मन को बस में करने के 5 नियम | बुद्घ की प्रेरणादायक कहानी | Hindi Motivational Story In Hindi

 मन को बस में करने के 5 नियम | बुद्घ की प्रेरणादायक कहानी | Hindi Motivational Story In Hindi .

नमस्कार दोस्तों आज की है' बुद्घ की प्रेरणादायक कहानी , आज के इस कहानी को पढने के बाद आपका मन आपके बस में हो जाएगा और वही करेगा जो आप करना चाहते हो तो कहानी को ध्यान से और अंत तक जरूर देखें । 




Motivational Story In Hindi | मन को बस में करने के 5 नियम 

एक बार एक परेशान शिष्य अपने गुरु के पास जाता है और उनसे कहता है गुरुदेव मैं बहुत परेशान हूं मैं जब भी किसी नई आदत को अपनाने की कोशिश करता हूं तो शुरुआत के दो चार दिन तो मैं अपनी नई आदत का पूरे नियम के साथ पालन करता हूं।


 लेकिन कुछ दिनों बाद मैं फिर से अपनी पुरानी वाली आदतों पर वापस लौटता हूं पता नहीं क्यों मैं चाहकर भी अच्छी आदतें डाल नहीं पा रहा हूं कृपया कर आप मुझे कोई ऐसा तरीका बताएं जिससे मैं किसी भी आदत को आसानी से अपना सकूं गुरु ने कहा पहले तो तुम यह समझो कि आदतें है क्या ?


 जब हम किसी व्यवहार को बिना किसी खास वजह के दोहराते रहते हैं तो उसे आदत कहा जाता है यानी कि जब हम किसी काम को बिना किसी सोच विचार के लगा लगातार कर सके तब वह काम हमारी आदत कहलाती है।


 जैसे कि बेवजह खान की आदत आदतों के पढ़ने का एक ही तरीका है और वह है बार-बार दोहराना आदतें अच्छी हो या बुरी वह हमारे अंदर केवल इसीलिए हैं क्योंकि ? 


हमने उनको बार-बार दोहराया है गुरु ने आगे कहा तुमने देखा होगा कि बुरी आदतें अपने आप पड़ जाती है जबकि अच्छी आदतों को डालने के लिए हमें लगातार और लंबे समय तक प्रयास करना होता है और इसका कारण है।


 हमारा मन इंसानी दिमाग ने ही समय के साथ खुद को ऐसे विकसित किया है कि यह किसी भी प्रकार के दर्द जिम्मेदारी और परेशानी से बचने की कोशिश करता है और उन कामों को आसानी से अपना लेता है।


 जिन्हें करने में इसे आनंद आता है इसे आनंद आता है आराम मिलता है और जिनके परिणाम इसे तुरंत मिल जाते हैं क्योंकि गलत काम करने में मन को मजा आता है और उसके परिणाम भी इसे तुरंत मिल जाते हैं।

 इसीलिए यह उसकी तरफ आकर्षित होता है और उन्हें आसानी से अपनी आदत बना लेता है जैसे जुआ खेलने और धूम्रपान करना लेकिन क्योंकि अच्छे और सफलता के कामों के लिए इसे काफी सोच विचार लगन और काम के परिणाम का लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।


 इसीलिए यह ऐसे कामों से बचने की कोशिश करता है और इन्हें आसानी से अपनी आदत नहीं बनाता शिष्य ने कहा गुरुदेव मैं तो समझ गया कि आदतें क्या है और बुरी आदतें आसानी से क्यों पड़ जाती हैं।


 लेकिन हम ऐसा क्या करें कि हमारा मन अच्छी आदतों को भी बुरी आदतों की तरह आसानी से अपना ले गुरु ने कहा इसके लिए हमें मन की सबसे बड़ी कमजोरी का फायदा उठाना होगा।


 शिष्य ने कहा कौन सी कमजोरी है गुरु ने कहा हमारा मन हर चीज में मजा ढूंढता है उस आदत को जिसे हम अपनाना चाहते हैं अगर किसी तरीके से उसे ऐसा बना दिया जाए कि उसे करने में हमारे मन को मजा आने लगे 'तो हमारा मन आसानी से उस आदत को अपना लेगा शिष्य ने कहा लेकिन ऐसा कैसे किया जाए गुरु ने कहा इसके लिए आज मैं तुम्हें पांच ऐसे तरीके बताने जा रहा हूं।


 जिनका उपयोग करके तुम किसी भी आदत को आसानी से अपने जीवन का हिस्सा बना सकते हो गुरु ने कहना शुरू किया।

 1 पहली चीज है स्पष्टता

 ज्यादातर आदतों को सिर्फ इसलिए नहीं अपना पाते क्योंकि उन्हें कैसे अपनाना है इसको लेकर हमारे अंदर पूरी तरह से स्पष्टता नहीं होती हमारे मन को रास्ता नहीं पता होता जिस पर चलकर उसे आदत को अपनाना है।


