आत्मविश्वास बढ़ाने वाली सात बातें | Buddhist Story On Mindset Budhha Inspired
आत्मविश्वास बढ़ाने वाली सात बातें | Buddhist Story On Mindset Budhha Inspired
आत्मविश्वास बढ़ाने वाली सात बातें।
दोस्तों अगर आप खुद को बहुत कमजोर और
लाचार पा रहे हैं कुछ करने की सोच रहे हैं पर कर नहीं पा रहे हैं या यूं कहे कि आपके
अंदर आत्मविश्वास की कमी है और हर जगह आपको असफलता का मुंह ही देखना पड़ रहा है
तो आपको जीवन में एक बार इस सच्ची कहानी को जरूर सुनना चाहिए यह सिर्फ आपको सफल ही
नहीं बनाएगी बल्कि यह आपके अंदर के आत्मविश्वास को जगा देगी और आपको भी पता
है कि दुनिया में कुछ बरा करने के लिए कुछ बरा हासिल करने के लिए कुछ बरा बनने के के
लिए हमारे आत्मविश्वास का बरा होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है तो बिना समय गवाए एक
सच्ची कहानी की तरफ चलते हैं प्राचीन समय में निरंजना नदी के किनारे बसे एक गांव
में हेमू नाम का एक नौजवान युवक रहता था आपको जानकारी के लिए बता दें निरंजना नदी
के पास में ही एक वटवृक्ष है उसी के नीचे बैठकर महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ
था दोस्तों उस समय शिक्षाएं आश्रम में दी जाती थी
उस समय की दी हुई शिक्षाएं आज के समय में बिल्कुल फिट बैठती हैं हेमू का बचपन तो
अच्छा गुजरा धीरे-धीरे वह बरा भी होने लगा कहते हैं ना कि जब जिम्मेदारियों का बोझ
सर पर आता है तो हमारी असली परीक्षा होती है बचपन में माता-पिता का हाथ हमारे सर पर
होता है तो हमें कुछ पता नहीं चलता है लेकिन जब खुद कमाना पड़ता है तभी हमारे
असली संघर्ष और हिम्मत की पहचान होती है हेमू भी बरा हो गया था कमाने लायक हो गया
था बारिश का मौसम था हवा भी खूब तेज चल रही
थी और ओले भी पर रहे थे हवा इतनी तेज बह रही थी कि ऐसा लग रहा था वह पैरों को
उखाड़कर अपने पास बहा ले जाएगी हेमू के घर पर दो बैल थे बैलों के द्वारा ही उनकी
खेती बारी का काम काज चल रहा था लेकिन आंधी और वर्षा इतनी तेज थी कि बारिश में
बैल भीग रहे थे हेमू की माता ने भीग रहे बैलों को घर में लाने के लिए जैसे ही बाहर
निकली वैसे ही वह फिसल कर गिर गई और उनकी कमर टूट गई
फिर उसकी मां कभी ठीक से चल नहीं पाई बहुत सारे पैसे उनके इलाज में खर्च हो गए फिर
भी बहुत खास असर नहीं हुआ धीरे-धीरे समय बीतने लगा हेमू की मां अब ज्यादातर अपने
बिस्तर पर ही लेटी रहती थी हेमू नौकरी की तलाश में कामकाज की तलाश में घर से बाहर
निकल आया क्योंकि अब उसे पैसों की जरूरत थी तभी तो घर का काम आसानी से चल सकता था।
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इसलिए कामकाज की तलाश में वह घर से बाहर निकल गया जो पैसे लेकर निकला था वह सब एक
दो दिन में ही खत्म हो गए हेमू को कई जगह पर काम भी मिला पर वह कुछ दिनों ही वहां
टिक पाता था उसके काम के करने के तरीकों की वजह से उसके मालिक असंतुष्ट हो जाते थे
और उसे नौकरी से निकाल देते थे ऐसा उसके साथ हर जगह हुआ वह जहां जाता कुछ दिन
नौकरी करता और फिर वहां से निकाल दिया जाता क्योंकि वह ठीक ढंग से कोई काम नहीं
