बुद्धि तेज करने का रहस्य | गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी |प्रेरणा दायक कहानी

 बुद्धि तेज करने का रहस्य | गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी |प्रेरणा दायक कहानी | Motivational Story In Hindi. 

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी


 

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी =  अगर आपके दिमाग में भी चिंता का कचरा भर चुका है और आपको ज्यादा नींद आती है तो इसका एक ही कारण है। आपकी बुरी आदतें और इन्हीं बुरी आदतों को कैसे छोड़ा जाए और वह कौन-कौन सी बुरी आदतें आपको बर्बाद करती है वह हम आज के इस  कहानियों के माध्यम से जानेंगे तो बिना देर किए चलिए उन कहानियों की शुरुआत करते हैं।


1  पहली कहानी यह 10 आदतें दिमाग को कमजोर बनाती हैं।


 गांव में रहने वाला एक नौजवान लड़का अपने मन के अनियंत्रित विचारों से बहुत परेशान था ना चाहते हुए भी हर समय उसके मन में कोई ना कोई विचार चलते ही रहते हैं। जब वह कोई काम करता तो उसके हाथ पैर और शरीर तो उस काम को कर रहे होते लेकिन उसका मन अतीत में घटी किसी घटना के ख्याल में खोया रहता।


 उसे अपने भविष्य को लेकर खयाली पुलाव पकाने की भी आदत पड़ चुकी थी। वह अक्सर सोचता कि एक दिन में यह करूंगा वह करूंगा एक दिन में बहुत ही बड़ा और सफल इंसान बन जाऊंगा वो अक्सर अपने भविष्य को लेकर बड़े-बड़े सपने देखता हूं और और उन सपनों में खुद को हमेशा दूसरों से आगे रखता और खुद को एक नायक के रूप में प्रस्तुत करता।


 वह जब भी किसी महान बुद्धिमान वीर और साहसी व्यक्ति की कहानी सुनता या पढ़ता तो उस कहानी के नायक की जगह खुद को रख लेता और अपने ख्यालों में ही वह सभी साहसिक और महान कार्य करने की कोशिश करता जो उस कहानी के नायक ने किए होते थे वह अक्सर अपने ख्यालों में सोचता कि एक दिन में बहुत ही सफल इंसान बनेगा जिसके पास बहुत सारा पैसा होगा। 


 समाज में खूब इज्जत और मान सम्मान होगा एक बहुत ही सुंदर और सुशील लड़की से शादी करेगा और खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत करेगा वह कई वर्षों से ऐसा ही सोचता जा रहा था। उसे लगता था कि उसका जीवन एकदम से बदल जाएगा वह एकदम से सफल बन जाएगा लेकिन उसके साथ आज तक ऐसा कुछ भी चमत्कार नहीं हुआ था।


 बल्कि समय बीतने के साथ उसकी हालत और भी खराब होती जा रही थी और इसका सबसे बड़ा कारण था उसका एक्शन ना लेना यानी काम ना करना उसके सपने तो बड़े बड़े थे और वह अपने ख्यालों में भविष्य के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं भी बना लेता था। लेकिन उसने आज तक उन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया था कभी भी खुद को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित नहीं किया था।


 जिसका परिणाम यह हुआ कि अब वह 25 साल से भी ऊपर का हो चुका था लेकिन आज तक अपने किसी भी सपने को हकीकत में बदलते हुए नहीं देखा था। इसीलिए अब उस व्यक्ति को भी यह बात समझ आने लगी थी कि वह अपने मन के बनाए हुए ख्यालों के जाल में फंस चुका है।


 जिससे वह केवल अपने ख्यालों में ही अपने सपनों की चीजों के बारे में सोचकर खुश होता रहता है और कभी भी वास्तविक दुनिया में उन सपनों को पूरा करने के लिए कोई प्रयास नहीं करता उसे पता तो था कि उसका दिमाग फालतू के विचारों से भरा हुआ है और वह वास्तविकता में नहीं जी रहा है। लेकिन बहुत प्रयास करने के बाद भी वह अपनी इस आदत को छोड़ नहीं पा रहा था उसे अपने ख्यालों की दुनिया में जीने में मजा भी आ रहा था।


 लेकिन जब वह अपने ख्यालों से बाहर आकर अपनी वास्तविक स्थिति को देखता और उसके बारे में सोचता तो वह बहुत दुखी हो जाता अब धीरे-धीरे उसकी यह आदत उसके तनाव और उदासी का कारण बन चुकी थी। अब वह अपने दोस्तों और घर वालों से ज्यादा बात भी नहीं करता था।


 दिन भर गुमसुम और उदास था रहने लगा था एक दिन ऐसे ही उदास मन के साथ वह एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ था तभी उसका एक मित्र उसके पास आता है और उससे कहता है मित्र हमारे गांव में एक बहुत ही प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु पधारे हुए हैं और मैंने सुना है कि वह मन और मन की शांति से जुड़ी हर एक समस्या का समाधान बहुत ही आसानी से कर देते हैं।


 मुझे लगता है कि तुम्हें उनसे एक बार जरूर मिलना चाहिए। वह तुम्हारी समस्या का समाधान कर सकते हैं अपने मित्र की बात सुन वो है नौजवान व्यक्ति खुश हो जाता है और उन्हें बौद्ध भिक्षु से मिलने चल पड़ता है। थोड़ी देर बाद वह बौद्ध भिक्षु के समक्ष पहुंच जाता है जो कि एक वृक्ष के नीचे ध्यान मुद्रा में बैठे हुए थे।


 वह बौद्ध भिक्षुओं को प्रणाम कर उनके सामने बैठ जाता है और अपनी सारी समस्याएं बताना शुरू कर देता है वह कहता है मेरा मन हर समय असंख्य विचारों से भरा रहता है इसमें बेवजह के विचार हर समय चलते ही रहते हैं। मैं कोई काम कर रहा होता हूं तब भी मेरा मन अतिथि या भविष्य के किसी विचार में ही खोया रहता है मैं कितना ही प्रयास कर लूं पर यह मेरी एक नहीं सुनता मैं अपने इस अशांत मन को शांत करना चाहता हूं।


 इसे खाली करना चाहता हूं इसे एकाग्र चित करना चाहता हूं जिसमें मैं अब तक का सफल रहा हूं मैं आपके पास बड़ी उम्मीद लेकर आया हूं कृपया मुझे कोई रास्ता दिखाए उस नौजवान व्यक्ति की यह सारी बातें ध्यान से सुनने के बाद बौद्ध भिक्षु ने कहा जिंदगी खुशहाल और मन शांत तो तभी होगा ना जब जो गलतियां कर रहे हो उन गलतियों को करना बंद कर दोगे पहली गलती है।


