महात्मा बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी
महात्मा बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी | Gautam Buddha Motivational Story In Hindi | Life Changing Story .
नमस्कार दोस्तों आज की कहानी है. महात्मा बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी | Gautam Buddha Motivational Story In Hindi | Life Changing Story .जीवन को सफल बनाने के तीन तरीके होते हैं लेकिन इन तीनों तरीकों को समझना अति आवश्यक है यदि आप इन तीनों तरीकों को समझ लेते हैं तो आप किसी के भी मन की बातें बड़ी ही आसानी से जान सकते हैं समझ सकते हैं तो चलिए इसे एक बुद्ध कहानी के माध्यम से समझते हैं कि किस तरह से आप दूसरों की मन की बातें जान सकते हैं समझ सकते हैं।
MOTIVATIONAL KAHANI IN HINDI
बहुत समय पहले की बात है एक छोटा सा गांव था उस गांव में दो भाई रहा करते थे बड़ा भाई अंधा था जिस कारण वह हमेशा घर पर ही बैठा रहता था और छोटा भाई खेती किया करता था लेकिन खेतों में अधिक जानवर आने से पूरी फसलें नष्ट हो जाती थी जिस कारण छोटा भाई बहुत परेशान हो चुका था तभी उसे एक तरकीब सूझी।
एक दिन उसने सोचा खेतों में से इन जानवर को भगाने के लिए क्यों ना मैं अपने बड़े भाई की मदद लूं वैसे भी बड़े भैया अंधे हैं अगर वह खेत में बैठे रहेंगे और जानवरों की आहट आने पर वह उन्हें जोर से चिल्लाकर भगा सकते हैं जिससे हमारी फसलें बच सकती हैं इसलिए उन्हें मैं खेत में बिठा देता हूं।
यह सब सोच विचार करने के बाद उसने अपने खेत में ही एक छोटी सी झोपड़ी तैयार की और अपने अंधे भाई को उस खेत में बिठा दिया और उनसे कहा भैया यदि कोई जानवर की आहट आपको सुनाई दे तो आप जोर-जोर से चिल्लाना यह सुनकर वह जानवर यहां से भाग जाएंगे और हमारी फसलें नष्ट होने से बच जाएंगी ।
बड़ा भाई अपने छोटे भाई की बात मान लेता है और वह उस दिन से खेत में ही रहना शुरू कर देता है जब भी किसी जानवर की आहट उसे सुनाई देती तो वह तुरंत जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर देता जिससे वह जानवर उसके खेतों से भाग जाते उसे ऐसा करते-करते कई दिन बीत चुके थे तभी एक दिन उसके खेत में एक हिरण भागता हुआ आता है और वह उसके खेत के बांध को तोड़कर वहां से भाग गया।
लेकिन उसी हिरण का पीछा करते हुए एक राजा भी उस खेत में आ पहुंचा राजा उसके खेत के आसपास देखते हैं पर उसे वह हिरण कहीं नहीं दिखाई दिखता तभी राजा की नजर उस अंधे भाई पर पड़ती है राजा उस व्यक्ति के पास जाकर कहता है देखो मैं यहां पर एक जानवर का पीछा करते हुए आया हूं क्या तुमने उस जानवर को यहां पर देखा है इस पर वह व्यक्ति कहता है।
हे राजन मैं तो अंधा हूं मैं भला किसी जानवर को कैसे देख सकता हूं लेकिन मैं आपको इतना जरूर बता सकता हूं कि जो जानवर मेरे खेतों से होकर भागा है वह आपके लायक नहीं है आप उसके पीछे अपना समय यूं ही व्यस्त कर रहे हैं राजा उस अंधे व्यक्ति की बात सुनकर बड़ा अचरज में पड़ गया।
