Swami Vivekananda Quotes In Hindi | दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है

 Swami Vivekananda Quotes In Hindi | दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है 


किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए स्वामी विवेकानंद ने कई मंत्र बताए हैं लेकिन उनमें से एक मंत्र ऐसा है जिसके बल पर हम पूरी दुनिया जीत सकते हैं तो चलिए जानते हैं स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि सफलता पाने की सबसे महत्त्वपूर्ण कुंजी आपका आत्मविश्वास है अपने मन की शक्ति और आत्मविश्वास को पहचानकर मनुष्य किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है और अपने जीवन में खुशियों को भर सकते हैं अब सवाल यह उठता है कि हम अपनी आत्मविश्वास की शक्ति को कैसे पहचाने स्वामी जी कहते हैं।

 आत्मविश्वास हर मनुष्य की वह पूंजी है जिसके दम पर वह खुद पर भरोसा करके अपनी शरीर की कीमत और अपनी ताकत को पहचान पाता है अगर आप लोगों को आत्मविश्वास की शक्ति को पहचानना नहीं आता है तो चलिए एक छोटी सी सच्ची घटना के उदाहरण से जानते हैं इस घटना को जानने के बाद आप लोगों के अंदर से एक आवाज आएगी इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं इस सारांश को जानने के बाद स्वामी जी के द्वारा बताए गए बातों को आगे के वीडियो में जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं ।


Swami Vivekananda Quotes In Hindi


दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है 

कैरोली टकास का जन्म 21 जनवरी 1910 में हंगरी की राज बुडापेस्ट में हुआ था वे हंगरी की सेना में नौकरी करते थे उसे पिस्टल शूटिंग के खेल में महारत हासिल थी 26 साल की उम्र में ही केरोली टकास का नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शूटर्स में शामिल हो चुका था।


 वे लगभग सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में जीत हासिल कर चुके थे अब कैरोली टकास का एक ही सपना था और वह था ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतने का लेकिन कैरोली टकास के साथ एक ऐसी घटना घटी जिसको जानकर आप लोग कहेंगे कि हे ईश्वर उसके साथ ऐसा क्यों किए जिस दाहिने हाथ के बल पर ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना देख रहा था।


 एक दिन आर्मी ट्रेनिंग के दौरान कैरोली टकास के दाहिने हाथ में हैंड ग्रेनेट ब्लास्ट हो गया और दाहिना हाथ शरीर से अलग हो गया कैरोली टकास को बहुत बड़ा का लगा जब यह बात देशवासियों को पता चला तो वह लोग निराश हो गए देशवासियों का ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना चकनाचूर हो गया था ।


कैरोली टकास एक इंटरव्यू में बताते हैं कि यह हादसा होने के बाद मैं बिल्कुल टूट गया था कुछ दिनों बाद मेरे अंदर से एक आवाज आई और मेरे मन ने कहा कि क्या सोच रहे हो तुम्हारा दाहिना हाथ ही गया है बाया हाथ ठीक है ना तुम अपना सपना इस बाया हाथ से पूरा करो कैरोली टकास ने कहा कि उसी दिन मैंने ठान लिया कि ओलंपिक तो मैं जरूर जीतूंगा क्या हुआ अगर दाया हाथ आज हमारे शरीर का हिस्सा नहीं है ।


लेकिन बाया हाथ तो है ना इस बाए हाथ को ही अपना बेस्ट शूटिंग हैंड बनाऊंगा इसी हाथ से देशवासियों का सपना पूरा करूंगा और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत दूंगा कैरोली टकास उस इंटरव्यू में कहते हैं शुरुआती के अभ्यास में हमारे बाया हाथ में काफी दर्द हो रहा था बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ा इसके बावजूद भी हमने हार नहीं मानी और अपनी लगन और कड़ी मेहत के दम पर अपने बाएं हाथ को अपना बेस्ट पिस्टल शूटर हैंड बना ही लिया।


 लगभग एक साल बाद 1939 में ओलंपिक से पहले मैं राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए गए तब तक किसी को पता नहीं था कि मैं कैरोली टकास अपने बाएं हाथ से अभ्यास कर रहे थे जो लोग उस प्रतियोगिता में भाग लिए थे उन लोगों को लगा कि मैं उन सबका मनोबल बढ़ाने के लिए आया हूं लेकिन उन लोगों को झटका तब लगा जब मैंने ने कहा कि हम यहां आप लोगों का हौसला बढ़ाने नहीं बल्कि आप लोगों से प्रतियोगिता करने आया हूं ।