सीखा था कई कमियां थी उसमें हेमू को यह समझ में आ गया था कि कुछ कमी है उसमें
जिसकी वजह से वह हर जगह से भगा दिया जाता है अब उसे जरूरत थी तो एक ऐसे गुरु की जो
उसे सही मार्ग दिखा सके क्योंकि ऐसे समय में अगर कोई सही मार्ग दिखाया जाता है तो
इंसान की जिंदगी सब्र जाती है क्योंकि यह मुश्किल भरे वक्त होते हैं ऐसे में इंसान
को बहुत ही संभलने की जरूरत होती है हेमू हताश निराश परेशान होकर एक बगीचे में बैठा
हुआ था तभी उसे वहां से कुछ बौद्ध भिक्षुक अपने बर्तन में भिक्षा पात्र लेकर गांव से
लौट रहे थे और वे लोग आश्रम की तरफ बर रहे थे जब हेमू उन सबको देखता है तो वह उनका
पीछा करने लग जाता है पीछा करते करते वह भी उनके साथ आश्रम में पहुंच जाता है जब
आश्रम के कुछ बच्चों ने हेमू को देखा तो उन्हें लगा कि यह चोर है वे लोग चिल्लाने
लगे कि आश्रम में चोर घुस गया है तभी कुछ बच्चे उसे पकड़ लेते हैं और आश्रम में
लाते हैं वह हाथ जोड़कर उन सभी से प्रार्थना कर करने लग जाता है और कहता है
कि हे महात्मा मैं कोई चोर नहीं हूं मैं जिंदगी से हारा हुआ एक इंसान हूं मेरी
जिंदगी में कुछ भी बचा नहीं है मेरी एक मां है उसकी कमर टूट गई है और वह बिस्तर
पर लेटी रहती है उसके इलाज में बहुत सारा पैसा खर्च हो गया और कुछ ही खेती बची थी।
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जिसे पिताजी बेच दिए मैं पैसा कमाने के लिए काम की तलाश में इधर-उधर भटक रहा हूं
मैं जहां कहीं जाता हूं नौकरी से निकाल दिया जाता हूं मैं पूरी कोशिश करता हूं कि
मैं अपना सत प्रतिशत दे सकूं और पता नहीं क्या हो जाता है कि जहां मैं जाता हूं
वहां कुछ दिनों बाद मेरा मालिक मुझसे नाराज हो जाता है और मुझे वहां से काम से
निकाल देता है इतना कहकर हेमू रोने लगा दोस्तों ऐसे बुरे वक्त में कौन नहीं रोएगा
तभी उस आश्रम के प्रधान भिक्षुक वहां पहुंच जाते हैं वह सभी को हटने का आदेश
देते हैं और उस हेमू के पास पहुंच जाता और उसकी परेशानियों को समझते हैं
प्रधान भिक्षु उस युवक की परेशानियां बड़े ही ध्यान से सुनते हैं प्रधान भिक्षुक उस
युवक से कहते हैं कि बेटे तुम रो नहीं तुम 10 दिनों तक कहीं नहीं जाओगे इन 10 दिनों
में हम तुम्हारी पूरी जिंदगी बदल देंगे तुम्हारा खोया हुआ आत्मविश्वास लौट आएगा
लेकिन तुमको इन 10 दिनों में मैं जो भी काम करने को कहूंगा वह तुम्हें करना
पड़ेगा अगर तुम 10 दिनों में मेरी बात मान गए तो तुम्हें पाने के लिए लोग तरस जाएं
और तुम जिंदगी में बहुत ही आगे चले जाओगे बस तुम्हें 10 दिनों तक यहीं रुकना है और
जो मैं कहूंगा जैसा मैं कहूंगा वैसा तुम्हें करना है अगले दो दिनों तक प्रधान
भिक्षुक उसे पौधों में पानी भरने का काम देते हैं वह पौधों में पानी भरता है और
उसके काम को प्रधान भिक्षुक देखते हैं फिर प्रधान भिक्षुक अगले दो दिनों तक उसे
भिक्षा मांग कर लाने को कहते हैं वह गांव जाता है और भिक्षा मांग कर लाता है इसी
तरह पाच दिनों तक वह बौद्ध भिक्षु हेमू को देखते हैं और उसकी क्रिया विधि को देखते
हैं वह किस तरीके से काम कर रहा है उसके काम में क्या कमी है यह सब वह प्रधान