वह यह सोचने लगा कि आखिर यह तो अंधा है फिर इसे कैसे पता कि जिस हिरण को मैं तलाश रहा हूं वह हिरण मेरे लायक है ही नहीं यह अंधा व्यक्ति मुझे कैसे बता सकता है तभी राजा उस अंधे व्यक्ति से कह कहता है कहीं तुम मुझसे झूठ तो नहीं कह रहे एक तरफ तुम यह कहते हो कि तुम अंधे हो और दूसरी तरफ तुम यह भी कह रहे हो कि जो जानवर यहां से भागा है वह मेरे लायक नहीं है इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है।
हे राजन जिसे आप एक हिरण समझ रहे हैं असल में वह एक हिरण नहीं है बल्कि एक हिरणी है और और वह भी गर्भवती है और जहां तक मुझे ज्ञान है मैंने कभी किसी राजा को किसी गर्भवती हिरणी का शिकार करते हुए नहीं सुना है और इसी कारण मैं आपसे यह कह रहा हूं कि वह हिरणी आपके लायक नहीं है आप उसके पीछे अपना समय व्यर्थ ना करें।
यह सुनकर राजा और भी अचरज में पड़ गया वह यह सोचने लगा कि आखिर यह अंधा आदमी यह कैसे जान सकता है कि वह हिरणी है और गर्भवती है राजा कुछ देर सोच विचार करने के बाद अपने सेनापति से कहता है सेनापति जी मुझे वह जानवर जिंदा चाहिए क्योंकि मुझे यह पता करना है क्या वह हिरनी है और क्या वह गर्भवती है क्योंकि यह अंधा आद आदमी बहुत विश्वास के साथ कह रहा है और मुझे इस बात की पुष्टि करनी है यदि वह हिरनी हुई और गर्भवती हुई तो वह हमारे शिकार के लायक नहीं है क्योंकि ?
हम तो एक हिरण का पीछा कर रहे थे इसलिए जाओ और पता करो कि क्या वह हिरणी है सेनापति राजा से आज्ञा लेकर आगे की ओर बढ़ चलता है और कुछ देर बाद जब वह वापस लौटकर आता है तो वह राजा को कहता है हे राजन इस अंधे आदमी ने जो भी बातें कही हैं वह बिल्कुल सही है वह एक हिरनी ही है और वह गर्भवती भी है।
यह सुनकर राजा आश्चर्य चकित रह गया उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अंधा आदमी कैसे पता कर सकता है कि वह जानवर एक हिरणी है और तो और वह गर्भवती है भला एक अंधा आदमी यह कैसे देख सकता है यह कैसे जान सकता है आखिर इसे यह कैसे पता चला ऐसे कई प्रश्न अब राजा के मन में आने लगे थे अब राजा ने यह ठान लिया था कि मुझे इस बात की तह तक पहुंचना ही है कि आखिर यह अंधा आदमी कैसे जानता है कि वह जानवर एक हिरनी है।
यह सोचकर राजा उस अंधे आदमी के पास जाता है और उस अंधे आदमी से कहता है देखो मैं यह तो नहीं जानता कि तुम सचमुच अंधे हो या नहीं लेकिन मैं तुमसे एक बात जानने आया हूं क्या तुम मेरे प्रश्न का सही सही जवाब दोगे इस पर अंधा व्यक्ति कहता है हे राजन आप जो कुछ पूछना चाहते हैं मुझसे इसे पूछ सकते हैं मैं आपको बिल्कुल सच सच जवाब दूंगा।
इस पर राजा कहता है देखो एक तो तुम कहते हो कि तुम अंधे हो और दूसरी तरफ तुमने यह बता दिया कि जिस जानवर का पीछा मैं कर रहा हूं वह एक हिरनी है और तो और वह गर्भवती भी है आखिर तुम्हें यह कैसे पता चला तुम्हारे खेत में और भी तो जानवर आते होंगे और भी तो जानवर यहां से गुजरते होंगे फिर तुमने यह कैसे अंदाजा लगाया तभी वह अंधा व्यक्ति राजा से कहता है।
हे राजन आप जिस हिरनी का पीछा कर रहे थे वही हिरनी जब मेरे खेत में आई उसकी रफ्तार और उसके भागने की आहट से मुझे यह एहसास हो चुका था कि यह एक हिरनी है और मेरे खेत की जो बांध है वह बहुत छोटी है उसकी ऊंचाई ज्यादा नहीं है यदि कोई हिरण होता तो उस बांध को बड़ी आसानी से लांग जाता और चला जाता लेकिन वह हिरणी इस बांध को तोड़कर भागी है।