 पर्याप्त नींद ना लेना पूरी नींद ना लेना शरीर और मन को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है अगर पूरी नींद ना ली जाए तो याददाश्त का कमजोर होना तनाव चिड़चिड़ापन हर समय थका हुआ महसूस करना और चेहरे की चमक खोने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


 इसके साथ ही कम सोने से समस्याओं का समाधान निकालने के दिमाग की क्षमता पर असर पड़ता है और दिमाग को तुलनात्मक अध्ययन करने में दिक्कत आती है। इसीलिए रोजाना कम से कम पांच छह घंटे की गहरी नींद लेना जरूरी है। नींद मानव जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का माध्यम होती है रोज पर्याप्त गहरी नींद लेने से हमारी शारीरिक क्षमता बढ़ती है। 


 मानसिक तनाव कम होता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है हमारी दिनचर्या में नींद का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि यह हमें दिन भर की थकान और तनाव से राहत दिलाती है यदि किसी कारणवश तुम पूरी नींद नहीं ले रहे हो तो इससे तुम्हारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है शारीरिक स्वास्थ्य के पहलू में नींद का अभाव तुम्हारी शारीरिक क्षमता को कम कर सकता है।


 क्योंकि नींद के दौरान हमारे शरीर की मरम्मत सफाई और इसके ऊर्जा स्तर में सुधार होता है लगातार कम नींद लेने से जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आने के साथ-साथ हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर पड़ने लगती है। जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और मानसिक स्वास्थ्य के पहलू में पर्याप्त नींद ना लेने से मानसिक तनाव बढ़ सकता है और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है नींद के अभाव में मानसिक तनाव और चिंता की स्थिति में वृद्धि होती है।


 जिससे तुम्हारी दिनचर्या निर्णय लेने की क्षमता और उत्साह पर असर पड़ता है नींद के अभाव से बच्चों और युवाओं की शिक्षा कार्य पर भी असर पड़ सकता है उनकी याददाश्त समझ और नैतिकता पर असर पड़ सकता है। जिससे उनकी शिक्षा कार्य में प्रगति रुक सकती है इसके साथ ही पूरी नींद ना लेना तुम्हारी व्यक्तिगत जीवन शैली पर भी असर डालता है।


 नींद की कमी से तुम्हारे ध्यान समर्पण और रिश्तों में भी समस्याएं आ सकती हैं संक्षेप में कहें तो हमारी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में नींद सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है अच्छी और गहरी नींद लेकर हम अपने जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं और एक स्वस्थ व खुशहाल जीवन जी सकते हैं। दूसरी गलती खाने की मात्रा और उसकी गुणवत्ता पर ध्यान ना देना और कभी भी कुछ भी और कितना भी खा लेना कुछ लोगों को ज्यादा मसालेदार चटपटा और मीठा खाने की आदत होती है।

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 उन्हें ज्यादा मैदे चीनी और तेल से बने सामानों को खाने की आदत पड़ चुकी होती है। ऐसे लोगों को लगता है कि अगर जिंदगी में खाने को सीमित कर दिया तो फिर जीवन में बचा ही क्या हैं। जिंदगी के मजे ही क्या जैसे कि इंसान सिर्फ खाने के लिए ही इस दुनिया में जन्म लेता है। कुछ लोगों को हर समय खाते रहने की आदत पड़ चुकी होती है।


 भूख नहीं होती तब भी खाए जा रहे होते हैं। जबरदस्ती कुछ भी उल्टा सिद्धा पेट में डालते रहते हैं जैसे पेट नहीं कोई कूड़ा दान हो जरूरत से अधिक या कुछ भी खाते रहने से सिर्फ शरीर का वजन ही प्रभावित नहीं होता बल्कि दिमाग की शक्ति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।

 मैदा तेल चीनी और ज्यादा नमक से बने पदार्थों का सेवन करने से शरीर का वजन बढ़ने के साथ-साथ कई सारी बीमारियां जन्म लेने लगती हैं और जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारी भावनाओं और विचारों पर भी पड़ता है।


 क्योंकि एक बीमार शरीर व्यक्ति के मन को भी बीमार बना देता है। जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से भी बीमार पड़ने लगता है और तनाव व चिंता का शिकार हो जाता है। इसीलिए व्यक्ति को भोजन की उचित मात्रा और उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना चाहिए।


 तीसरी गलती जरूरत से ज्यादा भागदौड़ भरी जिंदगी और यह सोच के रुकना मना है कुछ लोगों को लगता है कि जिंदी सिर्फ ऐसे ही चलती है गलत भाग दौड़ भरी जिंदगी कितनी भी हो लेकिन रुको अगर भागते ही रहोगे तो ऐसे हाफ के गिरोगे कि उठने लायक ही नहीं रहोगे तो जिंदगी की भागदौड़ के बीच थोड़ा सा समय खुद के लिए भी निकालो।


 खुद को भी समय दो ढूंढने का प्रयास करो कि कौन सी चीज तुम्हें खुशी देती है कौन सा काम करने में तुम्हें आनंद आता है खुद से सवाल करो और खुद को चांदनी का प्रयास करो और देखना जब तुम अंदर से शांत और तरोताजा होकर किसी काम को करोगे तो बहुत ही कम समय में तुम्हें उसी काम में बहुत अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। लेकिन अगर हर समय भागते रहोगे भागती रहोगी थके मान होगे तो तुम देखोगे कि हर काम में बहुत ज्यादा समय लग रहा है बहुत ज्यादा ऊर्जा लग रही है।


 लेकिन फिर भी अंदर से खुशी नहीं मिल रही तो इतना भागना दौड़ना कोई जरूरी नहीं होता यह तो बस इंसान के अंदर बचपन से ही एक प्रतियोगिता की भावना जगा दी जाती है। उसके आसपास के माहौल और उसके माता-पिता के द्वारा क्योंकि इतना भागना कोई जरूरी नहीं होता शांति से भी जिंदगी को जिया जा सकता है और शांत हुआ स्थिर रहते हुए आराम से प्रयास करके भी बड़ी-बड़ी सफलताएं हासिल की जा सकती है।


 चौथी गलती अपनी किसी एक ऐसी बुरी आदत को पहचानना हो और उसे अपनी जिंदगी से पूरी तरह से हटाना जो तुम्हारी सफलता के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा है। हर इंसान की कोई ना कोई एक ऐसी बुरी आदत होती ही है जो उसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है उसे आगे नहीं बढ़ने देती या फिर उसे पीछे खींचती है। 