भिक्षुक देखते रहते हैं पर हेमू को इस बात का अंदाजा नहीं होता है कि प्रधान भिक्षुक
उसकी क्रिया विधि पर नजर रख रहे हैं पांचवे दिन की शाम को वह प्रधान भिक्षुक
हेमू से कहते हैं अगले दिन तुम सुबह नदी में स्नान करने के बाद हमारे पास आ जाना
अब हम तुम्हें कहीं नहीं भेजेंगे हेमू जैसे से उस आश्रम में उस रात सो जाता है
और सुबह उठते ही नदी के पास जाता है और वहां से स्नान करने के बाद वापस उन प्रधान
भिक्षु के पास पहुंच जाता है वह बौद्ध भिक्षु को प्रणाम करता है और उनके पास बैठ
जाता है हेमू कहता है कि हे महात्मा पांच दिन बीत गए हैं पर अभी भी आपने कोई ज्ञान
नहीं दिया है कोई बात नहीं बताई अब तो सिर्फ पांच ही दिन बचे हैं अब मुझे फिर से
वही ठोकर वाली जिंदगी जीने को मिलेगा क्योंकि पांच दिनों तक मुझे इस आश्रम में
खाना तो आसानी से मिल गया आश्रम के खाने को खाकर वह अपना पेट आसानी से भर लेता था।
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पर पांच दिनों बाद उसकी चिंता फिर से बढ़ने लगी गुरु उसके चेहरे पर जो चिंता का
भाव था उसको आसानी से पढ़ लेते हैं और कहते हैं कि हेमू हमने इन पांच दिनों में
तुम्हारी गलतियों को देखा है क्यों लोग तुम्हें भगा दे रहे हैं क्यों कोई तुम्हें
नौकरी पर नहीं रख रहा है और तुम क्यों हर जगह सफल होते जा रहे हो यह सब मुझे अब पता
चल गया है अब मैं तुम्हें सात ऐसे तरीके बता रहा हूं जो तुम्हारी कमियों को दूर
करने के साथ-साथ तुम्हारे अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ा देगा वह बौद्ध
भिक्षुक हेमू से कहते हैं कि तुम्हारे अंदर आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला पहला
तरीका है पहले छोटे-छोटे कामों को करो और सबसे पहले उन्हीं छोटे-छोटे कामों को करने
का लक्ष्य बनाओ अगर तुम पहले छोटे-छोटे काम को करोगे तो तुम्हें छोटे कामों को
करने का अनुभव प्राप्त हो जाएगा और तुम्हारा आत्म बल भी धीरे-धीरे बढ़ने
लगेगा क्योंकि तुम छोटे-छोटे कामों को करना सीख लिए हो और उन कामों से तुम्हें
जो सीख मिली है वह तुम्हें जिंदगी में बहुत आगे ले जाएगी अगर तुम्हें बरा काम
करना है तो पहले छोटे-छोटे कामों को करना सीखो या यह भी कह सकते हैं कि बरा लक्ष्य
हासिल करने के लिए हमें छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी होता है
अगर तुम शुरू में ही बरे काम करने लगोगे तो तुम्हारे पास कोई अनुभव नहीं रहेगा और
जब तुम्हारे पास कोई अनुभव नहीं रहेगा तो तुम उस काम को बहुत ही अच्छे तरीके से
नहीं कर पाओगे और तुम्हें उस कार्य में सफलता जरूर मिलेगी यही वजह रही कि तुम
जहां भी जा रहे थे तुम बड़ काम की तलाश कर रहे थे जबकि तुम्हें छोटे काम करने आता
नहीं है और जब तुम्हें छोटे काम करना नहीं आता तो तुम बरा कामों को कैसे कर पाओगे
यही वजह रही कि लोग तुम्हें अपने घर से निकाल देते
लोग तुम्हें काम से निकाल देते थे इसीलिए जिंदगी में जब तुम हर छोटे-छोटे कामों पर
ध्यान दोगे हर छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दोगे अपनी छोटी-छोटी गलतियों को पहचान
लोगे तो तुम्हारे अंदर का आत्मविश्वास बढ़ने लगेगा और फिर जाकर तभी तुम अपने
