आपका मन ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है | Motivational Kahaniya In Hindi 2024

आपका मन ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है | Motivational Kahaniya In Hindi 2024 | Motivetion Life 

Motivational Kahaniya In Hindi 

आपका मन ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है .

 यह एक सच्चाई है कि हमारे पास सबसे विकसित न्यूरोलॉजिकल सिस्टम है किसी कीड़े मकोड़े पक्षी जानवर किसी की भी तुलना में पर हमारी एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया भी है आपकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया चाहे कुछ भी हो आपके विचार और भावनाएं सिर्फ इसलिए घटित हो रही हैं क्योंकि ?

 आपने खास मात्रा में जानकारियां इकट्ठा की है है ना अगर आप सोचते हैं कि वह अच्छी इंसान है तो एक तरह का विचार अगर आप सोचते हैं वो अच्छी नहीं है तो दूसरी तरह का विचार अरे आपको लगता है कि यह कोई और है यह सारी जानकारी जो आपने इकट्ठा की है।

 चाहे वह सही हो या गलत उससे कोई फर्क नहीं पड़ता जिस तरह की जानकारी आपने इकट्ठा की है वह आपके विचारों और भावनाओं का ढंग निर्धारित करती है है ना यह एक बात है कि अगर आप इंसानों को समझा दें कि उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया पूरी तरह उनका अपना नाटक है।

 इसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है क्या ऐसा है आपकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया का यहां की सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है यहां 100 लोग बैठे हो सकते हैं और हर कोई अपनी अलग मनोवैज्ञानिक स्थिति में हो सकता है और वह 100 अलग-अलग दुनियां में है वह इस दुनिया में नहीं है तो मेरा दिमाग खाली है इसमें कुछ नहीं है तो मैं इसी दुनिया में हूं क्योंकि ?

 मैं सिर्फ इसी दुनिया में हूं तो मैं हर चीज पर ध्यान देता हूं मेरे दिमाग में कुछ नहीं चलता अगर मैं एक जगह बैठ जाऊं तो कभी-कभी जब छुट्टी लेता हूं तो अगर मैं खुद को पाच दिन के लिए बंद कर लू तो मेरे मन में एक भी विचार नहीं आता मैं पढ़ता नहीं टीवी नहीं देखता लिखता नहीं मैं कुछ नहीं करता मैं खिड़की से बाहर भी नहीं देखता मेरे मन में एक भी विचार नहीं आता क्योंकि ?

 मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया सिर्फ एक छोटा सा नाटक है जो बस इसलिए इतना बड़ा हो गया है क्योंकि आपने इससे अपनी पहचान इतनी ज्यादा जोड़ ली है ऐसा होता है लोग हमेशा मेरे पास आकर कहते हैं सदगुरु मैं ध्यान करना चाहता हूं पर मेरे दिमाग में विचार आते हैं मैं पूछता हूं।

 देखिए मैं आपको दूसरी तरह का ध्यान सिखा दूंगा जिससे आपका गुर्दा आपका कलेजा आपका दिल काम करना बंद कर देगा आप सीखना चाहेंगे नहीं नहीं नहीं तो आप सिर्फ अपने दिमाग का ही काम बंद करना चाहते हैं क्यों देखिए जब आप बैठकर ध्यान करते हैं तो आपका गुर्दा कलेजा दिल सब काम करते हैं आपको कोई दिक्कत नहीं है सिर्फ दिमाग के काम करने पर आपको दिक्कत है ऐसा क्यों है।

' क्योंकि आपकी पहचान अपनी किडनी के काम से इतनी जुड़ी हुई नहीं है मगर अपनी विचार प्रक्रिया और भावनाओं से आपकी पहचान बुरी तरह जुड़ी है आप उससे इतने जुड़े हुए हैं कि आपको लगता है कि आप खुद वही हैं और इसकी वजह से जीवन का अनुभव इसके पीछे छुप गया है बताइए पिछले 24 घंटे में ऐसे कितने पल थे।

