krishna vani in hindi | श्री कृष्ण krishna vani quotes in hindi
krishna vani in hindi | श्री कृष्ण krishna vani quotes in hindi
krishna vani in hindi बहुत बार ऐसा देखने को मिलता है जो ज्यादा भगवान का पूजा पाठ करता है वही सबसे ज्यादा दुखी होता है जबकि कोई नास्तिक आदमी जो भगवान को नहीं मानता कभी पूजा पाठ नहीं करता कभी संतों का संग नहीं करता वह सबसे ज्यादा सुखी जीवन जीता है। यह सब चीजें देखकर कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि भगवान ही गलत है भगवान का न्याय ही गलत है यह कोई कहानी नहीं है ऐसा हर सी के साथ होता है।
दोस्तों आज के इस कहानी में हम आप लोगों को इसके पीछे के कारण के बारे में बताने वाले हैं। भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं इसका उत्तर दिया है आखिर ज्यादा पूजा पाठ करने वाले लोग दुखी और परेशान क्यों रहते हैं इसका उत्तर भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता के माध्यम से बड़ी स्पष्टता के साथ बता स्वागत है। आपका हमारे स्पिरिचुअल वर्ल्ड चैनल पर अगर आपने वीडियो को अंतिम तक देख लिया तो बधाई हो जिंदगी बद जाएगी दोस्तों तो चलिए शुरू करते हैं आज की प्रस्तुति।
जो ज्यादा भगवान का पूजा पाठ करता है वही सबसे ज्यादा दुखी होता है।
दोस्तों बात द्वापर युग की है जब भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच संवाद हो रहा था तब अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि माधव जो लोग ज्यादा पूजा पाठ करते हैं।
वह ज्यादातर दुख और परेशान रहते हैं इसके पीछे क्या कारण है जबकि जो लोग भगवान का नाम भी नहीं लेते भगवान का स्मरण बिल्कुल भी नहीं करते और हमेशा गलत कार्य में लिप्त रहते हैं उन लोगों को मैं सुखी देखता हूं।
इसके पीछे का रहस्य मुझे समझाने का प्रयास करें तब भगवान श्री कृष्ण ने एक छोटी सी कहानी के माध्यम से अर्जुन को इसका उत्तर दिया आइए जानते हैं उस छोटी सी कहानी के बारे में एक गुरु के दो शिष्य थे दोनों ही पढ़े लिखे विद्वान थे।
दोनों में फर्क सिर्फ इतना था कि एक भगवान को मानने वाला था और दूसरा भगवान को ना मानने वाला नास्तिक था एक ऐसा था जहां पर भगवान की कथा होती थी जहां सत्संग होता था जहां भजन होता वहां दौड़ के चला जाता और भगवान की पूजा पाठ करने लगता दूसरा शिष्य इन सब चीजों से दूर था वह शराब पान भी करता था।
वेश्याओं के साथ नमन करता था सारी बुरी आदतें दूसरे शिष्य में थी एक दिन क्या हुआ एक शिष्य शराब पीकर अनाबे रास्ते में पैदल चलते हुए अपने घर को जा रहा था अचानक उसको रास्ते में से भरा एक बैग मिल जाता है।
उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता वह जोर-जोर से चिल्लाते हुए सबको बताता है मुझे आज पैसों से भरी बैग की थैली मिल गई मेरा जीवन सफल हो गया इन पैसों से अपने जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति करूंगा वही दूसरा मित्र मंदिर से भजन करते हुए अपने घर को जा रहा था।
अचानक उसकी पैर में एक बड़ी कांटे चूप जाती है रक्त निकलने लगता है ठीक उसी समय दूसरा शिष्य भी वहीं पहुंचता है और हंसते हुए उसको बोलने लगता है।
क्यों तुम ही हो ना जो सबसे ज्यादा पूजा पाठ करते हो भगवान का भी भजन करते हो क्या दिया तुम्हारे भगवान ने तुम्हें मुझे देखो मैं कभी मंदिर नहीं गया और ना ही मैंने कोई भी काम अच्छा किया मेरे घर में भगवान का मंदिर भी नहीं है मैंने कभी अपने घर में सत्यनारायण का कथा नहीं कराया भगवान के सामने कभी माथा नहीं टेका फिर भी मैं कितना संपन्न हूं।