लक्ष्य को पूरा कर पाओगे जब तुम्हें छोटे कामों को करने का अनुभव प्राप्त हो जाएगा
तो तुम्हारे अंदर का आत्मविश्वास धीरे-धीरे जागने लगेगा और वह आत्म विश्वास
इतना बढ़ जाएगा कि तुम बरे काम को बड़ी ही आसानी से कर लोगे आत्मविश्वास बढ़ाने वाले
तरीकों के बारे में बात करते हुए महात्मा दूसरा तरीका बताते हुए कहते हैं अभ्यास
करने की आदत डालो जब तुम कोई काम करना चाह रहे हो चाहे वह कोई भी काम हो तो पहले
उसके बारे में अच्छी जानकारी लो और जब तुम्हें उस काम के बारे में पर्याप्त
जानकारी मिल जाए तो तुम उस काम को करना शुरू करो बिना जानकारी लिए अगर तुम उस काम
को करोगे तो तुम्हारा समय भी नष्ट होगा और तुम उस कार्य को पूरा भी नहीं कर पाओगे
इसीलिए जब तुम कोई काम करने जा रहे हो तो पहले उसके बारे में जानकारी लो जब तुम्हें
उसके बारे में जानकारी मिल जाए तब तुम उस काम को करना शुरू करो एक दिन करोगे दो दिन
करोगे तो तुमसे वह काम उतना अच्छा नहीं होगा लेकिन अगर दिन प्रतिदिन तुम उसका
अभ्यास करते हो तो एक दिन तुम उस काम को बहुत ही अच्छी तरीके से कर पाओगे और अच्छे
तरीके से सीख भी लोगे इसीलिए जीवन में आत्मविश्वास बढ़ने के लिए अभ्यास करना
बहुत ज्यादा जरूरी होता है मान लो कि तुम्हें तलवारबाजी सीखना है तो पहले तुम
तलवारबाजी के बारे में अच्छी जानकारी लो और जब तुम्हें तलवारबाजी और तलवार के बारे
में अच्छी जानकारी मिल जाएगी तो फिर तुम उसके बाद अभ्यास करो और जब तुम उस पर खूब
अभ्यास करोगे तो तुम उस काम में निपुण हो जाओगे और फिर तुम्हारे अंदर का
आत्मविश्वास धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा और तुम्हें लगने लगेगा कि तुम यह काम कर सकते
हो इसीलिए अगर अपने जीवन में आत्मविश्वास को बढ़ा है सफलता पाना है तो अभ्यास करना
बहुत ज्यादा जरूरी होता है तुम जितना ज्यादा अभ्यास करोगे तुम उतनी ही गलतियां
कम करोगे जो इंसान जितना कम अभ्यास करता है उससे गलतियां उतनी ही ज्यादा होती हैं
अभ्यास ही तुम्हारी कमजोरी को दूर करता है एक अच्छा सेनापति अपनी युद्ध कला पर बहुत
अभ्यास करता है तब जाकर वह एक अच्छा सेनापति बन पाता है एक अच्छा योद्धा तभी
जाकर वह कहलाता है फिर आगे प्रधान आत्मविश्वास बढ़ाने वाली तीसरी तरीका
बताते हुए कहते हैं खुद को जानने का प्रयास करो खुद की कमजोरी और ताकत के बारे
में तुम जानने का प्रयास करो अगर तुम्हें अपनी कमजोरी के बारे में पता है तो निश्चय
ही तुम जो भी काम कर रहे हो उस काम को बहुत ही अच्छे तरीके से कर सकते हो और अगर
तुम्हें अपनी मजबूती भी पता है तो भी तुम बहुत ही अच्छा कर सकते हो मान लो तुम्हें
राजा के सेनापति में भर्ती होना है तुमने जो युद्ध कला सीखी है उस पर अभ्यास ही
नहीं किया है अगर तुम्हें अपनी कमजोरी भी नहीं पता है तो तुम्हारा विरोधी तलवारबाजी
में तुम्हें हरा सकता है लेकिन अगर तुम्हें अपनी कमजोरी पता है तो तुम सामने
वाले को मौका नहीं दोगे इसलिए खुद की कमजोरी को समझने का प्रयास करो और उस पर
कई बार अभ्यास करो ताकि सामने वाला तुमको कभी हरा ना पाए फिर बौद्ध भिक्षु उस हेमू
