भागवत गीता के 5 श्लोक | Krishna Motivational Speech

 भागवत गीता के 5 श्लोक | Krishna Motivational Speech .




इस कहानी में हम बात करने वाले हैं श्री भागवत गीता के उन पांच श्लोक के बड़े में जो हर स्टूडेंट को पता होना चाहिए श्री भागवत गीता क्या है यह एक ऐसा ग्रंथ है जो केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है भागवत गीता में जीवन जीने का तरीका है अगर आपको यह बिजनेस कर रहे हैं तो बिजनेस को कैसे सक्सेसफुल बनाना है अगर आप अपनी जिंदगी में कुछ बहुत बड़ा अचीव करना चाहते हैं तो वो आप कैसे अचीव करेंगे अगर आप एक स्टूडेंट है और मां लगाकर के पढ़ाई करना चाहते हो पतली करके अपना नाम रोशन करना चाहते हो तो आपको भागवत गीता के इन पांच श्लोक के बड़े में जरूर पता होना चाहिए क्योंकि भागवत गीता श्री कृष्णा के द्वारा बोला गया एक ऐसा अनूठा ज्ञान का खजाना है ना जिसमें आपके हर प्रश्न के उत्तर है पैदा होने से लेकर के करने तक आपकी जितनी साड़ी समस्याएं हैं ना इस दुनिया की यार इस दुनिया के बाद की भी वो सब की सब भागवत गीता में लिखी हुई है हर इंसान को इरेस्पेक्टिव ऑफ कौन से धर्म का है वो उसकी आगे क्या है वो आदमी है की औरत है की बच्चा है वो कौन है इन सब चीजों से पैर है करके है श्री भागवत गीता ये वीडियो एक्सक्लूसिवली स्टूडेंट के लिए बनाया गया है लेकिन इससे बेनिफिट हर कोई ले सकता है अगर आपकी लाइफ में कोई भी ड्रीम है तो आप इस वीडियो को जरूर देखें लास्ट तक आप बेहतर तरीके से इन सभी सिखों को समझ पाव इसलिए मैं आपको एकदम सिंपल हिंदी शब्द में समझाऊंगा इस वीडियो की एक भी सेकंड ना बर्बाद मत करना क्योंकि श्री भागवत गीता वो ग्रंथ है ना वो महाग्रंथ है जो आपकी जिंदगी को एक अलग ऊंचाई पर लेकर जा सकता है जहां तक आप सोच भी नहीं सकते पहले श्लोक की हम बात करने वाले हैं अध्याय दो श्लोक 47 47 कर्म करने का अधिकार है तुम्हारा फल की चिंता करने का कम तुम्हारा नहीं है कर्म फल की इच्छा तुम्हें नहीं करनी चाहिए और ना ही तुम्हें अपना कर्म में अलसी करना चाहिए यह भागवत गीता का नंबर वन वैसे तो हर श्लोक में बहुत ज्ञान की चीज लिखी हुई है लेकिन अगर पुरी भागवत गीता से कोई एक श्लोक निकाल कर के लाने को कहा जाए ना तो वो यही श्लोक है अध्याय दो का 47वां श्लोक की मनुष्य को केवल अपना कम करने की टेंशन हनी चाहिए उसके रिजल्ट को अपने की टेंशन उसकी नहीं है क्योंकि रिजल्ट उसका वैसा ही बनेगा जैसा आपने कम किया है आपका पूरा पूरा अधिकार है की आप उसे कम को अच्छे से करो पुरी मेहनत लगा के कम करो लेकिन उसके रिजल्ट पर आपका 1% भी मो नहीं होना चाहिए कभी भी आप अपने रिजल्ट को मन में रख करके अपनी मेहनत को डिस्टर्ब ना करो हालांकि ऐसा करना बहुत मुश्किल है लेकिन अगर आप कोशिश करोगे ना तो काफी हद तक आप इस लेवल में पहुंच जाओगे की आप केवल अपनी पढ़ाई पर अपने गोल्ड पर ध्यान डॉग अपनी मेहनत पर ध्यान डॉग फिर चाहे उसके बाद में आप फेल हो जो या फिर आप ऐसे फल हो जो आप पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अगर आप असफल हो गए ना अगर आपको फल नहीं मिलेगा तो आपको कम से कम ज्ञान जरूर मिलेगा और ये हर स्टूडेंट को अपने दिमाग में बिठा के रखना चाहिए की उसका कम है पढ़ाई करना नॉलेज हासिल करना