 जब आपने विचारों से परे जाकर किसी चीज को देखा अधिकांश लोगों के लिए एक भी पल ऐसा नहीं होता या कुछ लोगों के पास कुछ पल होते हैं मेरे अंदर बस कुछ पल विचार होते हैं बाकी समय तो मैं बस आकाश की तरह बस मौजूद होता हूं सिर्फ जीवन मैं जीवन हूं इसीलिए मेरा एक शरीर है मेरे पास विचार हैं भावनाएं हैं मेरा घर है।

 मेरा यह यह और ना जाने कितनी चीजें हैं सब साजो सामान मगर आप साजो सामान का अनुभव कर रहे हैं क्या आप रोज जीवन का अनुभव कर रहे हैं आप अपने मनोवैज्ञानिक नाटक को जीवन समझने की गलती कर रहे हैं है ना आपका मनोवैज्ञानिक नाटक आपका नाटक है।

Motivational story in hindi 


 शायद उसका निर्देशन बुरा है पर देखिए जब इसका निर्देशन बुरा होता है तो लोग कष्ट उठाते हैं जब उसका निर्देशन अच्छा होता है तो इसका आनंद लेते हैं है ना तो आपका मनोवैज्ञानिक नाटक आपका अपना है आप इसे चलने दें इसमें कुछ गलत नहीं है यह ऐसा है जैसे हम एक खेल खेलना शुरू करते हैं हम एक टेनिस कोर्ट में जहां गेंद को मारकर आपको मजा आता है।

 आप गेंद को मारते हैं आपको मजा आता है कुछ देर बाद अब रैकेट नीचे रखकर चले जाते हैं है ना अभी इस खेल में आप रुक नहीं पा रहे हैं मान लीजिए आपने टेनिस खेलना शुरू किया और आप रुक नहीं पा रहे 24 घंटे तो आप टेनिस से कैसा दुख पाएंगे अभी बस यही हो रहा है आपकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया बेलगाम हो गई है।

 वो बस चलती ही जा रही है चलती ही जा रही है तो इसका आसान हल यह है कि इसे रोकने की कोशिश ना करें क्योंकि आप गुर्दे जिगर दिल या किसी और चीज को तो रोकने की कोशिश नहीं कर रहे हैं उसमें आपको कोई परेशानी नहीं है बस आपको दिमाग के काम करने से परेशानी है क्योंकि उससे आपकी पहचान है आपने गलती से समझ लिया है कि आपके विचार आप हैं है ना हम आपके जो भी विचार हैं।

 आप सोचते हैं कि वो आप हैं मगर आपके विचार एक खास सूचना से पैदा हो रहे हैं जो आपने बाहर से इकट्ठा किए है ना अगर मैं आपकी सारी याददाश्त मिटा दूं तो क्या आप विचार पैदा कर पाएंगे नहीं यह बस आपकी इकट्ठा की गई जानकारी से ही आ रहा है आपने जो जानकारियां इकट्ठा की हैं वह सब अपनी मर्जी से नहीं की हैं जब आप सड़क पर चलते हैं तो हर चीज जो आप देखते सुनते सूखते चकते और छूते हैं वह आपके मन में दर्ज हो जाती है आप इससे बच नहीं सकत। 

 आपके अंदर जानकारी के रूप में जो जाता है व पूरा आपके हाथ में नहीं है है कि नहीं 90 फीसद ही आपके हाथ में नहीं है वो बस हमेशा होता रहता है क्योंकि हर वो चीज जो आप पांचों इंद्रियों से जानते हैं वो बस आप में समाकर दर्ज होती जा रही है इसमें कुछ भी अच्छा बुरा बदसूरत नहीं है।

 यह बस जानकारी है अब आप इसे अपने तरीके से पहचान कर कहते हैं अरे यह अच्छा है और वह अच्छा बन जाता है आप कहते हैं यह बुरा है और वह बुरा बन जाता है आप कहते हैं यह भयानक है तो वह भयानक हो जाता है यह आपका किया धरा है मगर जानकारी बस बरस रही है और दर्ज हो रही है जो आप इकट्ठा करते हैं जो भी आप इकट्ठा करते हैं वह आपका हो सकता है पर वह आप नहीं हो सकते है।