 क्योंकि जब कोई इंसान आगे नहीं बढ़ रहा होता है तो समय के साथ-साथ वह पीछे ही जा रहा होता है यह आदत कुछ भी हो सकती है जैसे काम को टालने की आदत ज्यादा सोचने की आदत चिंता करने या बहस करने की आदत कोई भी एक ऐसी आदत जो तुम्हें लगता है कि तुम्हें सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है उसे पहचानो और आज से ही उसे किसी अच्छी आदत से बदलने का प्रयास शुरू कर दो।


 हालांकि आदतों को बदलना इतना आसान नहीं होता लेकिन हर चीज को बदलना संभव है अगर तुम्हारे अंदर वह मजबूत संकल्प और लचीलापन है और अगर तुम लगातार प्रयास करोगे तो तुम्हारी नई आदत बन जाएगी और पुरानी आदत अपने आप ही छोड़ जाएगी।


 पांचवीं गलती जरूरत से ज्यादा बड़े-बड़े वादे करना वादा जरूर करना चाहिए और अपने वादे का पक्का भी होना चाहिए और वादा करने के बाद जो लोग उसे पूरा करते हैं उनके समाज में एक अलग इज्जत होती है लोग उन्हें ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन हमें कभी भी ऐसे वादे नहीं करना चाहिए जिससे हम पूरा ही ना कर सके या जिसे पूरा करने में हमें संदेह हो साथ ही हमें ना कहना भी आना चाहिए।


 यह जरूरी नहीं कि हम दूसरों के हर काम को हां कहकर उनकी नजरों में हर समय अच्छा बनने का प्रयास करें हमें मना करना भी आना चाहिए। जितना तुम कर सकते हो सिर्फ उतने का ही वादा करो क्योंकि अगर तुम अपनी क्षमताओं से बाहर जाकर किसी को जबान दे दोगे तो फिर तुम खुद के ऊपर बहुत दबाव महसूस करोगे तनाव से भर जाओगे और साथ ही सामने वाले की बेवजह की उम्मीदें भी तुमसे जुड़ जाएंगे और जब तुमने पूरा नहीं कर पाओगे।


 तो या तो तुम अपने आप पर बहुत ज्यादा दबाव डालोगे उन्हें पूरा करने का या फिर दूसरों की नजरों में बुरा बन जाओगे जो फिर बाद में तुम्हारे अंदर और भी तनाव पैदा करेगा तो जितना कर सकते हो जितना आसान है तुम्हारे लिए उतना करो फिर देखो कितना सुकून आता है।


 जिंदगी में छठी गलती अंदर ही अंदर खुद की बुराई करना और खुद को कमजोर व दूसरों से कम समझना अगर तुम्हें खुद की बुराई करने की आदत है हर समय अपने अंदर सिर्फ कमियां दिखती है रोज अपने आप को कोसते हो तो फिर तुम्हें बाहर के किसी दुश्मन की कोई जरूरत नहीं है।

Motivational Kahani in Hindi | Motivational Kahani hindi Pdf

Motivational Story In Hindi. 

 

क्योंकि तुम अकेले ही अपने लिए काफी हो अगर तुम्हें अपनी बुराई करने की आदत है तो इसे आज छोड़ दो क्योंकि ऐसा करके तुमने अपनी जिंदगी को नर्क खुद ही बना रखा है खुद को प्यार करो दुलार करो खुद को स्वीकार करो और खुद के बारे में सकारात्मक बोलो अगर कुछ गलती भी हो गई है तो खुद से बोलो कि अच्छा हुआ।


 मुझे इस गलती का एहसास अभी हो गया मैं एक ऐसा इंसान हूं जो अपनी गलतियों से सीखता है और आगे बढ़ जाता है तो कहने का मतलब यह है कि गलती में भी खुद को लगातार कोसने या खुद को अपनी नजरों में गिराने की बजाय गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने वाला इंसान बनो।


 क्योंकि अंदर ही अंदर खुद की बुराई करना और खुद को कोसना इंसान को ऐसी जंजीरों में बांध देता है कि फिर वह उसे तोड़ नहीं पाता और वही पड़ा पड़ा मानसिक रूप से सड़ता रहता है तो अगर यह तुम्हारे अंदर है खुद की बुराई करना तो इसे जल्दी से जल्दी छोड़ो तभी जिंदगी खूबसूरत बनेगी।


 सातवीं गलती दिमाग को अतीत की बुरी यादों और नकारात्मक भावनाओं से भर कर रखना अतीत में कुछ गलत घटना घट गई थी उसकी बुरी यादों को इकट्ठा किए हुए है सालों पहले किसी ने कुछ गलत बोल दिया था। उसकी बातों को आज भी मन में लेकर ढर रहे हैं किसी काम में सफलता मिल गई थी उसे लेकर आज भी दुख मना रहे हैं जब कोई इंसान ली दिमाग में इतना सारा बोझ इतनी सारी नकारात्मक भावनाएं लेकर चलेगा तो फिर वह खुश और शांत कैसे रह पाएगा।


 इसीलिए अपने मन अपने दिमाग को साफ करो शरीर से सीखो शरीर रोज अपने आप को साफ करता है सुबह उठते ही यह अपने अंदर की सारी गंदगी को मल मूत्र के द्वारा बाहर निकाल देता है तो ऐसे ही दिमाग की गंदगी को भी हर दिन बाहर निकालो रोज रात में सोने से पहले सारी की सारी जो अंदर उथल-पुथल है नाराजगी है शिकायतें हैं। अपने आप से दूसरों से सब साफ करो इसके साथ ही हर सुबह कुछ समय निकालकर ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करो जिंदगी बहुत ज्यादा खुशहाल बन जाएगी।


 आठवीं गलती  वास्तविक अपेक्षाएं या उम्मीदें रखना उम्मीद या अपेक्षाएं रखना हम इंसानों का शुरू कर देते हैं स्वभाव है लेकिन जब अपेक्षाएं बे बुनियादी और जरूरत से अधिक हो जाती है तो फिर यह हमें हर समय तनाव में रखती है दूसरों से भी लड़ाई झगड़े करवाती है और फिर हम अपनी जिंदगी से असंतुष्ट रहना शुरू कर देते हैं।


 हमें अपने जीवन के नकारात्मक चीजें ज्यादा नजर आने लगती हैं और हमें लगने लगता है कि हमारी इच्छाएं तो कभी पूरी होगी ही नहीं अधूरी इच्छाओं का एक पूरा बोझ हम अपने सर के ऊपर रख लेते हैं और ऐसा लगने लगता है कि हम बोझ तले दबते जा रहे हैं जिंदगी से निराशा होने लगती है।