इसके अपने बाए हाथ से शूटिंग करते हुए उन सभी को मात दे दिया और मुकाबला अपने नाम कर लिया इसके बाद कैरोली टकास ने 1948 और 1952 के समर ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था लेकिन दुनिया उन्हें इस वजह से नहीं जानती है उन्होंने गोल्ड मेडल जीते हैं बल्कि इसलिए जानती है कि उन्होंने अपना दाया हाथ खोने के बावजूद भी अपने आत्मविश्वास के कारण बाए हाथ से असंभव को भी संभव करके दिखा दिया ।


स्वामी विवेकानंद कहते हैं आत्मविश्वास हमारे जीवन के सपनों को हमारी योजनाओं को सफल करने के लिए अति आवश्यक है स्वामी जी कहते हैं स्वयं में विश्वास ही आत्मविश्वास है स्वयं की क्षमता योग्यता और शक्ति को भली भांति प्रयोग कर अपनी शक्ति को बढ़ा कर अपने कार्य पूर्ण करना ही आत्मविश्वास है ।


आत्मविश्वास दो प्रकार का होता है एक हमें जो अंदर से प्राप्त होता है वही दूसरा हमें बाहरी व्यक्ति वस्तु या परिस्थिति से प्राप्त होता है इंसान को अपने आप में विश्वास हो तो उसे प्रकृति और अदृश्य शक्तियां भी किसी ना किसी रूप में मदद जरूर करती है जब हम आत्मविश्वास में जागृत होते हैं तब हमारी कार्य शक्ति दुगुनी हो जाती है ।


विवेकानंद कहते हैं आत्मविश्वास हमारे जीवन में कई तरह के होते हैं जैसे गरीबी का डर निंदा का डर बीमारी का डर ऐसे बहुत से डर व्यक्ति को घेर रखा है याद रखें भय मनुष्य का प्रबल शत्रु है इस दुनिया के अधिकतर लोग इसके शिकार होते हैं लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस दुश्मन की कोई शक्ल नहीं होती है।


 फिर भी मनुष्य इसके वश में होकर मनुष्य अपना आत्मविश्वास अपनी प्रतिष्ठा और ईश्वर के प्रति शक्तियों को भूल जाता है आमतौर पर लोग आने वाला कल कैसा होगा इसकी वजह से चिंता ग्रस्त हो जाते हैं जबकि आने वाला कल को कोई भी मनुष्य देख नहीं सकता है ना ही सुनिश्चित कर सकता है बार-बार अपने मुख से सकारात्मक विचारों को बोलना चाहिए कि मैं निर्भय हूं पूर्ण रूप से निर्भय हूं मैं ईश्वर की महान और उत्तम कृति मैं शक्तिशाली हूं।


 मैं सफल हूं अगर जीवन में दुख है तो सुख जरूर होगा क्योंकि ईश्वर ने मुझे इस धरती पर कर्म करने के लिए भेजा है मैं अपने कर्मों और आत्मविश्वास से अपने जीवन से दुख को खत्म करके सुख की अनुभूति करूंगा इसके बाद मेरे जीवन में खुशियां ही खुशियां है मैं हमेशा निर्भय रहने के लिए ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास को बना रखूंगा इसके लिए हमें अपने विवेक को सदैव जागृत करके रखना होगा विवेक की जागृति के लिए निरंतर अच्छे लोगों के संग रहना है।


 बुद्धिमान लोगों के संग रहना अति आवश्य है हम अपने आप से जैसी आशा करते हैं वैसे ही हमारी मन की भावना का विकास होता है और हमारी इच्छा शक्ति का निर्माण होता है अपनी शक्तियों को पहचानकर जब हम आत्मविश्वास पैदा करते हैं तो हमें सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है जो मनुष्य आत्मविश्वास की शक्ति को किसी भी परिस्थिति में ढूंढ लेता है तो उस व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र में सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है।


 आत्मविश्वास व्यक्ति को अभय प्राप्त कराता है और हर परिस्थिति में डर के ऊपर पाव रखकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और हमारी लक्ष्य के सबसे नजदीक ले जाता है स्वामी विवेकानंद कहते हैं इसलिए अपने आत्मविश्वास और मन की शक्ति के बीच एक संबंध बनाकर किया गया कर्म कभी निष्फल नहीं होता है ।


कहानी कैसी लगी अगर अच्छी लगी हो तो विवेकानंद जरूर लिखें।


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