और यदि वह इस बांध को छलांग लगाकर पार करने का प्रयास करती तो इससे उसके बच्चे को खतरा होता और इसी बात से मैंने यह पता लगा लिया कि वह गर्भवती है इस कारण वह ज्यादा ऊंची छलांग ना लगाकर मेरे खेत की बांध को तोड़ते हुए भाग गई इस पर राजा के मन में एक और प्रश्न उठा राजा ने कहा किंतु तुम्हें कैसे पता चला कि वह एक हिरण ही है और भी तो कोई जानवर यहां पर आ सकते हैं इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है।
हे राजन मैं पूरा दिन सुबह शाम यहीं पर बैठा रहता हूं और मेरी सुनने की शक्ति बहुत तेज है मैं यह बात जान जाता हूं कि कौन सा जानवर मेरे खेत में आया है और उसी के आधार पर मैं जोर-जोर से चिल्लाता हूं ताकि वह मेरे खेत से भाग जाए और मेरे खेत की फसलों को नष्ट ना कर पाए राजा उस अंधे आदमी का यह जवाब सुनकर पूरी तरह से संतुष्ट हो चुका था।
वह मन ही मन यह सोच रहा था कि आदमी भले ही अंधा हो लेकिन यह तो बड़ा ज्ञानी मालूम पड़ता है इस आदमी से कुछ ना कुछ तो काम निकलवाना ही चाहिए यह विचार लिए हुए राजा वहां से वापस अपने महल की ओर लौट जाता है राज महल पहुंचते ही राजा उस अंधे व्यक्ति से कहता है आप तो बड़े ज्ञानी व्यक्ति हैं आपको किसी भी बात का पता बड़ी आसानी से चल जाता है।
आज मैंने आपको यहां पर इसलिए बुलाया है क्योंकि मैं आपसे यह जानना चाहता हूं कि मेरी पत्नी पतिव्रता है या नहीं इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है हे राजन यह कैसा प्रश्न हुआ इस पर राजा कहता है मैंने आपसे बिल्कुल उचित प्रश्न किया है मुझे इस प्रश्न का उत्तर दीजिए इस पर वह अंधा व्यक्ति कहता है हे राजन यह सारी बातें जाने दीजिए आपकी शादी को इतने साल बीत चुके हैं और अब आप यह बात क्यों जानना चाहते हैं।
मन में ऐसे प्रश्न क्यों उठ रहे हैं इस पर राजा जिद करते हुए कहता है देखिए आपको मुझे इस प्रश्न का उत्तर तो देना ही होगा यदि आप मुझे इस प्रश्न का उत्तर नहीं देंगे तो मैं आपको मृत्यु दंड दे दूंगा राजा के मुख से यह बात सुनकर वह अंधा व्यक्ति कहता है हे राजन यदि आप इस प्रश्न का उत्तर चाहते हैं तो उसके लिए आपको मेरा एक काम करना होगा राजा कहता है बोलो मुझे क्या काम करना होगा इस व्यक्ति कहता है।
इसके लिए आपकी पत्नी को मेरे साथ कमरे में अकेले छोड़ना होगा उस अंधे व्यक्ति की यह बात सुनकर राजा पहले तो क्रोधित हो जाता है लेकिन फिर कुछ सोच विचार करने के बाद वह उस व्यक्ति की बात मान लेता है और फिर राजा सेनापति से कहता है सेनापति जी इस व्यक्ति को और मेरी पत्नी को एक कमरे में कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दे सेनापति बिल्कुल वैसा ही करता है।
अब राजा की पत्नी और अंधा आदमी एक कमरे में बंद हो चुके होते हैं तभी वह अंधा आदमी राजा की पत्नी से कहता है मुझे आपको छूना है इस बात पर रानी अत्यधिक क्रोधित हो जाती है और उस अंधे आदमी को वह पकड़ पकड़ कर पीटने लगती है कभी हाथों से तो कभी लातों से तो कभी पटक पटक कर इस तरह से उन्होंने उस अंधे आदमी की खूब पिटाई की उसके बाद किसी तरह से वह अंधा आदमी अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकलता है।