 लक्ष्य को पानी का मन नहीं करता अच्छे संबंध बनाने का मन नहीं करता अच्छा खाना खाने का मन नहीं करता कहीं आने जाने का मन नहीं करता पूरी तरह से एक तनाव और उदासी भरा माहौल अपने आसपास बना लेते हैं। इसीलिए आवा वास्तविक और बेवजह की उम्मीदें रखना बहुत गलत है हमेशा वास्तविक और सही उम्मीदें ही रखना चाहिए और हमेशा मान के चलो कि इन वास्तविक उम्मीदों के साथ भी कुछ उलटफेर हो सकती है।


 जैसे होते होते भी कई बार काम नहीं हो पाएंगे और यह सारी घटनाएं आम बात है जो आज नहीं हो पाया वह कल हो जाएगा जो कल नहीं हो पाएगा वह परसों हो जाएगा उम्मीद में दुनिया कायम है लेकिन अपने आप को किसी भी हालत में चिंता और तनाव में नहीं लाना है शांत और स्थिर रहना है गलती बुरे लोगों या बुरे रिश्तों से दूरी ना बना पाना अगर रिश्ते हो तो अच्छे हो इसमें प्रेम हो परवाह हो सम्मान हो।


 लेकिन अगर किसी स्वार्थी और चालक व्यक्ति के साथ तुम्हारा रिश्ता बन गया है जो रोज-रोज का सिरदर्द बना हुआ है रूठना मनाना यही चलता रहता संबंधों में अपने आप को खूब दबाना पड़ता है डर के जीते हो बस गुस्सा ही तुम्हारे अंदर रहता है तो ऐसे रिश्ते से खुद को दूर कर लो ना हो कोई वो ज्यादा अच्छा है। अकेले में बहुत सुकून है लेकिन अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो रोज-रोज का सिर दर्द बना हुआ है तो इससे तो जिंदगी तहस-नहस हो जाती है।


 अगर उनसे ऐसे घनिष्ठ संबंध है इसे पूरी तरह से नहीं छोड़ा जा सकता तो फिर ऐसी स्थिति में संबंधों को सीमित कर दो और जिन लोगों से तुम पीछा छुड़ा सकते हो उन लोगों को तो बिल्कुल अपनी जिंदगी से बाहर निकाल दो और अपनी जिंदगी में सुकून लाओ। इतना कहने के बाद बौद्ध भिक्षु ने अपनी बात समाप्त की और कहा तो यह थी वो कुछ गलतियां जिन्हें अगर तुम सुधार लेते हो तो तो तुम्हारी जिंदगी फिर से शांति सुकून और खुशी से भर जाएगी।


 दोस्तों एक और गलती जो आज के समय में हमारे मन को अशांत और बेचैन रखती है वह है डिजिटल डिवाइसेसपोर्ट स्क्रॉल करते रहेंगे एक पागलपन की हद तक पूरा दिन इन डिवाइसेज देंगे ये आदत बहुत ज्यादा खराब है। जितना आपके काम के लिए जरूरी है सका यूज करिए लेकिन इसमें भी बीच-बीच में ब्रेक लेना रेस्ट लेना जरूरी होता है नहीं तो यह है आपके अंदर की बहुत सारी चीजों को खराब कर देगा आपके चेहरे की चमक कम हो जाती है।


 आपकी नींद पर भी असर पड़ता है यह आपके अंदर ज्यादा सोचने की आदत बढ़ाकर तनाव पैदा कर देता इसीलिए आपको जितना हो सके इनसे दूरी बनाकर रखना है। क्योंकि कुछ चीजों को तो हम बिल्कुल छोड़ सकते हैं जैसे जंक फू लेकिन डिजिटल डिवाइसेोकंट्रोल गे तो फिर हम अपने लाइफ में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।


 इसीलिए इसको पूरी तरह से छोड़ना नहीं लिमिट करना है कुछ चीजों को छोड़ना होता है और कुछ चीजों को लिमिट करना होता है इसे लिमिट कर लो जिंदगी अच्छी हो जाएगी तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको इस कहानी से एक अच्छी सिख मिली होगी यह कहानी आपको कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं तो दोस्तों अब चलिए हमारे दूसरे कहानी की शुरुआत करते हैं।


2  दूसरी कहानी गौतम बुद्ध की कहानी जितना सीधा बनोगे उतना धोखा खाओगे।


 गौतम बुद्ध ने कहा था कि एक क्रूर जंगली जानवर की तुलना में एक धोखेबाज और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए। क्योंकि जानवर केवल आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन एक कपट्टी और धोखेबाज मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचाता है।


 केवल एक बुरा मित्र ही आपको ऐसी स्थिति में पहुंचा सकता है जहां आप महसूस करें कि यह दुनिया बहुत बुरी है अब यहां रहने से क्या फायदा और ऐसा ही होता है। जब आपको धोखा दिया जाता है आपको धोखा दिया जाता है और केवल वही व्यक्ति धोखा खाता है जो दूसरे पर आंख मूंदकर भरोसा करता है।


 हम तुरंत किसी पर भरोसा नहीं करते भरोसा धीरे-धीरे बढ़ता है लेकिन एक समय के बाद यह भरोसा इतना मजबूत हो जाता है कि हम उस व्यक्ति के प्रति अपनी आंखें कान और दिमाग बंद कर लेते हैं और तब ऐसी स्थिति होती है कि हमारा सबसे भरोसेमंद व्यक्ति ही हमें सबसे बड़ा धोखा दे देता है कि हमारा संसार से विश्वास उठ जाता है और हम हर किसी को संदेह की दृष्टि से देखने लगते हैं।


 वास्तव में यह संसार धोखे पर चल रहा है हम किसी ना किसी को धोखा देते रहते हैं हमारे जीवन में कहीं ना कहीं और लोग भी हमें धोखा दे रहे हैं। दूसरों द्वारा धोखा देना तो समझ में आता है लेकिन हम खुद को वर्ष से धोखा दे रहे हैं।

 हम खुद को ऐसी चीजों के बारे में समझाते हैं ताकि हमें सच्चाई का सामना ना करना पड़े और हम अपनी ही छोटी सी दुनिया में खोए रहे धोखा या विश्वासघात दो धारी तलवार की तरह है हमें लगता है कि हम दूसरे व्यक्ति को धोखा देकर उसे बेवकूफ बना रहे हैं।


 लेकिन यह धोखेबाज तलवार सामने वाले की भी उतनी ही गर्दन काटती है जितनी भविष्य में हमारी गर्दन काटती है दोस्तों आज की इस बौद्ध कहानी के माध्यम से जानेंगे कि हम धोखे और विश्वासघात से खुद को कैसे बचाएं और कहानी के अंत में हम 10 ऐसे संकेतों के बारे में जानेंगे जो एक धोखेबाज और झूठे व्यक्ति में पाए जाते हैं।


