास के वातावरण में सकारात्मकता आती है सोने से पहले थोड़ा पानी पिएं इससे आपको काफी फायदा होगा।
जब आप बिस्तर पर जाएं सोने से पहले कुछ मिनटों के लिए ध्यान करें और आपके पास जो कुछ भी है उसके लिए आभार व्यक्त करें या उन सभी अच्छी चीजों के बारे में सोचे जो आपने अपने दिन में की है सोने से पहले एक बार याद कर लें कि आप नश्वर हैं आप आज मर सकते हैं ऐसा सोचने से आप अपनी छोटी-छोटी समस्याओं की चिंता करना छोड़ देते हैं।
सुबह उठते ही अपने दोनों हाथों को आपस में रगड़ करर अपनी आंखों पर रख लें इससे आपका शरीर जागृत होता है और उठकर हमेशा दाहिनी करवट ले हमेशा रात को जल्दी सोने की कोशिश करें ताकि आप सुबह जल्दी उठ सकें और पूरी नींद ले सके वही बुद्ध भिक्षु एक कहानी सुनते हैं वह कहानी की शुरुआत कुछ इस प्रकार करते हैं एक साधु से किसी व्यक्ति ने कहा कि उसके मन में चलते विचारों का सैलाब उसे बहुत परेशान कर रहा है ।
उस साधु ने उसकी तकलीफ दूर करने के लिए अपने एक मित्र साधु के पास भेजा और उससे कहा कि जाओ और उसकी दिनचर्या को ध्यान से देखो वह तुम्हें जीने का सही तरीका बताएंगे वह व्यक्ति गया जिस साधु के पास उसे भेजा गया था वह धर्मशाला में रखवाला था उसने वहां जाकर कुछ दिन तक उसकी दिनचर्या देखी लेकिन उसे उसमें कोई खास बात दिखाई नहीं पड़ी जिससे कुछ सीखा जा सके वह साधु एक सामान्य और साधारण व्यक्ति था उसमें कोई ज्ञान के लक्षण भी दिखाई नहीं पड़ते थे।
वह पहले साधु के पास लौट गया और उसे सारी बात बताई साधु ने उसे फिर लौटने की सलाह दी और उसे यह पता लगाने को कहा कि दूसरा साधु सोने से पहले और जागने के बाद सबसे पहला काम क्या करता है उसने यही किया साधु ने कहा रात्रि को मैं सारे बर्तन मांजता हूं और चूंकि रात्रि भर में उनमें थोड़ी बहुत धूल पुण जम जाती है।
इसलिए सुबह उन्हें फिर धोता हूं बर्तन गंदे और धूल भरे ना हो यह ध्यान रखना जरूरी है मैं इस धर्मशाला का रखवाला जो हूं वह व्यक्ति निराश होकर फिर से अपने गुरु के पास लौटा उसके गुरु ने कहा जो जानने योग्य था वह तुम सुन और देख आए हो लेकिन समझ नहीं सके रात को तुम भी अपने मन को मांझ उसमें पूरे दिन के बैर और बुरे विचार बचे होंगे और सुबह एक बार फिर उसे धो डालो क्योंकि ?
हो सकता है रात में फिर वह बुरे विचार तुम्हें जकड़ ले धीरे-धीरे तुम्हारा मन शांत हो जाएगा दोस्तों आप भी ऐसा ही कीजिए सोने से पहले दूसरों के साथ खुद को हर उस चीज के लिए माफ कर दीजिए जो आपको बुरी तरह से प्रभावित करती है आप हर बुरे ख्याल को छोड़कर सो जाइए इसके बाद जब सुबह उठे तो टटोल कि कोई बुरा ख्याल रह तो नहीं गया।
अगर हां तो उसे बिस्तर के साथ उन बुरे विचारों को वहीं छोड़ दे इस कहानी को सुनने के बाद वह बुद्ध भिक्षु बोले अगर तुम्हें गहरी और अच्छी नींद चाहिए और अपने मन के बुरे विचारों को खत्म करना है तो मैंने तुम्हें जो आज पांच आदतें बताई है है उन्हें तुम्हें अपने जीवन में नियमित उतरना होगा और जैसे जैसे तुम इन पांच आदतों को हर दिन करने का प्रयास करोगे।
वैसे-वैसे तुम्हारे मन के बुरे विचार अपने आप खत्म होना शुरू होंगे और तुम्हारा शरीर गहराई से अपनी नींद को ले पाएगा क्योंकि मन ही वह चीज है जिस वजह से तुम्हारा शरीर तुम्हें अच्छे से नींद नहीं दे पाता है मन का खेल सारा जो अपने मन को समझ गया वह जीवन में कभी चिताओं से ग्रस्त नहीं रह सकता।
यह कहकर वह बहुत भिक्षु वहां से चले जाते हैं दोस्तों बौद्ध भिक्षु की इस कहानी से आपको क्या सीखने मिला यह कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताइए और अगर आपको वीडियो अच्छी लगी हो तो कहानी को एक लाइक और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कर दीजिए आपका कहानी देखने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद बुद्धम शरणम गच्छा में,
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