और वह राजा के पास पहुंचता है और वह राजा से कहता है हे राजन आपकी पत्नी पतिव्रता नहीं है यह बात सुनकर राजा अत्यधिक क्रोधित हो उठता है और राजा अपनी तलवार निकालकर सीधा अपनी पत्नी की ओर जाता है और क्रोधित होकर वह अपनी रानी से कहता है रानी जी आज मैं जो भी सवाल आपसे करने वाला हूं उसका मुझे सच-सच जवाब दीजिएगा और यदि आपने एक शब्द भी झूठ क कहा तो मैं आपका अभी के अभी सर धड़ से अलग कर दूंगा।
तभी आगे वह राजा कहता है मुझे बताइए क्या आप पतिव्रता हैं या नहीं इस पर रानी कहती है हे राजन आप भले ही मुझे जान से मरवा दीजिए लेकिन मैं पतिव्रता नहीं हूं राजा यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ क्योंकि उस अंधे आदमी ने जो भी कहा था वह बिल्कुल सच था यह बात सुनकर तुरंत ही राजा उस आदमी के पास पहुंचता है और आकर उस अंधे आदमी से कहता है तुम्हें कैसे पता चला कि मेरी पत्नी पतिव्रता नहीं है इस पर वह अंधा आदमी कहता है।
महात्मा बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी
हे राजन बड़ी सीधी सी बात है मैंने तो आपकी पत्नी से बस इतना ही कहा था कि मुझे आपको छूना है और इस बात पर वह इतना क्रोधित हो उठी कि उन्होंने गुस्से में आकर मुझे लात घूस से पीटना शुरू कर दिया और भला कोई कोई औरत किसी और मर्द को कैसे छू सकती है लेकिन।
उन्होंने ना आव देखा ना ताव बस लात घूंसे मुझ पर बरसाने शुरू कर दिए वह भी तो एक छूना ही हुआ और एक पतिव्रता नारी कभी भी पराए मर्द को नहीं छूती जब मैंने उसे छूने के लिए कहा था तो वह उस वक्त मुझे मना कर सकती थी लेकिन उन्होंने तो मुझे पीटना शुरू कर दिया और देखते ही देखते उन्होंने मेरे पूरे शरीर को छू लिया अब आप ही बताइए ऐसी स्त्री भला पतिव्रता कैसे हो सकती है।
इस पर राजा कहता है तुम तो बड़े ज्ञानी मालूम पते हो अच्छा ठीक है चलो तुम मेरे एक प्रश्न का और जवाब दो यदि तुमने मुझे इस प्रश्न सही सही जवाब दे दिया तो मैं तुम्हें यहां से जाने दूंगा आगे राजा उस अंधे आदमी से कहता है कि तुम मुझे यह बताओ क्या मैं सच में अपने पिताजी का ही बेटा हूं या फिर किसी और का इस पर वह अंधा भी कहता है।
हे राजन इस बात से आपका क्या लेना देना आप किसी की भी औलाद हो आखिर आप हैं तो इस राज्य के राजा इसलिए इस प्रश्न को जाने दीजिए लेकिन राजा कहता है नहीं नहीं मुझे इस प्रश्न का सही सही सही जवाब चाहिए अन्यथा यह प्रश्न मुझे हमेशा परेशान करता रहेगा इसलिए मैं इसका सही सही जवाब जानना चाहता हूं यदि तुम इसका सही सही जवाब दे देते हो तो तुम यहां से जा सकते हो।
मैं तुम्हें नहीं रोकूंगा इस पर वह अंधा आदमी कहता है हे राजन इसके लिए तो मुझे आपके मां के पास भी जाने की कोई आवश्यकता नहीं है मैं आपको अभी-अभी यह बता सकता हूं कि आप किसकी औलाद है लेकिन उससे पहले मैं चाहता हूं कि आप मुझसे एक वादा करें कि आप मुझ पर क्रोध नहीं करेंगे राजन ने कहा मैं तुमसे वादा करता हूं मैं तुम पर क्रोध नहीं करूंगा ।