Gautam Buddha Story |Gautam Buddha Ki Kahani 

 एक युवक बहुत गुस्से में है पहाड़ी से कूदकर आत्महत्या करने जा रहा था जैसे ही वह पहाड़ी की छोटी पर पहुंचा तो चिल्लाया कि यह दुनिया इतनी बुरी क्यों है यहां हर कोई इतना स्वार्थी क्यों है अब मेरे जीने का कोई मतलब नहीं है।


 उसी पहाड़ी की छोटी पर एक बौद्ध भिक्षु अपने ध्यान न में लीन था उस युवक की तीव्र क्रोध भरी आवाज सुनकर वह व्यायाम से उठा वह तुरंत समझ गया कि यह युवक यहां आत्महत्या करने आया है वह आदमी पहाड़ी से कूदने ही वाला था कि बौद्ध भिक्षु ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे पीछे खींचते हुए कहा क्या हुआ क्या आगे का रास्ता खत्म हो गया।


 युवक ने कहा कि कौन सा रास्ता यहां कोई रास्ता नहीं है मैं यहां से कूदकर आत्महत्या करने जा रहा हूं बौद्ध भिक्षु ने कहा कि एक दिन सभी को मरना है लेकिन तुम इतनी जल्दी में क्यों हो युवक ने कहा क्योंकि यह दुनिया रहने लायक नहीं है।


 यहां हर कोई स्वार्थी और धोखेबाज है जिस पर मैंने भरोसा किया उसने मुझे धोखा दिया मेरे अपने भाई ने मुझे धोखा दिया मेरे दोस्तों ने मुझे धोखा दिया लेकिन आज तो हद हो गई मेरी पत्नी ने भी मुझे धोखा दिया वह एक अमीर बिजनेसमैन के साथ भाग गई इतना धोखा खाने के बाद अब मेरा इस दुनिया में रहने का कोई मतलब नहीं है स्वार्थी दुनिया में किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता।


 इसलिए मैं आत्महत्या कर ने जा रहा हूं बौद्ध भिक्षु क्या तुम स्वार्थी नहीं हो क्या आप पर भरोसा किया जा सकता है उस व्यक्ति ने कहा मैंने आज तक किसी को धोखा नहीं दिया किसी को धोखा नहीं दिया आप चाहे तो मेरे गांव जाकर पूछ सकते हैं। लोग अक्सर मेरा फायदा उठाते हैं लेकिन मैंने आज तक किसी का बुरा नहीं किया बौद्ध भिक्षु ने कहा मैं तुम पर भरोसा नहीं कर सकता।


 तुम्हें मुझे यह साबित करना होगा कि तुम स्वार्थी व्यक्ति नहीं हो व्यक्ति ने पूछा मुझे यह साबित करने के लिए क्या करना होगा तुम्हें साथ रहना होगा मैं अगले एक साल तक अपने आश्रम में रहूंगा तभी मुझे पता चलेगा कि आप एक ईमानदार व्यक्ति हैं या आप भी दूसरों की तरह स्वार्थी और धोखेबाज हैं आदमी ने कहा ठीक है मैं एक साल तक आपके साथ आपके आश्रम में रहूंगा और खुद को साबित करूंगा।


 बौद्ध भिक्षु लाया वह युवक उसके साथ उसके आश्रम में गया और उसे अपना शिष्य बना लिया अगली सुबह बौद्ध भिक्षु ने नए शिष्य को अपने पास बुलाया मुझे आप पर भरोसा नहीं है लेकिन आप फिर भी जाकर भिक्षा मांगते हैं तब तक मैं आपके अन्य गुरु भाइयों को शिक्षा देता हूं।


 वह युवा शिष्य गुरु को प्रणाम कर भिक्षा मांगने चला गया आज से पहले उसने कभी भी भीख नहीं मांगी थी इसलिए उसे भीख मांगने में बहुत परेशानी हो रही थी उसके मुंह से भीख मांगने के लिए शब्द नहीं निकल रहे थे उसका अहंकार उसे रोक रहा था लेकिन उसके अंदर एक अहंकार जाग रहा था मालिक को गलत साबित करने के लिए उसने भीख मांगी और वह भिक्षा लेकर वह स्वामी के पास लौट आया।


 उसके हाथ में भिक्षा देखकर गुरु ने कहा कि तुम कुछ तो भरोसेमंद हो मैंने सोचा था कि तुम भीख नहीं मांग पाओगे लेकिन तुमने मुझे गलत साबित कर दिया मेरे साथ मेरी कुटिया में आओ मैं तुम्हें वहां कुछ दिखाना चाहता हूं गुरु शिष्य को अपने साथ अपनी झोपड़ी में ले गए झोपड़ी के ऊपर एक बर्तन लटका हुआ था।


 गुरु ने झोपड़ी की ओर इशारा किया बर्तन और कहा क्या तुम उस बर्तन को देख रहे हो इसमें जहर होता है और भी ऐसा होता है कि अगर किसी व्यक्ति को दे दिया जाए तो व्यक्ति बहुत आसानी से मर सकता है और किसी को पता भी नहीं चलेगा कि उनकी मृत्यु कैसे हुई युवा शिष्य ने कहा लेकिन गुरु आप मुझे यह सब क्यों बता रहे हैं।


 साधु ने कहा मैं तुम्हें केवल चेतावनी दे रहा हूं कि गलती से भी इसे मत खाना कुछ दिनों के बाद गुरु एक जंगल से गुजर रहे थे उनके शिष्य तभी कुछ जंगली लुटेरों ने अचानक उन पर हमला कर दिया सभी शिष्य अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे।


 लेकिन वृद्धावस्था के कारण मास्टर दौड़ने में सक्षम नहीं थे या उस युवा शिष्य को अनुभव हुआ और उसने वीरता का परिचय देते हुए अपने गुरु को डाकू से बचाया और आश्रम ले आया आश्रम पहुंचकर गुरु ने सबके सामने शिष्य की बहुत प्रशंसा की और कहा कि मेरा नया शिष्य तुम सबसे बेहतर है।


 जिसने अपनी जान जोखिम में डालकर मेरी जान बचाई और मुझे यहां सुरक्षित पहुंचाया आज तक मुझे उस पर विश्वास है उस दिन के बाद से हर सुबह जब भी गुरु उस शिष्य से मिलते हैं तो उनसे एक बात कहना कि मुझे तुम पर पूरा विश्वास है धीरे-धीरे गुरु का उस पर विश्वास हो गया शिष्य बढ़ता गया और बात इतनी बढ़ गई कि गुरु ने एक दिन शिष्य को अपने पास बुलाया और कहा कि मेरा कोई बेटा नहीं है।