' ना मैं इसे अपनी कुर्सी कह सकता हूं पर अगर मैं कहूं कि यह मैं हूं तो आप सोचेंगे कि मैं पागल हो गया हूं है ना फिलहाल बस यही हुआ है थोड़ा आसान तरीके से समझाता हूं हमारा शरीर यह शरीर क्या आप ऐसे ही पैदा हुए थे नहीं नहीं आप इतने से आए थे और अब इतने हो गए हैं यह कैसे हुआ बस उस भोजन से जो आपने खाया है।

 ना या फिर जिस धरती पर हम चल रहे हैं वह भोजन बन गई और अब वह ऐसी है आपके और मेरे जैसे अनगिनत लोग इस धरती पर आ चुके हैं वह भी बुद्धिमान लोग थे अब वह कहां है वह सब अब मिट्टी की ऊपरी परत है यह भी वही बनेगा हां या नहीं जब तक कि आपके दोस्त आपके वापस जिंदा हो जाने के डर से आपको बहुत गहरा ना दफना दे।

 वरना यह भी मिट्टी के ऊपरी परत बन जाएगा ठीक है हम आज नहीं मरना चाहते पर जाना तो है ही है ना तो यह बस मिट्टी है जो भोजन में बदल गई है इस भोजन को खाकर हमने इसे यह शरीर बना लिया या यह सच है कि यह शरीर भी समय के साथ इकट्ठा किया गया है हेलो ऐसा है जो आप इकट्ठा करते हैं वह आपका हो सकता है पर क्या वह आप हो सकते हैं ज्यादा से ज्यादा आप अपनी इकट्ठा की गई चीज के अपने होने का दावा कर सकते हैं।

 मैं अभी इस पर बहस नहीं करूंगा एक दिन आएगा पर आप यह नहीं कह सकते कि यह मैं हूं है ना जो आप इकट्ठा करते हैं वह कभी आप खुद नहीं हो सकते अगर यह आपके लिए एक जीता जागता अनुभव बन जाए कि आपने भोजन और जानकारी के रूप में जो इकट्ठा किया है आप साफ-साफ जान ले कि यह मैं नहीं हूं तब आप मेरी तरह हो जाएंगे जीवन को बस जीवन की तरह देखने लगेंगे बिना किसी चीज से प्रभावित हुए बिना किसी चीज से पहचान जोड़े बस जीवन क्या ?



 यह सच है कि मूल रूप से आप बस एक जीवन हैं आपने एक शरीर एकत्रित किया तो हमने आपको आदमी कहा फिर आपने अपने अंदर कुछ चीजें इकट्ठा की तो हमने आपको यह वह और सब कुछ कहा पर मुख्य रूप से क्या आप बस जीवन है और क्या इस वक्त सबसे महत्त्वपूर्ण है कि आप जीवित हैं अभी आपकी जिंदगी में सबसे महत्त्वपूर्ण यही है क्या ?

 ऐसा है हेलो पर दुर्भाग्य से उस पर ध्यान नहीं दि जा रहा आज मैं जो सोच रहा हूं वह मेरे जीवित होने से ज्यादा अहम हो गया है है ना हेलो मेरी छोटी सी भावना मेरे जीवित होने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गई है देखिए आज सुबह सूरज समय पर निकला हेलो हां नहीं आपको लग रहा है कि ठीक है तो क्या कुछ समय पहले टेनेसी में हम एक हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे।

 वह एक सुंदर गर्म दिन था तो हमने दरवाजे खोल दिए और हम दरवाजे खोलकर हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे क्योंकि मौसम अच्छा था हम ऊपर गए और अचानक ही तेज ठंड लगी हुआ यह था कि सूरज बादलों के पीछे छिप गया था इतना ठंडा कि हमारा नियंत्रण हिल गया हमारे हाथ कंट्रोल पर स्थिर नहीं हो रहे थे।

 तो हमने नीचे आने का फैसला किया नीचे आते समय हम यूं ही चर्चा कर रहे थे मान लीजिए कल सूरज ना निकले तो क्या होगा शायद तीन महीने में यह होगा 6 महीने में यह होगा हम बस अंदाजा लगा रहे थे फिर वापस आकर मैंने थोड़ा शोध किया अगर कल सूरज ना निकले तो 18 घंटे में इस धरती पर जीवन का हर रूप खत्म हो जाएगा धरती की गहराई में कुछ सूक्ष्म जीवों को छोड़कर 18 घंटे में बाकी हर चीज खत्म हो जाएगी।

