Swami Vivekananda Story | Inspirational And Motivational Story In Hindi
Swami Vivekananda Story | Inspirational And Motivational Story In Hindi .
आज की कहानी है Swami Vivekananda Story यह कहानी आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
स्वामी विवेकानंद की कहानी हिन्दी में.
स्वामी विवेकानंद कहते का निर्माण ठोकर खाने के बाद ही होता है इस दुनिया में कई बार आप चालक लोगों की चालाकी का शिकार हो गए क्योंकि यह दुनिया चालक लोगों की है धीरे-धीरे इस दुनिया के साथ समायोजन करने के लिए आपको भी कई जगह चालक और चतुराई से कम लेना होगा।
आज के इस कहानी में हम स्वामी विवेकानंद के अनुसार चालक और चतुर कैसे बने इसके बड़े में जानेंगे इसे जन से पहले आप अपनी इंद्रियों को सक्रिय कर ले ताकि आप इनके बड़े में अच्छे से जान पाएं।
1 कभी भी विवादों का हिस्सा ना बने।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं चालाकी और चतुराई का होना तब तक गलत नहीं होता जब तक वह किसी का नुकसान ना करती हो इंसान को कभी विवादों में नहीं पढ़ना चाहिए आप कोशिश करें की भूल कर भी आप किसी तरह के विवाद में शामिल ना हो विवाद में शामिल होने पर आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
हो सकता है किसी दूसरे का विवाद आपके सर पद जाए जिसके करण आपको कई तरह की समस्याएं हो शक्ति है यदि आपके साथ भी किसी तरह का कोई विवाद हो जाता है तो उसे खत्म करने की कोशिश करें विवाद से किसी का भी किसी तरह से कोई फायदा नहीं होता विवादों में उलझाकर कई बार चालक लोग।
आपका फायदा उठा सकते हैं इस दुनिया में ऐसे कई बुरे इंसान है जो दो के बीच झगड़ा बढ़ाने में डेरी नहीं करते ऐसे मैं आपको समझदार होना चाहिए हो सकता है यह विवाद पारिवारिक हो सकता है।
यह आपके कार्य क्षेत्र में हो ऐसा होने से आपके रिश्तों पर संकट ए सकता है रिश्तो को निभाना में व्यक्ति को चतुराई और चालाकी भी आना जरूरी होता है नहीं तो आप कभी समझ ही नहीं पाएंगे की लोग आपको गुस्सा रहे हैं या आपका भला कर रहे हैं।
2 बोलने के लिए आनंद कहते हैं इस दुनिया में लोग ज्यादातर दो चेहरे लिए फिरते हैं।
जब आपसे कम होगा वो आपसे मीठा बोलेंगे चाहे उनके मां में आपके प्रति जहर भारत हो उनके मकसद की पहचान करने की चतुराई आप में नहीं होगी तो आपको बेइज्जती का सामना करना पद सकता है इंसान की प्रवृत्ति होती है कम के वक्त गधे को पाप बनाना अगर आप भी किसी की चालाकी का शिकार हो जाते हो तो आप उसे वक्त गधे मैन जाओगे क्योंकि ?