 लेकिन तुम मेरे बेटे की तरह हो मैं अब बूढ़ा हो गया हूं इसलिए मैं चाहता हूं कि मेरी मृत्यु के बाद तुम इस आश्रम की बागडोर संभाली आपके हाथों में शिष्य ने कहा कि गुरु यदि आपकी यही इच्छा है तो आपकी खुशी की जिम्मेदारी में भी उठाऊंगा इतना कहकर शिष्य चला गया कुछ दिनों के बाद गुरु बीमार पड़ गए तो उन्होंने आश्रम के सभी शिष्यों को बुलाया और यह घोषणा कर दी कि मेरे बाद यह युवा शिष्य इस आश्रम को चलाएगा।


 धीरे-धीरे दिन बीतते गए और उस युवा शिष्य के मन की बेचैनी बढ़ती गई आश्रम पर जल्द से जल्द कब्जा करने की चाहत बढ़ने लगी वह हर सुबह गुरु के पास दर्शन के लिए जाता था यदि उसके स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव पड़ता लेकिन मास्टर जी का स्वास्थ्य दिन बदन बेहतर होता जा रहा था।


 अब उसके सब्र का बांध टूटने लगा उसकी रातों की नींद हराम हो गई वह हमेशा यही सोचता रहता था कि मालिक को रास्ते से कैसे हटाऊ और किसी को पता भी नहीं चलता कभी-कभी वह सोचता है कि मालिक को नदी में धक्का दे ह लेकिन अगले ही पल उसे एहसास होता है कि मालिक को रास्ते से कैसे हटाया जाए।


 एक अच्छा तैराक वह तैर कर बाहर निकल आएगा कभी-कभी वह सोचता है कि मैं टीचर का गला घोंट करर मार डालूंगा सबको पता है कि मैं मास्टर का विश्वास पात्र हूं इसलिए मुझ पर किसी को शक नहीं होता लेकिन फिर वह सोचता है कि अगर थोड़ी सी भी गलती हुई तो बात बिगड़ सकती है।


 मुझे कोई ऐसा रास्ता खोजना होगा जिससे मालिक की भी मृत्यु हो जाए और सभी को लगे कि यह स्वाभाविक मृत्यु है और भगवान को यही मंजूर था एक दिन वह युवा शिष्य गुरु के पास उनकी कुटिया में बैठा था तभी उसकी नजर ऊपर लटके बर्तन पर पड़ी उसे याद आया कि मालिक ने कहा था कि इसमें जहर है और जहर भी ऐसा कि किसी को पता नहीं चलता उसने सोचा यही सही रहेगा।


 मैं यह जहर गुरु को दे दूं और किसी को पता भी नहीं चलेगा कि उनकी मौत कैसे हुई और फिर पूरे आश्रम पर मेरा कब्जा हो जाएगा अगले दिन उसने चुपके से चोरी कर ली मालिक की झोपड़ी से निकला जहर और उसे गुरु के भोजन में मिला दिया गुरु ने रात्रि का भोजन किया और सोने चले गए।


 लेकिन जब सुबह हुई तो पूरा आश्रम जाग रहा था लेकिन गुरु नहीं उठे शिष्यों ने गुरु की कुटिया में जाकर देखा तो पता चला कि गुरु की मृत्यु हो गई है जब उस युवा शिष्य को इस बात का पता चला तो वह अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ और आश्रम पर कब्जा करने का काम शुरू कर दिया उसी आश्रम में गुरु का एक पुराना शिष्य भी था वह पूरी घटना को चुपचाप देख रहा था।


 वह अपनी कुटिया में गया वह वहां से एक दवा लाया और उस दवा को मास्टर को दिया थोड़ी ही देर मास्टर की चेतना लौट आई और वह बिल्कुल ठीक होकर बैठ गया यह सब देखकर उस युवा शिष्य के पैरों तले जमीन खिसक गई वह बहुत घबरा गया गुरु ने बाकी शिष्यों को अपने अपने काम पर भेज दिया और युवा शिष्य को अपने पास बुलाकर कहा कि।


 क्या तुम अब भी विश्वास करने के योग्य हो क्या तुम मुझे धोखा नहीं देते क्या आप स्वार्थी नहीं है शिष्य गुरु के चरणों में गिर पड़ा और बोला मुझे नहीं पता कि मुझसे यह अपराध कैसे हो गया मैंने आज से पहले किसी को धोखा नहीं दिया लोग मुझे धोखा दे रहे हैं लेकिन पता नहीं क्यों और कैसे मैंने आज तुम्हें धोखा दिया मालिक ने कहा कि तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते।


 क्योंकि मैंने कभी तुम पर भरोसा नहीं किया मैंने कभी किसी पर भरोसा नहीं किया मैं केवल अपनी आंखों से जो देखता हूं उस पर भरोसा करता हूं और मैं तुम्हारे अंदर लालच देख सकता हूं और मैंने जानबूझकर तुम्हें यह लालच दिया था क्योंकि इंसान किसी को धोखा देने के सिर्फ तीन ही कारण होते हैं।


 पहला स्वार्थ दूसरा लालच और तीसरा ईर्ष्या युवा भिक्षुओं ने गुरु से पूछा लेकिन गुरु मैं अपने आप को स्वार्थ लालच और ईर्ष्या से कैसे मुक्त रख सकता हूं गुरु ने कहा खुद को पढ़ो खुद को जानो अपने अंदर उतरने की कोशिश करो इंसान में बहुत संभावनाएं हैं वह कर सकता है अपने लिए कुछ भी बनाओ वह कुछ भी हो सकता है और जब आप में बदलाव आए तो अपने अंदर झांके और जानने की कोशिश करें कि आप क्यों बदल रहे हैं तुम्हें कौन बदल रहा है क्या यह बदला अच्छा है या बुरा आत्मनिरीक्षण का प्रयास करें।

Gautam Buddha Motivational Story |प्रेरणादायक कहानी छोटी-सी 

प्रेरणादायक कहानी 


 गुरु की यह बात सुनकर शिष्य ने फिर से उनके पैर पकड़ लिए और बोला गुरु जी मैं आपका शिष्य बनना चाहता हूं और जानना चाहता हूं कि मैं कौन हूं मैं कौन हूं और मैं क्यों बदलूं गुरु ने कहा कि हमारे आसपास ऐसे बहुत से लोग हैं और ऐसे बहुत से लोग हुए हैं जो इस बात का उदाहरण है कि उन्होंने कभी किसी को धोखा नहीं दिया।