से कहते हैं कि तुम काम करने जाते थे लेकिन तुम्हें अपनी कमजोरी के बारे में
नहीं पता था जिससे तुम्हारा मालिक बड़ी ही जल्दी तुम्हारी कम रियों को पकड़ लेता था
और जब किसी को तुम्हारी कमजोरी पकड़ में आ जाएगी तो वहीं से तुम्हारी उलटी गिनती
शुरू हो जाएगी इसीलिए अपनी कमजोरी को जानने का प्रयास करो और जब तुम्हें अपनी
कमजोरी के बारे में पता चल जाएगा तो फिर तुम्हें कोई हरा नहीं सकता महात्मा
आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली चौथा तरीका बताते हुए कहते हैं तुमने अभ्यास करना तो
सीख लिया अपनी कमजोरी को भी जान लिया लेकिन अगर तुम्हें अपने आप पर नियंत्रण
नहीं है तो इन सबका कोई मतलब नहीं रहेगा इसलिए अपने आप को नियंत्रण में लाने के
लिए सबसे पहले मन को नियंत्रित करो शांत करो जब तुम्हारा मन नियंत्रित हो जाएगा
शांत हो जाएगा तब तुम अपने कार्य पर बहुत ही ज्यादा ध्यान दे पाओगे और जब तुम अपने
कार्य पर ध्यान देने लगोगे तो गलती होने की गुंजाइश बहुत ही कम होने लगेगी इसीलिए
मन को नियंत्रित करना शांत करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है आत्मविश्वास बढ़ाने
वाले पांचवें तरीके के बारे में में वह प्रधान भिक्षुक हेमू से कहते हैं खुद का
भी सम्मान और लोगों का भी सम्मान करना सीखो जो भी तुम्हें उपलब्धि मिली है
तुम्हें उसमें सम्मानित महसूस करना चाहिए तुम्हें खुद पर गर्व होना चाहिए कि मैंने
इस काम को कर लिया है जब तुम्हें खुद पर गर्व होगा तो तुम्हारा आत्मबल तुम्हारा
आत्मविश्वास बढ़ने लगेगा और जब तुम्हारा खुद पर आत्मविश्वास बढ़ने लगेगा तो
तुम्हारे लिए कोई भी काम करना असंभव नहीं लगेगा इसलिए अगर तुम्हें अपने आत्मविश्वास
को बढ़ाना है तो तुम अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों से सम्मानित महसूस करो क्योंकि
जब तुम खुद को सम्मानित महसूस करते हो तो तुम्हारे अंदर का हार्मोन बढ़ जाती है
तुम्हारे विचार अच्छे होने लगेंगे और जब विचार तुम्हारे अच्छे होंगे तो तुम्हारे
कार्य अपने आप सही होने लगेंगे तुम्हारा आत्मविश्वास भी बढ़ने लगेगा फिर प्रधान
भिक्षुक आत्मविश्वास बढ़ाने के छठे तरीके के बारे में बताते हुए कहते हैं अपने लिए
समय जरूर निकालो जिंदगी में तुम कितना भी व्यस्त क्यों ना हो लेकिन अगर तुम अपने
लिए समय निकाल नहीं रहे हो तो तुम्हारा सब कुछ किया हुआ व्यर्थ है क्योंकि जब तुम
खुद के साथ अकेले में समय बिताओ तो तुम खुद को जानने का प्रयास करोगे तुम दिन भर
की गलतियों के बारे में अकेले में सोचोगे कि आज हमारे साथ क्या अच्छा हुआ है और
क्या बुरा हुआ है क्या कुछ मैं और अच्छा कर सकता था जो मुझसे नहीं हुआ जब तुम खुद
में खुद के साथ अकेले में समय बिताओ ग तो तुम्हें यह सब बातें अपने आप पता चल
जाएंगे इसलिए दिन में एक बार अपने लिए समय जरूर निकाले अपने शरीर के बारे में सोचे
अपने बारे में अच्छे विचार लाए और जब तुम्हारे विचार अच्छे होंगे अपने बारे में
तुम अच्छा सोचोगे तो तुम्हारा आत्मविश्वास अपने आप बढ़ने लगेगा प्रधान भिक्षुक आगे
कहते हैं कि समय को बर्बाद ना होने दो तुम्हारा समय बहुत ही कीमती है प्रधान