इसके बाद वह अंधा आदमी राजा से कहता है हे राजन आप हैं तो अपने ही पिता के पुत्र लेकिन आप पर एक कंजूस सेठ की छाया पड़ी हुई है यह सुन राजा बहुत क्रोधित हो उठा और वह तुरंत तलवार निकालकर अपनी मां के पास जा पहुंचा वह वहां पर पहुंचने के बाद अपनी मां से कहता है।
मां मुझे सच सच बताइए क्या मैं अपने ने ही पिता का पुत्र हूं या नहीं यदि आपने मुझे सही सही नहीं बताया तो वह यहीं पर अपने प्राण त्याग दूंगा मुझे बताओ क्या सच है इस पर उस राजा की मां कहती है बेटा तू है तो अपने ही पिता का पुत्र लेकिन तुम्हारे ऊपर एक कंजूस सेठ की छाया पड़ी हुई है जब मैं एक बार नहाने के बाद अपना मुंह आईने में देख रही थी तभी उस कांच के पीछे मुझे एक कंजूस सेठ नजर आता है और उसी की छाया तुम पर पड़ चुकी है यह सुन राजा बहुत खुश हो जाता है और वह तुरंत दौड़ दौड़ा वापस उस अंधे आदमी के पास पहुंचता है।
और उस अंधे आदमी से कहता है तुम्हें यह कैसे पता चला कि मुझ पर एक कंजूस सेठ की छाया पड़ी हुई है इस पर वह आदमी राजा से कहता है हे राजन आपने मुझसे कई सारे सवाल पूछे जिनका जवाब मैंने आपको सही सही दिया है यदि कोई और राजा होता तो मुझे इसके बदले में ढेरों सारे इनाम मिल चुके होते लेकिन अब तक आपने मुझे एक एक फूटी कौड़ी तक नहीं दी है।
इस बार से ही मैंने अंदाजा लगा लिया था कि आप बहुत कंजूस हो यह बात सुनकर राजा जोर-जोर से हंसने लगता है और कहता है कि आप जो भी मांगेंगे वह मैं आपको अवश्य दूंगा लेकिन मुझे यह बताओ कि तुम्हें कैसे पता चल जाता है कि कौन सी बात सही है और कौन सी गलत तुम किसी भी बात का इतना सटीक और सही जवाब कैसे दे पाते हो पर वह अंधा आदमी कहता है।
हे राजन मैं तो वैसे ही अंधा हूं यदि मेरी आंखें होती तो मैं किसी की भी मन की बात बड़ी सरलता से जान लेता मन की एक भाषा होती है और यह भाषा मनुष्य के शरीर के व्यवहार के रूप में देखी जा सकती है उसकी आंखों से उसके होठों से उसके काम करने के तरीके से उसकी क्रियाओं से पता किया जा सकता है कि उसके मन में क्या चल रहा है उसके आधार पर हम किसी के भी मन की बातें जान सकते हैं लेकिन मैं तो अंधा हूं मैं देख नहीं सकता।
इसलिए मैं क्रियाओं से देखता हूं यदि मुझे कोई बात जाननी हो तो अगले आदमी को कुछ काम देना पड़ता है जिस पर वह व्यक्ति किस प्रकार काम करता है किस तरीके से इस काम को करता है उसके आधार पर ही मैं यह पता कर पाता हूं कि उसके मन में क्या चल रहा है तभी वह राजा कहता है तो क्या इसका अर्थ यह हुआ कि मैं भी किसी के मन की बातें जान सकता हूं।
इस पर वह अंधा आदमी कहता है हे राजन अवश्य आप भी किसी भी व्यक्ति के मन की बात जान सकते हैं किंतु उससे पहले आपको अपने ऊपर एक काम करना होगा और वह काम है अपने मन को शांत करना अपने मन को वर्तमान में लाना होगा जिसके लिए मैं आज आपको तीन तरीके बताने वाला हूं और यह तीनों ही तरीके बड़े ही आसान और सरल है किंतु हे राजन उससे पहले आपको एक काम करना होगा।
अपने मन को एकाग्र करना होगा जब हम अपने मन को एकाग्र करते हैं अपने मन को वर्तमान में लाते हैं तो हम दूसरे के मन की बात जान सकते हैं क्योंकि वह आदमी अभी भी अपने मन में वर्तमान में ही सोच रहा है और हमें भी मन को वर्तमान में ही लाना होगा तभी हम हम उसके मन की बातें जान सकते हैं यदि हम अतीत में हुई घटनाओं के बारे में सोच रहे हैं तो वह जो अगला आदमी वर्तमान में सोच रहा है।