 उनका स्वार्थ लालच और ईर्ष्या कभी किसी को धोखा नहीं दिया व्यक्ति तभी धोखा देता जब उसे लगता है कि वह जो कर रहा है उसे कोई नहीं देख रहा है और भविष्य में यह बात किसी को पता नहीं चलेगी और वह जो कर रहा है वह सही है पकड़े जाने के बाद वह अपने बचाव के लिए और भी तर्क देता है कि मैं कुछ नहीं कर सका।


 यही आखिरी रास्ता था मेरे पास मजबूरी थी लेकिन हर धोखे के पीछे का सच यही है जो इंसान जानबूझकर अपने फायदे के लिए करता है गुरु ने शिष्य की आंखों में देखते हुए कहा याद रखना जब हम किसी को खा देते हैं हमने उसकी आंतरिक चेतना को चोट पहुंचाई और वह इतनी बुरी तरह आहत हो जाता है कि वह किसी पर भी भरोसा नहीं कर पाता।


 वह अंदर ही अंदर बहुत उदास और अकेला महसूस करने लगता है इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि कोई आपको धोखा ना दे इसलिए अपनी आंखें कान और दिमाग खुले रखें लोगों पर भरोसा करें लेकिन बहुत ज्यादा भरोसा ना करें कि वे आपका फायदा उठाना शुरू कर दें।


 हमेशा अपने सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों पर नियंत्रण रखें और अपने जीवन की बागडोर कभी भी दूसरों के हाथों में में ना सौंपे और समय-समय पर खुद को जांच रहे जिस धोखे से आप बचना चाहते हैं क्या आप भी वैसा ही धोखा किसी और के साथ कर रहे हैं और अगर फिर भी कोई आपको धोखा देता है तो निराश ना हो क्योंकि धोखा खाने के बाद हर धोखा इंसान को कुछ ना कुछ सिखाता है।


 व्यक्ति पहले से अधिक सतर्क और सावधान हो जाता है इसलिए केवल एक धोखे के कारण अपना जीवन बर्बाद ना करें और इसे एक सबक के रूप में ले और आगे बढ़े मास्टर ने कहा यह एक धोखेबाज व्यक्ति के दश लक्षण है।


 एक चालाक व्यक्ति के जो आपको धोखा दे सकते हैं और आपके मन की शांति छीन सकते हैं निराशा के गहरे सागर में डूबकर वह आपकी जिंदगी खत्म कर सकता है पहली निशानी जो व्यक्ति झूठा होगा धोखेबाज होगा वह आपसे सब कुछ छिपाए आप उसके बारे में दूसरे लोगों से जान लेंगे और जब आप पूछेंगे तो वह कहेगा जिसे वह उनके साथ काफी समय बिताने के बाद भी बताना भूल गए।


 आप उसके बारे में ज्यादा नहीं जानते होंगे कि वह आपके बारे में क्या सोचता है उसकी जिंदगी में क्या चल रहा है आप इस बारे में हमेशा भ्रमित रहेंगे क्योंकि वह आपसे सब कुछ छिपाए क्योंकि वह एक सच्चा आदमी नहीं है एक सच्चे आदमी को अपने बारे में बताने में कोई समस्या नहीं होती है।


 वह आपसे लगभग हर चीज साझा करता है लेकिन एक धोखेबाज बहुत सावधानी से चलता है इसलिए हमें इन पर ध्यान देना चाहिए वह व्यक्ति जिसके साथ हम रिश्ते में हैं जिसे हम अपनी जिंदगी सौंपने जा रहे हैं जिसके साथ हम प्यार और विश्वास का सौदा करने जा रहे हैं।


 क्या वह अपनी पूरी जिंदगी एक खुली किताब की तरह हमारे साथ सांझा करता है या नहीं या वह हमसे बातें छुपाता है या नहीं अगर वह छुपाता है तो वह व्यक्ति बहुत बड़ा धोखेबाज हे दूसरी निशानी जो व्यक्ति धोखेबाज है या जो हमसे सच्चा प्यार नहीं करता वह कभी भी हमसे सच्चा प्यार नहीं करता।


 हमारी परवाह करता है चाहे हम उसकी की कितनी भी परवाह कर ले उसके लिए कुछ भी कर ले लेकिन उसे स्ती भर भी परवाह नहीं होगी और यह एक बार नहीं बार-बार दिखेगा लेकिन हम इसे नजरअंदाज कर देते हैं यह हमारी गलती है हमारे जादू के कारण हम देख नहीं पाते सच्चाई हमारी आंखों के सामने भी है अगर हम थोड़ा और सचेत होकर देखने की कोशिश करें तो यह हमारी गलती है।


 तब हमें पता चलेगा कि उसे हमारी कोई परवाह नहीं है तीसरा संकेत जो व्यक्ति धोखे बाज है वह बहुत बड़ा झूठा भी है उसके अपने शब्द खुद से मेल नहीं खाते उसकी जुबान बदलती रहती है वह अपनी बात नहीं रखता लेकिन हम उसके झूठ में फंस जाते हैं इसलिए हम उसे नहीं पहचानते।


 चौथी निशानी धोखेबाज व्यक्ति हमारे सामने तो हमारी चापलूसी करेगा और हमारी तारीफ करेगा लेकिन पीठ पीछे वह कभी हमारी तारीफ नहीं करेगा और हमारा सम्मान नहीं करेगा चाहे हम उसके लिए मर भी जाएं लेकिन वह कभी हमारी तारीफ नहीं करेगा हम और क कभी भी हमें उतना महत्व नहीं देंगे जितना हम अपने जीवन में देते हैं क्योंकि यह एक दिन हमें धोखा देगा इसलिए बेहतर होगा कि हम बहुत अधिक धोखा खाने से पहले सावधान हो जाएं।


 पांचवा संकेत वे जो कहते हैं उस पर ध्यान ना दें बल्कि इस पर ध्यान दें कि वे आपके साथ क्या करते हैं बात करना बहुत आसान है लेकिन करना बहुत मुश्किल है और ज्यादातर लोग इन्हीं बातों पर अटक जाते हैं इसलिए चाहे वह आपसे कितनी भी बात कर ले उससे कई वादे की जा सकते हैं।


 लेकिन जब तक वह पूरा करके ना दिखा दे छठे संकेत पर भरोसा ना करें प्रेम संबंधों में अक्सर यह देखने को मिलता है कि कैसे एक धोखेबाज व्यक्ति अपने प्यार करने वाले को इस तरह अपने जाल में फंसा लेता है कि सामने वाला उसके लिए हमेशा उपलब्ध रहता है। वह कहीं नहीं जा रहा है यह उसके लिए यही रहेगा वह ना आदर करते हैं ना सम्मान करते हैं और अगर सम्मान की भीख मांगी जाए तो अपमान ज्यादा करते हैं।