भिक्षुक आगे कहते हैं कि समय को कभी भी मत बरबाद होने देना क्योंकि तुम्हारा समय
बहुत ही कीमती है ऐसे ही तुम अपने समय को बर्बाद ना करना फालतू लोगों के साथ अपने
समय को बर्बाद मत करो क्योंकि वह समय दोबारा लौटकर कभी नहीं आता है जो लोग समय
को बर्बाद करते हैं उन्हें बाद में बहुत ही पछतावा देखने को मिलता है क्योंकि अगर
तुम हर कार्य को सही समय पर करते हो तो तुम्हें किसी भी चीज का भय नहीं रहेगा
तुम्हें किसी बात की चिंता भी नहीं सताएगी कि मैं यह कभी नहीं कर पा पागा जब तुम हर
कार्य को सही समय पर करोगे अपने समय का सदुपयोग करोगे तो तुम्हारा आत्म बल
तुम्हारा आत्मविश्वास अपने आप जागने लगेगा जो इंसान समय को जितना ज्यादा बर्बाद करता
है समय भी बाद में उसे उतना ही बर्बाद कर देता है इसलिए समय की कीमत को समझो और
उसको बर्बाद ना करो प्रधान भिक्षुक आत्मविश्वास बनाने के सातवें तरीके के
बारे में बताते हुए कहते हैं अपने शरीर का ख्याल रखो अगर तुम रा स्वास्थ्य ठीक है तो
ही तुम जिंदगी में कुछ कर सकते हो तुम लाख तैयारी किए हो कितना भी अभ्यास किए हो
लेकिन अगर तुम्हारा स्वास्थ्य नहीं ठीक है तो तुम कुछ भी नहीं कर पाओगे इसीलिए अपने
स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है इसके लिए तुम प्रतिदिन
योगासन और व्यायाम करो ध्यान मुद्रा में प्रतिदिन बैठने का प्रयास करो योगासन
हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है जब हमारा शरीर स्वस्थ हता है तो ही हमारे मस्तिष्क
में अच्छे विचार उत्पन्न होंगे और जब हमारे मस्तिष्क में अच्छे विचार उत्पन्न
होंगे तो हम अपने कार्य को और भी बेहतर तरीके से कर सकते
हैं हमारे सोचने समझने की क्षमता बढ़ती है जिससे कि हम अपने कार्य को बहुत ही अच्छे
तरीके से कर सकते हैं दोस्तों प्रधान भिक्षुक हेमू से कहते हैं कि बेटा अगर तुम
मेरी इन सात बातों को अपने जीवन में अपनाते हो तो तुम्हें जीवन में आगे बढ़ने
से कोई नहीं रोक सकता है क्योंकि तुम्हारा आत्मविश्वास तुम्हें सफलता जरूर दिलाएगा
प्रधान भिक्षु हेमू से कहते हैं कि हेमू तुम यही मेरे पास 15 दिन और बिताओ पहले
अभ्यास करो फिर मैं तुम्हें राजा के यहां भेजता हूं 15 दिन बाद प्रधान बिच्छू हेमू
को राजा के यहां भेजते हैं राजा हेमू की कार्य शैली को देखकर बहुत ही प्रभावित
होता है और वह उसे अपनी सेना नायक के रूप में सम्मिलित कर लेता है जिससे उसका जीवन
बहुत ही अच्छा अच्छे तरीके से बीतने लग जाता है तो मुझे उम्मीद है अगर आप सब भी
इन सात तरीकों को अपने जीवन में अपनाते हैं तो आप भी अपने आत्मविश्वास को बढ़ा
सकते हैं और जब आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा तो आप अपने जीवन में कुछ भी पा सकते
हैं तो दोस्तों उम्मीद है इस वीडियो से आपको काफी कुछ सीखने को मिला होगा और अगर
कुछ सीखने को मिला हो तो हमारे इस वीडियो को लाइक शेयर और बुधा इंस्पायर्ड 2.0 चैनल
को सब्सक्राइब जरूर करें लीजिएगा और साथ ही कमेंट में नमो बुद्धाय जरूर लिखिए
धन्यवाद ।
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