वर्तमान में अपने मन में बात कर रहा है वह हम कैसे जान पाएंगे क्योंकि हम तो अतीत की घटनाओं में डूबे हुए हैं इसलिए किसी के भी मन की बात जानने के लिए सबसे पहले हमें हमारे मन को एकाग्र करना होगा उसे वर्तमान में लाना होगा आगे वह व्यक्ति राजा से कहता है हे राजन जो तीन तरीके मैं आपको बताने वाला हूं इन तीन तरीकों से बड़ी आसानी से किसी के भी मन की बातें जान सकते हैं उसके बाद वह अंधा आदमी राजा से कहता है हे राजन जो सबसे पहला तरीका है।
वह है आंखों पर ध्यान देना किसी व्यक्ति से बात करते वक्त उसकी आंखों में देखना उसकी आंखों पर ध्यान देना जो सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि आंखें बोलती नहीं पर बहुत कुछ कह जाती हैं यदि हम किसी व्यक्ति की आंखों के इशारों को समझना सीख जाएं हम यह जान पाएंगे कि उस व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है वह क्या सोच रहा है और अभी वह क्या करने वाला है मेरे पास आंखें नहीं है लेकिन मैंने अपने गुरु से यह विद्या सीखी है क्योंकि ?
बहुत सालों पहले मेरे पास आंखें थी और मैं उस वक्त लोगों के मन की बातें केवल उनकी आंखों से ही जान लेता था इसलिए यदि आप भी दूसरों की मन की बातें जानना चाहते हैं तो आपको भी उनकी आंखों पर गौर करना चाहिए जैसे कि उनका आकार कैसा वह कब कहां और किधर देख रहे हैं यदि उसकी आंखें यहां वहां घूम रही हैं जब आप उससे बातें कर रहे हैं तो यहां वह इधर-उधर मोड़ रहा है कभी ऊपर तो कभी नीचे या कभी आसपास या फिर उसकी आंखें खुश नजर आ रही हैं या फिर आंखें निराश नजर आ रही ।
हैं जैसे कि चोर होता है उसकी आंखों में जब हम देखते हैं तो हमें यह पता चलता है कि अगले आदमी ने कोई गलती की है ठीक उसी प्रकार जब हम किसी चालाक व्यक्ति की आंखों में देखते हैं तो आपको पता चलेगा कि उसकी आंखों में एक भाषा होती है एक बहुत ही सीधा और आसान तरीका होता है।
यदि आपको यह पता लगाना है कि सामने वाला व्यक्ति आपसे झूठ कह रहा है या फिर सही तो आपको उसकी आंखों पर ध्यान देना अति आवश्यक है यदि सामने वाला व्यक्ति आपसे बात करते वक्त वह व्यक्ति अपनी आंखें यहां वहां घुमा रहा है ऊपर नीचे इधर-उधर दाएं बाएं हर जगह देख रहा है तो इसका अर्थ यह हुआ कि वह उस बात से निकलने का कोई रास्ता ढूंढ रहा है वह कोई झूठ बना रहा है यदि सामने वाला व्यक्ति आपसे कुछ झूठ कहने का प्रयास कर रहा है तो वह आपसे नजर नहीं मिलाएगा वह यहां वहां देखेगा ऊपर नीचे देखेगा।
लेकिन वह आपकी आंखों में आंखें डालकर कभी नहीं देख पाएगा क्योंकि उसे डर है कि यदि उसने आपकी आंखों में आंखें डालकर देखी तो उसका झूठ पकड़ा जाएगा और लोगों को सच्चाई का पता चल जाएगा और इसी प्रकार कुछ और भी भाषाएं होती हैं जब आप किसी की आंखों में आंखें डालकर यह देखना शुरू कर देंगे कि उसके हाव भाव क्या है।