अमीर हूं मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है सबसे ज्यादा सुखी जीवन मैं ही जी रहा हूं अच्छे शिष्य को उसकी बात चुभने लगी उसने मन ही मन विचार किया हां यह तो सच बोल रहा है।
मैं कितना पूजा करता हूं और वह कुछ नहीं करता फिर भी कितना सुखी है इतना सोचते हुए वह अपने गुरु के पास चला जाता है और यही प्रश्न गुरु से करता है गुरुजी मुस्कुराते हुए बोले भगवान जो करते हैं अच्छे के लिए ही करते हैं।
जिसकी जैसी योग्यता होती है उसको उसी के अनुसार फल देते हैं अब तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर तुम जानते हो भगवान ने तुम्हारे पैर में ही क्यों छु भाई काटे और उसको पैसों से भरी हुई बैग क्यों मिली सुनो तुमने पिछले जन्म में बहुत पाप किया था।
इसलिए तुम्हारी आज मौत होने वाली थी तुम बच गए क्योंकि तुम मंदिर गए थे तुमने भगवान की पूजा की थी यही एक कारण है कि तुम्हारी मौत ना होकर सिर्फ एक ही कांट चुभा अब तुम्हारे मित्र की बात करते हैं।
पूर्व जन्म में वह एक संत महापुरुष था इसलिए उसकी आठ किस्मत बदलने वाली थी करोड़ों की संपत्ति का मालिक बनने वाला था मगर इस जन्म में उसने कोई भी अच्छा काम नहीं किया इसलिए पूर्व जन्म के फल के अनुसार उसको थोड़े पैसे ही मिले जबकि वह अरबों की संपत्ति का मालिक बनने वाला था।
भगवान को दोष देना छोड़ दो अपने वर्तमान के समय का सदुपयोग करो भविष्य अपने आप सुधर जाएगा इस प्रकार उसकी आंखें खुल गई और वह फिर से अपने पूजा पाठ में लग गया जब हम प्रार्थना करते हैं तो ईश्वर हमारे कहने से ज्यादा सुनता है।
जितना हम पूछते हैं उससे ज्यादा जवाब देता है जितना हम कल्पना करते हैं उससे ज्यादा अपने समय में और अपने तरीके से देता है समय का चक्र बहुत तेज चलता है इसलिए ना तो बल का अहंकार करें ना ही अपने धन का जीवन में वाणी को संयम ही रखना अनिवार्य है।
क्योंकि वाणी से दिए हुए घाव कभी भरे नहीं जा सकते जीवन में कभी मौका मिले तो किसी के लिए सारथी बनना स्वार्थी नहीं जैसे पानी को अगर दूध में मिलाया जाए तो वह दूध की तरह हो जाता है।
यदि वही पानी अगर कीचड़ में मिलाया जाए तो कीचड़ बन जाएगा हमेशा वह काम करें जो सही है वह ना करें जो आसान है करीबी और गरीबी का सिखाया हुआ सबक इंसान को अंदर से बदलने पर मजबूर कर देता है।
जिस तरीके से बात करते हो उस तरीके से सुनना भी पसंद करो ईश्वर को अपना सबसे करीबी दोस्त बना लो क्योंकि परमात्मा ही एक ऐसा है जो तब तक साथ देते हैं जब सारी दुनिया हमारा साथ छोड़ देती है।
ऐसे लोगों से दोस्ती बनाए रखिए जो आपको बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता हो जो आपको अपनी जवाबदारी मान और आपका ख्याल रखें जो आपको अपना समझे और अपना घर जैसा महसूस कराए जो आपकी सहायता करें और आपको समझे अमीरी गरीबी से इसका कोई लेना देना नहीं रोने वाले महलों में भी रोते हैं और किस्मत में खुशी तो झोपड़ी में भी हंसी गूंजती है।
विश्वास में वह शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है और विश्वास भगवान के बनाए इंसान को पत्थर दिल बना सकता है।
किसी की यादों में घुट घुट कर मरने से अच्छा है कि आप अपनी ताकत को अपने लक्ष्य पर लगाओ और इतने सफल बन जाओ कि एक दिन आपको छोड़ने वाला पछताने लगे कामयाब व्यक्ति की चमक लोगों को दिखाई देती है।
उसने कितने अंधेरे देखे हैं यह कोई नहीं जानता यदि सपने सच नहीं हो रहे हो तो रास्ते बदल लो सिद्धांत नहीं तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही उम्मीद उमी करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी तो मित्रों अगर यह कहानी आपको पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर कीजिएगा।
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