रिजल्ट ऊपर वाले के हाथ में है इस वीडियो में हम दूसरा श्लोक जो लेने वाले हैं ना वो है अध्याय छह का श्लोक नंबर 26 इसमें लिखा हुआ है की जब जब मां चंचल होकर के भट्ट है उसे वापस नियंत्रण में लाकर के अपनी अथवा में ही स्थिर करना चाहिए खाने का क्या मतलब है कोई केवल धार्मिक मीनिंग नहीं करता इस बात का इस बात का बहुत बड़ा मीनिंग निकलता है सिंपल हिंदी में समझता हूं आपको की जब जब आपका मां चंचल होकर के भटक रहा है ना कोई भी करण वो भटकने का आपके कम पर अगर आपका मां नहीं ग रहा है तो उसे नियंत्रण में लाकर के अपनी आत्मा में स्थिर करना चाहिए खाने का मतलब उसको वापस लाकर के अपने कम में अपने अंदर ही रखना चाहिए क्योंकि मां की प्रकृति है भटकना मां की प्रकृति है चंचल होना अगर इस दुनिया में सबसे वोलेटाइल कोई चीज है ना तो वो है आपका मां जब आप किताब खोल करके बैठने हो ना तब क्या विचार आते क्या अरे यार मुझे तो वो कम करना था अरे यार मुझे तो घूमने जाना था अरे यार पढ़ाई तो बहुत मुश्किल है इससे अच्छा तो मैं कोई और कम कर लूं आपका मां जो है ना आपकी कैपेबिलिटी को नहीं देखने देता है आपकी कैपेबिलिटी पर आपकी मेहनत पर ध्यान देने से आपको रोकना है आपका मां लेकिन अगर आपने मां को वाश में कर लिया जो की भागवत गीता में क्लियर लिखा हुआ है श्री कृष्णा कहते हैं की मां ऐसी चीज है जो चंचल है लेकिन उसको प्रैक्टिस करके ना अपने वाश में लेकर के आया जा सकता है इट्स पॉसिबल इट्स पॉसिबल तू कंट्रोल योर थॉट्स तो अगर आपका मां चंचल होता ना पढ़ने टाइम या अपने गोल्ड पर फॉक्स करते टाइम मेहनत करते टाइम तो आपको प्रैक्टिस करना चाहिए की उसको आप कंट्रोल कर सको कंट्रोल करने के बहुत सारे तरीके हैं चाहे तो आप मेडिटेशन करो चाहे तो अपनी इस हिसाब से मेंटेन करो की आपका जो ध्यान है ना वो पूरा पूरा आपके कम पर होना की इधर-उधर भगत हो इस वीडियो में हम जी तीसरी श्लोक की बात करने वाले हैं वो श्लोक है 18वें अध्याय का 45वां श्लोक उसमें क्या लिखा हुआ है अपने अपने कर्म में लगे रहकर प्रत्येक व्यक्ति कामयाब होता है बहुत बड़ी बात है अपने अपने कर्म में लगे रहकर प्रत्येक व्यक्ति कामयाब होता है अब इस प्रत्येक व्यक्ति में ना हर व्यक्ति कर हो गया किस आगे का होना चाहिए किस धर्म का होना चाहिए आप कब इस वीडियो को सुन रहे हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता इसमें क्लियर लिखा हुआ है की अपने अपने कम में अगर लगोगे ना तो हर इंसान कामयाब हो जाएगा अपने कर्मों के द्वारा परमात्मा की उपासना करते हुए मनुष्य सिद्धि प्राप्त कर सकता है ये आप स्पिरिचुअल से भी जोड़ सकते हो या फिर चाहे तो अपने गोल्ड के साथ में भी इसको जोड़ सकते हो अगर आप कर्म करोगे अच्छे अपने गोल से जुड़ने के लिए अगर आपका गोल है की मुझे भगवान की सिद्धि चाहिए मुझे भगवान प्राप्त करना है तो आपको परमात्मा की उपासना करनी होगी अगर आपकी लाइफ में कोई ऐसा गोल है जो आपको इसी जन्म में यही पर पूरा करना है तो फिर आपको अपने कर्मों की उपासना करनी चाहिए आपका कर्म ही आपका भगवान है आपको अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए भागवत गीता में कर्म पर बार-बार जोर दिया जाता है क्यों क्योंकि हम इस धरती पे आए ये हमारी कर्मस्थली ऐसा हो ही नहीं