आप उसे व्यक्ति की मीठी बटन में उलझा जाएंगे आप उसके असली मकसद की पहचान नहीं कर पाएंगे इतनी चतुराई और चला की आप में हनी आवश्यक है ताकि कोई आपका फायदा ना उठाएं ।
3 चालक लोगों से सीखे।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं इस दुनिया में आगे बढ़ाना है तो चालक लोगों जैसी चालाकी की तरकीबें भी सीखनी होगी।
यहां पर किसी का बड़ा करने की बात बिल्कुल नहीं है यहां अर्थ है की आप खुद को बेहतर बना सके खुद को परख करने में मजबूत बना सके सोच अगर जौहरी हीरे की परत में माहिर नहीं होगा तो वो कोयल को भी हीरा समझ लगा इस दुनिया में कई लोग आपको हीरे की जगह कोयला पड़ा कर चले जाएंगे।
चतुराई और जल की तब कम आई है जब आप उसकी चोरी पकड़ कर अपने आप का बचाव कर लेते हो इसीलिए जरूरी है की आज के इस दूर में आप चालक बने।
4 अपनी कमजोरी को रहस्य बनाए रखें
स्वामी विवेकानंद कहते हैं यह दुनिया एक युद्ध क्षेत्र की भांति है आप अपनी कमजोरी बता डॉग तो तुरंत हर जाओगे।
{ Swami Vivekananda Motivational Kahani in Hindi }
अगर दुनिया के युद्ध क्षेत्र में विजय हासिल करनी है तो अपनी कमजोरी को रहस्य रहने दीजिए इंसान की प्रवृत्ति होती है वह अपने धनिष्ठा को हर अपनी छोटी कमजोरी बता देता है वो यह भूल जाता है की मित्र को शत्रु बनते डर नहीं लगती।
आप अपने मित्र को पैसे उधर दो वो आपका मित्र बन जाएगा लेकिन आपकी जरूर पढ़ने पर आप वो उधर पैसे वापस मांग लो वो तुरंत आपका दुश्मन बन जाएगा इसीलिए मित्र भी शत्रु बन सकता है अपनी कमजोरी छिपने में चतुराई रखें कई लोग होंगे।
जो आपकी कमजोरी को बाहर लाने की कोशिश में लगे रहेंगे आपको उनके दृष्टिकोण को समझना का गुणा चाहिए जो जितना कमजोर होता है यह दुनिया उसका उतना ही ज्यादा फायदा उठाती है।
5 हर जगह क्रोधित नहीं होना चाहिए।
स्वामी विवेकानंद कहते की सबसे बड़ी पहचान होती है की वह क्रोधित होने की बजे पहले स्थिति को भगत है मूर्ख व्यक्ति की तरह कहानी भी क्रोध का प्रदर्शन नहीं करता अक्सर जो लोग सीधे होते हैं या अपनी भावनाओं को जल्दी नियंत्रित नहीं कर पाते वे विपरीत परिस्थितियों में क्रोधित होकर या गुस्सा करके अपना क्रोध जाहिर करते हैं।
यदि आपकी भी ऐसी ही आदत है तो आगे से कभी स्थिति को वहां पे बिना क्रोधित होने का ना सोच स्वामी जी कहते हैं आपको लगता होगा की आपको वहां क्रोध करना चाहिए लेकिन इस तरह से आप स्थिति को अपने विपरीत ज्यादा कर देंगे इसलिए।
यदि आप चाहते हैं की आप चालाकी से अपने कम को बनाएं या सुधरे तो उसके लिए बहुत जरूरी है की आप क्रोध करने से बच्चे और ना ही किसी के सामने अपना क्रोध जाहिर होने दे आप स्थिति को समझे और अपनी बात को निडरता के साथ लेकिन संयम से कहना सीखे फिर देखिए बाद में आपको उसका क्या परिणाम मिलता है।
6 मतलबी लोगों से सावधान रहे।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं इस दुनिया में कई ऐसे लोग होते हैं जो खुद से ज्यादा औरों की पसंद का ख्याल रखते हैं चालक और चतुर लोग ऐसे लोगों का जमकर फायदा उठाते हैं उनसे अपनी पसंद के अनुसार हर वो कम करवा लेते हैं जो खुद उनके लिए कभी नहीं कर सकते इंसान को हमेशा अपनी पसंद का भी ख्याल रखना चाहिए।
यदि आप हमेशा औरों की पसंद को ही तवज्जो देंगे तो कैसे कम चलेगा स्वामी जी कहते हैं जो व्यक्ति हमेशा दूसरों की पसंद के अनुसार ही कम करें या उसके अनुसार अपने आप को दल ले तो यह सरासर गलत ही कहा जाएगा।
इसका मतलब होता है की सामने वाला व्यक्ति बहुत चालक है और वह अपने अनुसार आपसे सभी तरह के कम करवा रहा है और आप बिना सोच समझे उसके कम करते जा रहे हैं इसीलिए चतुर और चालक बन के रहे।