 जिस प्रकार गणित के प्रश्न हल करने वाले किसी छात्र को अगर अच्छी तरीके से यह समझ नहीं आता कि इस प्रश्न को हल करने का तरीका क्या है 'तो उसे उसे प्रश्न को हल करना ओझल मालूम पड़ेगा और वह उन्हें करने से दूर भागेगा लेकिन अगर उसी छात्र को ठीक से यह समझ में आ जाए कि प्रश्न को हल करने ने का सही तरीका क्या है।


 तो उसे उन्हीं प्रश्नों को हल करने में मजा आने लगेगा ठीक इसी प्रकार हमारे मन के साथ भी होता है अगर उसे यह स्पष्ट हो जाए कि किसी आदत को अपनाने के लिए उसे क्या-क्या करना है तो फिर वह इसी प्रक्रिया में खुद के लिए मजा ढूंढने लगेगा और मन को स्पष्टता देने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी आदत को अपनाने के लिए आपको जो कुछ भी करना पड़ेगा।


 उसे स्पष्ट रूप से लिखें जैसे कि अगर आपको अपने मन को शांत रखने की आदत डालनी है तो आप हर छोटी से छोटी चीज को जैसे कि आप रोज सुबह 5:00 बजे उठेंगे रोज 20 मिनट ध्यान करेंगे ज्यादा बोलने से बचेंगे।


 कुछ समय एकांत में गुजारेंगे ऐसे लोगों से दूर रहेंगे जो आपके मन में अशांति उत्पन्न करते हैं लिखने से वह रास्ता जिस पर मन को चलना है, वह उसके लिए एकदम स्पष्ट हो जाता है इसीलिए सबसे पहले अपने मन को वह स्पष्ट रास्ता दो जिस पर चलकर उसे किसी आदत को अपनाना है।


 गुरु ने कहा दूसरी बात वह कारण पता करो कि आखिर तुम इस आदत को क्यों अपनाना चाहते हो कारण जितना बड़ा होगा आदत उतनी ही जल्दी और आसानी से पड़ जाएगी जैसे कि अगर कोई इंसान बहुत ज्यादा बीमार है और वेद ने कह दिया कि तुम्हें रोज सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर पैदल चलना होगा।


 वरना तुम्हारी हालत ठीक नहीं होगी और तुम्हारी मृत्यु भी हो सकती है तो फिर वह इंसान चाहे कितना ही बड़ा आलसी क्यों ना हो वह रोज सुबह सूर्य उदय से से पहले उठने की आदत डाल ही लेगा क्योंकि यहां कारण बहुत बड़ा है बात उसकी जान तक आ चुकी है इसीलिए अपनी आदत को किसी बड़े कारण से जोड़ो कि आप इस काम को क्यों करेंगे ?


 गुरु ने कहा तीसरी बात आदतों को आसानी से अपने के लिए समझो दर्द और मजे का नियम किसी भी काम में हमारा मन दर्द को कम से कम और मजे को ज्यादा से ज्यादा करना चाहता है असल में यह दर्द और मजे का नियम ही है जो हमारी आदतों को चलाता है जिस काम में मन को दर्द ज्यादा और मजा कम मिलेगा।


 उसे काम को करने की आदत मन कभी नहीं डालेगा और इसका उल्टा भी उतना ही सही है तो फिर इसका समाधान क्या है इसका समाधान यह है कि जिस काम को करने की आदत हम डालना चाहते हैं।


 अगर हम किसी तरीके से उसे ऐसा बना दें कि मन को उस कम से मिलने वाली खुशी उससे मिलने वाले दर्द से ज्यादा बड़ी लगने लगे तो मन उस काम को आसानी से अपना लेगा और ऐसा हम तीन तरीके से कर सकते हैं।


 पहला है शरीर के स्तर पर इस बारे में लगातार सोचो कि अगर मैं इस काम को करने की आदत डाल लेता हूं तो इसके बाद मैं क्या बन जाऊंगा।


 मैं कैसा दिखना लगूंगा मैं इस बीमारी से छुटकारा पा लूंगा यह सब सोचकर इसके सपने देखकर आपके मन को जो खुशी मिलेगी जो उत्साह मिलेगा वह इस काम से मिलने वाले दर्द से कहीं अधिक बड़ा होगा 'और आपका मन आसानी से उसे आदत को अपना लेगा जैसे कि जो इंसान रोज सुबह कसरत करता है वजन उठता है।

 उसे भी दर्द होता है लेकिन उसके मन ने उस खुशी को महसूस कर रखा है जो कसरत करने के बाद उसे मिलती है जो उसे खुद का मजबूत और सुडोल शरीर देखकर मिलती है लोगों की तारीफ सुनकर मिलती है क्योंकि यहां मन को मिलने वाली खुशी दर्द से ज्यादा बड़ी है इसीलिए मन इस आदत को नहीं छोड़ना चाहता गुरु ने आगे कहा ?