सकता की किसी भी पाल में हम बिना कोई कम करें र जाए अगर हम ये भी सोचेंगे ना की हमें कोई कम नहीं करना तब भी हम ये सोने का कम करते हैं की यार हमें कोई कम नहीं करना ऐसा हो ही नहीं सकता की हम बिना किसी कम को किया हुए र जाए इसलिए श्री भागवत गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं की अपने अपने कर्म में लगे हैं अगर यानी की कर्म तो आपको करना ही है लेकिन कौन सा करना है अपना कर्म जो आपको अपनी मंजिल तक लेकर के जाता है अगर आप स्टूडेंट हो ना तो आपका कर्म क्या है स्टडी करना अगर आप स्टडी करोगे तो क्या होगा प्रत्येक व्यक्ति कामयाब होता है प्रत्येक व्यक्ति में आप भी ए गए हो इस वीडियो में हम जी चौथ श्लोक की बात करने वाले हैं ना वो है अध्याय छह का पांचवा श्लोक क्या लिखा हुआ है उसमें ध्यान से सुनो व्यक्ति को अपने द्वारा ही अपना उधर करना चाहिए ना की अपने को नीचे गिरना चाहिए दोबारा से सुनो इस बात को व्यक्ति को अपने द्वारा ही अपना उधर करना चाहिए भैया कोई नहीं आएगा जो आपका हाथ पकड़ के रहेगा की ले भाई ये तो पढ़ ले इसको याद कर लिया यह वाला कम कर ले मैं तेरे साथ तो कोई नहीं आने वाला भगवान ने खुद कहा है की व्यक्ति को अपने द्वारा ही अपना उधर करना चाहिए ना की अपने को नीचे गिरना इसका मीनिंग है की आप है ना आप अपना चाहे जो कर सकते हो अपना उधर करवाना है यानी की अपने को बटर बनाना है अपने को परफेक्ट बनाना है अपने को एक्सीलेंट बनाना है तो भी आपका ही रोल है और अगर आप अपने आप को नीचे गिरना चाहते हो अपने आप को बर्बाद करना चाहते हो तो भी आपका हीरो वाला आज आपको पढ़ना है की नहीं पढ़ना है अगर आप स्टूडेंट हो तो आपको इन दोनों में से किसी एक को चीज करना या तो आप अपने आप को नीचे गिराओगे या फिर अपना उधर करोगे इन दो में से कम आपको करना है और दोनों कम आप कर सकते हो आपकी मर्जी है की कौन सा करना है आगे इस लोक में कहते हैं श्री कृष्णा की आत्मा ही अपने मित्र होती है और आत्मा ही अपना शत्रु होती है ये बात क्यों कहीं गई है आत्मा क्या है आत्मा हो आप खुद यू आर डी सोल आप खुद ही अपने मित्रों और आप खुद ही अपने दुश्मनों क्यों क्योंकि आपकी जो एक्शन है ना डेट बिल बी गेटिंग सम किड ऑफ रिजल्ट एवरीडे अगर आज आपको रिजल्ट नहीं मिलेगा थोड़े दिन बाद में आपको रिजल्ट मिल जाएगा हर एक्शन से ना एक रिजल्ट जेनरेट होता है अगर आप अच्छा कम करोगे अगर आप मेहनत करोगे अपनी स्टडी करोगे तो उसका रिजल्ट अच्छा जेनरेट होगा अगर आप कम नहीं करोगे टाइम पास करोगे गप्पे लगाओगे तो क्या रिजल्ट प्राप्त होगा नेगेटिव यानी की आप अपने खुद के शत्रु बन जाते हैं खाने का मतलब दोबारा श्लोक का मीनिंग सुनते हैं उसके बाद पांचवें श्लोक की तरफ बढ़ते हैं आई व्यक्ति को अपने द्वारा ही अपना उधर करना चाहिए ना की अपने को नीचे गिरना चाहिए यू आर डी ओनली वन परसों हूं कैन डू डी बटर और वर्स्ट डू यू इस वीडियो का पांचवा और आखिरी श्लोक जो हर स्टूडेंट को पता होना चाहिए वो है अध्याय 18 का श्लोक नंबर 58 इसमें क्या लिखा हुआ है क्या कहते हैं श्री कृष्णा की मेरे चिंतन में स्थिर रहकर मेरी कृपा से तुम सभी कठिनाइयां को पर कर लोग दोबारा से सुनो कितनी बड़ी बात है की मेरे चिंतन में स्थिर रहकर मेरी कृपा से तुम सभी कठिनाइयां को पर