ठीक उसी प्रकार चेहरे के हाव भाव होते हैं जिससे हम मन की बातें बड़ी आसानी से समझ सकते हैं और इन्हें भी समझना बहुत जरूरी है कभी-कभी कोई व्यक्ति अपने चेहरे से जैसे आंख होठ और बहुत से कुछ अलग-अलग व्यवहार करता है यदि आप किसी व्यक्ति के चेहरे में गौर करेंगे तो आप आसानी से समझ पाएंगे कि वह व्यक्ति निराश है जब व्यक्ति बहुत उदास है या फिर वह बहुत खुश है या फिर उसे कोई बहुत बड़ा दुख है।
वह अपने अंदर क्या महसूस कर रहा है यह सारी बातें हम उसके चेहरे के हाव भाव से पता कर सकते हैं फिर चाहे इंसान जुबान से कुछ बोले या ना बोले लेकिन आप उसके चेहरे से सब कुछ पता कर सकते हैं आगे व्यक्ति राजा से तीसरा तरीका बताते हुए कहता है हे राजन इसी प्रकार तीसरी भाषा भी है अर्थात तीसरा तरीका भी है और वह है हाथों के इशारे और शरीर का व्यवहार मन की बात समझने के लिए हमें हाथ के इशारे और शरीर के व्यवहार को समझना बहुत आवश्यक है।
कोई व्यक्ति जब बात करता है तो आपने देखा होगा कि वह अपने हाथों को हिलाता रहता है अपने हाथों से इशारा करता रहता है बातों के साथ-साथ अपना शरीर का जो व्यवहार है अर्थात बॉडी लैंग्वेज उसका भी पूरा उपयोग करता है जिससे हमें यह पता चल पाता है कि वह व्यक्ति हमारी बातों पर कितना ध्यान दे रहा है और उसके मन में क्या चल रहा है शरीर के व्यवहार को देखने के लिए उसके हाथ हीला आया शरीर मटका या और चेहरे पर बार-बार हाथ लाने हाथों का एक दूसरे से मसल ऐसी बहुत सी क्रियाएं होती हैं ।
उस पर हमें ध्यान देना अति आवश्यक है मन की बात को समझने के लिए हमें व्यक्ति के व्यवहार को भी समझना पड़ता है यदि हम इन तीन तरीकों को सही तरीके से ध्यान देकर इन तीन तरीकों को अच्छे से समझ लेते हैं तो हम बहुत जल्दी किसी भी व्यक्ति के मन की बातें बड़ी सरलता और सहजता से जान सकते हैं ।
इसलिए यदि आपको किसी के मन की बातें जाननी है तो आपको उसकी आंखों पर उसके चेहरे पर उसके शरीर के हाव भाव को और उसके हाथों को ध्यानपूर्वक देखना और समझना होगा जिससे आप यह समझ पाएंगे कि आखिरकार उसके मन में क्या चल रहा है और वह क्या सोच रहा है लेकिन उनसे पहले आपको अपने मन को एकाग्र करना होगा शांत करना होगा और अपने मन को वर्तमान में लाना होगा तभी आप उस व्यक्ति की इन सभी क्रियाओं पर ध्यान दे पाएंगे।
उन्हें समझ पाएंगे अन्यथा आप यदि अतीत की घटनाओं में व्यस्त हैं भविष्य की योजनाओं में व्यस्त हैं तो आप उस व्यक्ति के हाव भाव पर कभी ध्यान ही नहीं पाएंगे और ना ही आप कभी यह समझ पाएंगे कि आखिर उस व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है वह क्या सोच रहा है आपने देखा होगा कि ऐसे कई बड़े संत महात्मा हैं जो बड़ी ही शांति से आपको देखते हैं और आपको देखकर ही यह बता देते हैं।
कि आपके मन में क्या चल रहा है आप उनसे क्या जानने आए हैं और इसका सबसे बड़ा प्रमुख कारण यही है कि वह आपको पढ़ सकते हैं आपको समझ सकते हैं आपकी मन की बातें जान सकते हैं क्योंकि उनका मन एकाग्र है शांत है और यही कारण है कि वह आपके मन की बातें बड़ी सरलता से समझ जाते हैं।
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धन्यवाद और नमो बुद्धाय .
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