 2 दूसरा है धन संपदा के स्तर पर 

अगर तुम कोई ऐसी आदत डाल ना चाहते हो जिससे तुम्हारी आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाएगी तो लगातार अपने मन को यह याद दिलाते रहो कि इस आदत को अपने से तुम्हारे पास कितना धन आ जाएगा तुम्हारा जीवन कितना आसान हो जाएगा।


Motivational Story In Hindi


 समाज और लोगों के बीच तुम्हारी इज्जत कितनी ज्यादा बढ़ जाएगी और जब मन इस आदत से मिलने वाली खुशी को महसूस करने लगेगा तो वह इस आदत को भी अपनाना शुरू कर देगा ।


 3 तीसरा मन के स्तर पर अगर तुम कोई ऐसी आदत अपनाना चाहते हो। जिससे तुम्हारे जीवन में शांति और स्थिरता आए।


 जैसे कि योग ध्यान इत्यादि तब भी तुम लगातार मन को याद दिलाओ कि इस आदत को अपना लेने से तुम कितने शांत और खुश महसूस करोगे तुम तनाव चिंता और ज्यादा सोचने जैसी समस्याओं से छुटकारा पाओगे।


 तुम्हारा व्यक्तित्व कितना निखर जाएगा और तुम कितने प्रभावी और गंभीर व्यक्ति प्रतीत होंगे अगर साधारण शब्दों में कहे तो जिस भी आदत को डालना है उससे मिलने वाले परिणामों के बारे में सोचना शुरू कर दो गुरु ने आगे कहा।

 4 चौथी बात ज्यादातर लोग नई आदतों को सिर्फ इसलिए नहीं अपना पाते क्योंकि वह शुरुआत में ही बड़े-बड़े लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं।


 जैसे कि अगर किसी बुरी आदत को वह पिछले 10 साल से दोहराते आ रहे हैं तो वह उसे अगले कुछ दिनों में ही पूरी तरह से छोड़ने की कोशिश करते हैं जो कि ज्यादातर मौका पर संभव नहीं है किसी भी नई आद को अपनाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए क्योंकि ?

 अगर तुमने अचानक से बड़े-बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए तो तुम्हारे मन को उस काम से दर्द महसूस होना शुरू हो जाएगा क्योंकि मन शुरुआत में ज्यादा बड़े बदलावों के लिए तैयार नहीं होता छोटे-छोटे बदलाव करने से मन ज्यादा दर्द भी महसूस नहीं करता और उसे यह सोचकर खुशी भी मिलती रहती है कुछ ना कुछ कर रहा है।


 इसीलिए किसी भी नई आदत को टुकड़ों में तोड़कर अपनाएं जैसे कि अगर तुम हर रोज एक घंटे किताब पढ़ने की आदत डालना चाहते हो तो शुरुआत एक पन्ने से करो और हर रोज एक नया पन्ना बढ़ते चले जाओ महीने भर बाद तुम एक घंटे से ज्यादा किताब भी पढ़ रहे होंगे और इस आदत को बनाने में तुम्हें ज्यादा परेशानी भी नहीं हुई होगी। गुरु ने कहा

  5 पांचवी बात आसपास का माहौल हमारे ज्यादातर आदतें वही होती हैं जो हमारे आसपास के लोगों की होती है 

कोई भी इंसान आंतरिक रूप से सबसे ज्यादा अपने आसपास के के माहौल और लोगों से ही प्रभावित होता है इसीलिए तुम जो भी आदत अपनाना चाहते हो तो ऐसे लोगों के साथ समय बिताना शुरू कर दो जिनके अंदर वह आदतें पहले से ही हैं।


 केवल उस आदत के माहौल में रहने से ही तुम बिना किसी ज्यादा मेहनत और परेशानी के किसी भी अच्छी आदत को बड़ी आसानी से अपना सकते हो क्योंकि आदत के माहौल में रहने से खुद को उसके हिसाब से ढाल लेता है 'और समय बिताने की वजह से मन को यह स्पष्ट रूप से पता होता है कि इस आदत को कैसे अपनाना है और इसमें कितना दर्द और आनंद है।


 इसीलिए अपने आसपास के माहौल को अच्छा करने की कोशिश करो और अगर नहीं कर सकते हो तो उस चीज से जुड़ी किताबें पढ़ना शुरू कर दो जिस चीज को तुम अपनी आदत बनाना चाहते हो गुरु ने आगे कहा एक आखरी बात और क्योंकि हमारा दिमाग बहुत ही पुरानी बातों यादों और आदतों को अपने अंदर भर के रखता है।


 इसीलिए किसी नई आदत को अपनाना इसके लिए आसान नहीं होता तो इस चीज को आसान बनाने के लिए हमें हमारे मन को खाली करना होगा इसके अंदर के फालतू के विचार और कचरे को साफ करना होगा और यह चीज संभव है।


 लगातार ध्यान और आत्म निरीक्षण से इसीलिए तुम रोज ध्यान करने और कुछ समय एकांत में बैठकर आत्म निरीक्षण करने की भी कोशिश करो इतना कहकर गुरु ने अपनी बात समाप्त की।


 और मोन हो गए शिष्य ने इस सीख के लिए गुरु का धन्यवाद किया और वहां से चला गया दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको इस कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा।


 ऐसे ही हमारे जीवन को बदल देने वाली कहानी देखने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें और बेल आइकन को नल पर सेलेक्ट करना ना भूलें कहानी को अंत तक देखने के लिए आपका धन्यवाद .

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.