7 बोलने के स्थान पर समझ रखें।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कई ऐसे लोग होते हैं जो बोलने के स्थान पर मौन रहते हैं और ना बोलने के स्थान पर बहुत बोलते हैं ऐसे में लोग अपनी चालाकी और चतुराई का फायदा उठा लेते हैं आप वहां मूर्ख साबित हो जाते हैं कई लोगों की प्रवृत्ति होती है।
वो सिर्फ बोलते ही रहते हैं उनसे होता कुछ नहीं ऐसे रवैया से उनकी वैल्यू कम होती जाति है क्योंकि वह कोई मीनिंगफुल बात नहीं करते लेकिन किसी भी विषय में जब तक जानकारी ना हो वहां मौन रहने की चालाकी आपने हनी चाहिए कहानी जगह ऐसी होगी जहां आपका बड़ा करने के लिए लोग चाहेंगे।
आप बोले लेकिन वहां चतुराई रखकर आपको मौन रहना पड़ेगा अगर आपको चालक बन्ना है तो आप मौन का गुड जरूर सीखें और तभी बोले जब आपकी बोले गए शब्द आपकी वैल्यू क्रिएट करते हो कुछ ऐसा बोलो जो इफेक्टिव हो इससे सुनने वाले पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है और उनको पता चला है की आप एक समझदार इंसान हैं।
अपनी वैल्यू कैसे बढ़ाएं इस पर भी हमारा एक पर्टिकुलर वीडियो बना हुआ है अधिक जन के लिए आप ऊपर आई बटन पर क्लिक करके उसे भी देख सकते हैं।
8 पिछली गलतियां को जहीर ना करें।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कई इंसान अपनी गलतियां को छुपाने से ज्यादा उन्हें बार-बार जाहिर कर देते हैं जिससे लोग उन्हें फालतू समझ लेते हैं इतने भी सीधे ना बने की आप अपनी कैमियो को अपनी गलतियां को लोगों को बताते फायर आप किसी कंपनी में कम करते थे।
जहां आपने कई गलतियां की जिसके करण आपको नौकरी से निकाल दिया गया अब अगर आपको कहानी अपने कम में होशियार बन्ना है वैल्यू क्रिएट करनी है तो नई जगह जाकर नया करोगे ना क्यों नहीं गलतियां से अपनी छवि खराब करोगे उसे स्थिति में आपको अपनी गलतियां को सुधारना होगा और सुधारने के लिए।
आपको पिछली गलतियां को प्रकाश में ना लाने की चालाकी और चतुराई को समझना होगा।
9 फैसला लेने से पहले चतुराई से सोच
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें तकलीफ में होने पर कोई आकर यह का दे की तू यह फैसला ले ले ठीक हो जाएगा तो वो तुरंत उसे मां लेंगे।
![]() |
| Swami Vivekananda Story |
जबकि आपका एक निर्णय आपका जीवन बना भी सकता है और बर्बाद भी कर सकता है जीवन में कभी भी बिना सूझ-बूझ के किसी की बटन में आकर कोई निर्णय नहीं ले यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी बर्बादी का करण आप स्वयं बन जाओगे और जिनकी बटन में आकर आपने निर्णय लिया होगा वो भी आपसे कोसो दूर भाग जाएंगे जीवन में कोई भी फैसला बिना चालाकी और चतुराई के बिना ना लेने।
10. ना बोलना सीखें ।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं यदि किसी की बात को आप सुनते ही मां लेते हैं तो यह आपकी बेवकूफी है किसी भी बात को सुनने के बाद उसे पर विचार किया बिना किसी को उत्तर ना दें ऐसा करने पर चालक लोग आपको मोहरे की तरह इस्तेमाल करेंगे हो सकता है आप किसी बड़े पद पर हैं आप अपनी कंपनी चलते हैं।
लेकिन उसमें आपकी कोई रणनीति नहीं होती जब आप दूसरों के खाने पर करते हो तो आप कब बर्बाद हो जाओगे आपको पता भी नहीं चलेगा आपको बर्बाद करके आपको सीधी बनाकर लोग आपसे ऊपर पहुंच जाएंगे इसीलिए जीवन में बिना सोच समझे किसी की बटन पर भरोसा ना करें।
आज की इस कहानी में हमने स्वामी विवेकानंद के अनुसार चालक और चतुर कैसे बने इसके बड़े में जाना उम्मीद है इन विचारों पर आप जरूर अमल करेंगे धन्यवाद .
.jpeg)
Post a Comment