 अगर किसी रिश्ते में किसी से मिन्नत कर करनी पड़े मुझे अपना समय देने के लिए मुझसे बात करो तो इससे बुरा रिश्ता कोई नहीं हो सकता जो आपसे सच्चा प्यार करेगा वह खुद चाहेगा कि वह अपना ज्यादातर समय आपके साथ बिताए जिससे आप समय की भीख मांगते हैं समझ ले कि उसमें आपके लिए कोई प्यार नहीं है सातवी निशानी उसके पास हर चीज के लिए समय होगा लेकिन आपके लिए उसके पास कभी समय नहीं होगा वह अपने जीवन में आपके लिए कुछ भी नहीं छोड़ेगा।


 लेकिन आपको कभी भी छोड़ देगा वह आपसे तभी बात करेगा जब वह चाहेगा तब नहीं जब आपको उनकी जरूरत हो वे आपकी जगह किसी और को ले सकते हैं। लेकिन आपके लिए कुछ भी नहीं बदलेगा ना उनकी आदतें ना उनका स्वभाव और ना ही उनका आराम आठवा संकेत वे कभी भी आपके प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध नहीं होंगे कि हम आपके साथ हैं।


 चाहे कुछ भी हो जाए हम आपका समर्थन करेंगे चाहे समय कोई भी हो वे केवल अपनी शर्तों पर आपके साथ रहेंगे जब भी वे सहज होंगे और अच्छा महसूस करेंगे वे आपके साथ रहेंगे और अगर इससे उन्हें थोड़ा सा भी दुख होगा तो वे चले जाएंगे।


 क्योंकि वे कभी भी अपनी शर्तों से बाहर नहीं आएंगे आपके लिए कुछ भी करने के लिए आरामदायक क्षेत्र नौवां संकेत वे आपको हमेशा चोट पहुंचाएंगे कभी-कभी जानबूझकर और कभी-कभी उन्हें यह भी पता नहीं होता है कि वह आपको कितना चोट पहुंचा रहे हैं और आपका दिल दुखता रहेगा आप उस व्यक्ति के साथ खुश महसूस करेंगे जो आपसे सच्चा प्यार करता है।


 उसके साथ रहने से आपको यह महसूस होगा जैसे आप हया में हल्के से उड़ रहे हैं और अगर आप किसी धोखेबाज और गलत व्यक्ति के साथ रिश्ते में हैं तो सब कुछ भारी और बोझिल लगेगा ऐसा लगेगा कि कुछ गड़बड़ है अंदर से आवाज आएगी कि यह रिश्ता आपके लिए सही नहीं है और अगर आप इसे सुनकर भी नजरअंदाज कर देते हैं तो यह आपकी गलती है।


 दसवां संकेत आप उनकी जिंदगी में कहीं नहीं है उनकी जिंदगी में आपकी कोई खास जगह नहीं है वे जब चाहे आपको आसानी से अपनी जिंदगी से बाहर कर सकते हैं और उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर आप उनकी बात पर विश्वास नहीं करते हैं और उनकी सच्चाई जानना चाहते हैं तो कुछ दिनों के लिए उनकी जिंदगी से गायब हो जाएं।


 वे जीत जाएंगे बुरा मत मानना इससे अच्छा है कि हमारी जिंदगी से समस्या दूर हो गई है अब हम आजाद हैं और जो चाहे कर सकते हैं दोस्तों अगर आप भी रिलेशनशिप में है ऐसे इंसान के साथ तो होश में आ जाओ और जितनी जल्दी हो सके इससे बाहर आ जाओ यकीन मानिए ऐसे रिश्ते से बाहर आने के बाद तुम्हें शांति सुकून और प्यार मिलेगा और क्या दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है यदि आप एक बुरे व्यक्ति को छोड़ देंगे।


 तो आपके जीवन में 10 अच्छे लोग आ जाएंगे जो आपको सम्मान और प्यार देंगे और जब तक आप इस तरह के झूठे व्यक्ति के साथ हैं तो आपको कोई अन्य अच्छाई दिखाई नहीं देगी लोग लेकिन जैसे ही आप ऐसे धोखेबाज इंसान को छोड़ेंगे तो आपकी जिंदगी में अच्छे लोग आना शुरू हो जाएंगे एक और बात आजकल लोग साथ वाले हैं जिन्हें रिश्ते में प्यार में धोखा मिलता है।


 वो कहते हैं कि प्यार जैसा कुछ नहीं होता सब झूठ है आजकल सब झूठ है पर पूरा सच नहीं है जिस इंसान ने तुम्हें धोखा दिया है वो प्यार का मतलब नहीं जानता लेकिन आज भी दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो प्यार करना भी जानते हैं और निभाना भी जानते हैं जिन लोगों को धोखा मिला वह अपनी तरफ से सच्चा प्यार कर रहे थे।


 प्यार ईश्वर का दिया हुआ उपहार है और यह दुनिया प्यार पर ही टिकी है अगर कोई गलत इंसान आपके प्यार को नहीं समझ पाया तो इसका मतलब यह नहीं है कि इस दुनिया में प्यार नहीं है यह दुनिया प्यार से चलती है यह सेलिब्रिटी डांसिंग की दुनिया उन्हीं की वजह से है जो प्यार करते हैं और अंत में एक और बात दोस्तों अगर आपको अपने परिवार के सदस्यों से धोखा मिलता है या आपको गलत समझा जाता है तो एक दूसरे की बातों को समझने की कोशिश करें एक दूसरे को बताएं और एक दूसरे को माफ कर दें।


 क्योंकि दोस्तों आपको लोग बहुत मिलेंगे लेकिन आपको नहीं मिलेंगे लोग आपके परिवार को पसंद करते हैं पूरी दुनिया में कहीं भी और हां उनकी बात अलग है जो लोग झाप के परिवार से थोड़ा बाहर हैं जैसे आपका दोस्त दूर का रिश्तेदार या पड़ोसी लेकिन परिवार के सदस्यों को माफ कर देना ही समझदारी है।


 दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि यह कहानी सुनने से आपके जीवन में अच्छे बदलाव आए होंगे आपको इस वीडियो से क्या सीखने मिला यह कमेंट करके जरूर बताइए और अपने परिवार दोस्तों या आपके करीबी इंसान के साथ यह कहानी शेयर करके उन्हें भी इस ज्ञान से परिचित करवाए बाकी अगर आपको ।


यह कहानी दिल से अच्छी लगी हो तभी इस कहानी को लाइक कर देना और आपने अब तक इस चैनल को सब्सक्राइब ना किया हो तो चैनल को सब्सक्राइब भी जरूर कर देना आपका हर दिन शुभ हो और खुशियों से आपका जीवन भरा रहे।


 धन्यवाद नमो.

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