 अभी-अभी मैंने आपको एक शानदार जानकारी दी आज सुबह सूरज समय पर निकला इस बात पर पर कम से कम तालियां तो बजनी चाहिए शानदार बात है व समय पर निकल आया और पृथ्वी समय पर घूम रही [संगीत] है आपको नहीं लगता कि यह बढ़िया है सौरमंडल में कोई दुर्घटना नहीं हुई एक ग्रह दूसरे से नहीं टकराया सब अपने रास्ते चल रहे हैं।

 पूरे ब्रह्मांड में एक भी दुर्घटना नहीं दुनिया में सब कुछ अच्छा चल रहा है सृष्टि में ब्रह्मांड में आपके दिमाग में एक छोटा सा बुरा विचार आता है और दिन खराब हो जाता है ब्रह्मांड में सब कुछ बढ़िया चल रहा है एक छोटा सा बुरा विचार आ पूरा दिन खराब है ना समस्या यह है कि हम यह दृष्टि खो चुके हैं कि हम कौन हैं इस ब्रह्मांड में यह सौरमंडल कण की तरह है हा या नहीं यह कण जितना है कल सुबह अगर पूरा सौरमंडल गायब हो जाए तो कोई ध्यान नहीं देगा उस कण में पृथ्वी एक बहुत छोटा कण है उस सूक्ष्म कण में लॉस एंजेलिस एक उससे भी सूक्ष्म कण है।

 उसमें आप एक बड़े आदमी है यह गंभीर समस्या [संगीत] है यह आपका मनोवैज्ञानिक नाटक है चीजों को इस हद तक बढ़ा लेना जहां आपके ख्याल में एक छोटा सा बुरा विचार भी आपकी दुनिया खराब कर सकता है क्योंकि हम अपने विचारों अपनी भावनाओं से पहचान जोड़ लेते हैं बिना यह समझे कि अपनी पसंद के विचार अपनी पसंद की भावनाएं पैदा करना हमारा विशेष अधिकार है।

 अगर आप अपनी मर्जी से अपने विचार और अपनी भावनाएं पैदा करेंगे तो क्या किसी इंसान के लिए संभव सबसे बेहतर विचार और सबसे बेहतर भावनाएं नहीं पैदा करेंगे हां या नहीं फिर आप मानवता के चरम पर काम करेंगे अभी हमारी अपनी बुद्धिमत्ता हमारे खिलाफ हो गई हमें किसी बाहरी मदद की जरूरत नहीं है।

 हम खुद ही खुद को तबाह कर रहे हैं हां या नहीं बैठे हुए खड़े हुए गरीब अमीर हर तरह का इंसान दुखी है आप उनसे पूछिए बचपन बड़ी समस्या डाइपर की समस्या छोटा बच्चा बड़ी समस्या खूब शैतानी किशोरावस्था हे भगवान इतनी सारी समस्याएं अधेड़ उम्र क्राइसिस बुढ़ापा भयंकर बताइए आपके जीवन का कौन सा समय शानदार है समस्या कहीं और नहीं है समस्या बस यह है कि हम अपने मनोवैज्ञानिक नाटक पर काबू खो चुके हैं क्योंकि ?

Student Motivational Story In Hindi 

 जीवन का अस्तित्व गत नाटक हमारे अनुभव में नहीं है हमारा मनोवैज्ञानिक नाटक सूरज का रास्ता रोकने वाले बादल की तरह है हम जीवन का अनुभव नहीं करते।

 हम सिर्फ उन विचारों भावनाओं आईडियां पूर्वाग्रहों और फालतू चीजों का अनुभव करते हैं जिन्हें हम पैदा करते हैं सृष्टा की सृष्टि में रहने की बजाय हम अपनी बनाई हुई तुच्छ सृष्टि में रहते हैं।

 यह एक बड़ी बात है मैंने कोई रचना नहीं की इसीलिए मैं यहां हूं इस दुनिया में,


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