कर लोग भागवत गीता किसको सुने गई थी उसे टाइम पर अर्जुन को अर्जुन को समझा रहे हैं श्री कृष्णा की अगर मेरे अंदर फॉक्स करोगे मेरा चिंतन करोगे ना तो मेरी कृपा से सभी कठिनाइयां को पर कर लोग आज अगर आपका गोल है स्टडी करना आपका गोल है जब लगा आपका गोल है ज्ञान हासिल करना तो आपका जो गुरु है ना वो है आपका ज्ञान आपका जब आपकी पढ़ाई आपकी किताब है इनके चिंतन में अगर आप स्थिर हो जाओगे ना जी तरह से अर्जुन को कहा की अर्जुन तुम मेरे चिंतन में स्थिर हो जो इस तरह से आपका गोल आपको का रहा है की भाई मेरे चिंतन में स्थिर हो जा उसके बाद में ना तू साड़ी कठिनाइयां को पर कर लगा क्यों क्योंकि तुम्हें पता है की मैं इसके लिए कम कर रहा हूं मेरा पूरा ध्यान इसी पर है और अगर तुम्हारा ध्यान अपने गोल्ड पे होगा ना तो फिर मस दोस्तों पर कभी नहीं होगा आगे कहते हैं श्री कृष्णा की यदि तुम अहंकार के करण मेरी बातें नहीं सनोज तो नष्ट हो जाओगे खाने का मतलब है अगर आपके मां में किसी भी तरह का एगो है किसी भी तरह का घमंड किसी भी तरह का और कॉन्फिडेंस है किसी भी तरह की नेगेटिव है और उसकी वजह से अगर आप अपने लक्ष्य की तरफ नहीं देखते हो या नहीं देख पाते हो तो आप नष्ट हो जाओगे नष्ट नष्ट का मतलब क्या है ऐसा नहीं की गायब हो जाओगे दुनिया से आपकी जिंदगी ना बर्बाद हो जाएगी आपकी जिंदगी में कोई गोल नहीं बचेगा अगर आपकी जिंदगी में कोई गोल ही नहीं बचेगा तो आपकी जिंदगी तो फिर जानवर का समाज है ना गैस इस वीडियो को जल्दी से समारीज कर लेते हैं पहले सिख अध्याय दो श्लोक नंबर 47 की कर्म ने का अधिकार है आपका फल की चिंता करने का अधिकार आपका नहीं है दूसरी सिख अध्याय 6 श्लोक नंबर 26 जब-जब मां चंचल होकर के भट्ट है ना तब उसे वापस नियंत्रण में लाकर के अपने आप में स्थिर हो जाना चाहिए तीसरी सिख अध्याय 18 श्लोक नंबर 45 अपने अपने कर्म में लगे रहकर प्रत्येक व्यक्ति कामयाब होता है अगर आप स्टूडेंट हो तो आप भी कामयाब हो जाओगे केवल अपने कर्म में लगे रहो सिख नंबर कर जो इस वीडियो से हमें सीखने को मिलती है भागवत गीता के थ्रू अध्याय 6 श्लोक नंबर पांच व्यक्ति को अपने द्वारा ही अपना उधर करना चाहिए ना की अपने को डॉ करना चाहिए बिकॉज़ आपके ही हाथ में है दोनों चीज ऊपर करना है की नीचे करना है इस वीडियो की पांचवी और आखिरी सिख है की मेरे चिंतन में स्थिर रहकर यानी की अपने लक्ष्य के चिंतन में स्थिर रहा करके ना आप सभी कठिनाइयां को पर कर सकते हो ये कहां पे लिखा हुआ अध्याय 18 के श्लोक नंबर 58 में दोस्तों अगर आप स्टूडेंट होना तो आपको इन पांचो चीजों को कंठस्थ अपने दिमाग में बिठा लेना है क्योंकि भागवत गीता एक ऐसा महाग्रंथ है ना जिसको आप जितना समझोगे उतना ही वो कम है अगर आपने उसको 1% भी समझ लिया तो यानी की आपकी जिंदगी पुरी सफल हो गई आप अपने गोल्ड को प्राप्त कर लोग अगर ये वीडियो समझ नहीं आया तो इसको दोबारा से देखो और मुझे कमेंट से बताओ की आपको अगला वीडियो किस टॉपिक पर चाहिए मैं आपके लिए ऐसे ही हिंदी में सिंपल शब्द में वीडियो लेकर के आता रहूंगा अपना ख्याल रखिए आगे बढ़ते रहिए मेहनत के दम पर ना देश में पता नहीं बल्कि दुनिया में देश का नाम कीजिए जय हिंद वंदे मातरम

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