विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक कहानी pdf | Motivational Kahani Hindi Men

 विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक कहानी pdf | Motivational Kahani Hindi Men



Motivational Kahani Hindi Men


 यह कहानी है एक्सक्लूसिवली उन सभी स्टूडेंट्स के लिए जिनको हमेशा स्टडी मोटिवेशनल कहानी का इंतजार रहता है यह कहानी डेडिकेटेड है उन सभी स्टूडेंट्स को जो अपने सामने किताबों का ढेर लगाकर बहुत देर तक पता नहीं कौन सी सपनों की दुनिया में खोए रहते हैं, यह कहानी डेडिकेटेड है उन सभी स्टूडेंट्स को जो जुलाई में यह प्रॉमिस करके पढ़ाई स्टार्ट करते हैं कि इस बार मैं वो रिजल्ट लेके आऊंगा ना जो आज तक नहीं ला पाया और होता भी यही है। 

 उस बार उनका सबसे घटिया रिजल्ट आता है और जिसका ब्लेम वो अपने हार्ड सेले को देते हैं अपनी सिचुएशंस को देते हैं बढ़ती हुई कंपटीशन को देते हैं अगले छ सा मिनट के लिए अपनी किताबों को जरा साइड में रखकर इयरफोन लगाकर मेरे साथ मेरे विचारों के साथ जुड़ने की कोशिश कीजिए मूड हल्का करने के लिए एक कहानी सुनाता हूं।

Krishna updesh 

 महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा कि हे कृष्ण क्या मैंने इसलिए तीर चलाना सीखा था कि मुझे अपने ही घर वालों पे तीर चलाना पड़ेगा क्या मैं इतना बड़ा अभागा हूं कि मेरे ही हाथों मेरे परिवार वालों की हत्या लिखी हुई है। 

 भला ये कौन सा धर्म है जिसमें मैं अपने ही हाथों अपने भाइयों का अपने चाचा का अपने ताऊ का अपने फूफा का वध कर रहा हूं और यह कहकर वो अपने धनुष को रथ में एक साइड में रख कर के दुख में बैठ जाते हैं उस वक्त अर्जुन को ये नहीं पता था कि वो कितने लकी हैं वो जिस सारथी के सामने अपनी व्यथा को व्यक्त कर रहे हैं ना वो श्री कृष्ण जिन्होंने अर्जुन के रथ का ही नहीं बल्कि सारी सृष्टि की बागडोर अपने हाथ में ले रखी है।

 फिर भला अर्जुन को क्या दिक्कत थी दिक्कत ये थी कि अर्जुन की आंखों के सामने ना अंधकार छाया हुआ था श्री कृष्ण ने व्याकुल अर्जुन की तरफ देखते हुए कहा कि कौन कहे कह रहा है कि अर्जुन अपने परिवार का वध कर रहा है अरे अर्जुन तो केवल युद्ध में उनका वध कर रहा है जो अधर्मी है।

 जो धर्म के साथ नहीं है और अधर्म का नाश धर्म करता है ना कि कोई एक योद्धा योद्धा तो बस एक जरिया होता है योद्धा का तो केवल नाम होता है लेकिन करवाने वाले तो श्री कृष्ण होते हैं इसलिए अर्जुन तू केवल धनुष उठाकर वो कर जिसके लिए तूने ट्रेनिंग ली है उस परिणाम के बारे में सोचना बंद कर दे जो तेरे हाथ में है ही नहीं जो परिणाम आता है ना अर्जुन वो मैं देता हूं।

 तुम केवल अपनी मेहनत देते हो अपना प्रयास देते हो इसलिए है अर्जुन जो युद्ध करना तूने इस जीवन में सीखा है ना वो केवल आज के इस महाभारत के युद्ध के लिए ही सीखा था इसलिए अब अपने गुरु से मिली हुई शिक्षा का मान रखने का समय आ गया है तो तू अपना धनुष वापस मत रख जब धर्म को विजय बनाने के लिए युद्ध करने का समय आया है ना तो अब पीछे मत हट आज मेरी गुहार है।

 उन सभी विद्यार्थियों से जो अपने पिछले प्रयास के खराब रिजल्ट को लेकर के बैठे हैं मेरी पुकार है उन सभी स्टूडेंट्स से जिनको एग्जाम के रिजल्ट का बहुत ज्यादा प्रेशर फील होता है माय डियर ब्रदर एंड सिस्टर जो बात श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को कही थी ना आज वही बात मैं तुम्हें कहना चाहता हूं कि तुम्हारा काम है।

 केवल प्रयास करना और प्रयास का प्रेशर से कहीं कोई लिंक नहीं है प्रेशर तब फील होता है जब आप रिजल्ट के बारे में सोचते हो इसलिए आपका फोकस रिजल्ट पे नहीं बल्कि प्रयास पे होना चाहिए क्योंकि रिजल्ट वैसा ही आएगा जैसा आपका आज प्रयास होगा आज मेरी विनती है उन सभी विद्यार्थियों से जो अपने आप को इतना मुसीबतों से घिरा हुआ समझते हैं कि उनको अपने चारों तरफ केवल और केवल अंधेरा नजर आता है।

 उनको जिम्मेदारियों का इतना बोझ महसूस होता होता ना अपने कंधों पर कि जवानी में ही उनके कंधे झुकने लगते हैं उनको अपने पैरों तले इतने कांटे नजर आते हैं कि एक कदम भी आगे बढ़ना उनको बहुत दर्दनाक लगता है थोड़ा सा सोच को लगाम दो माय डियर स्टूडेंट कभी भी जबरदस्ती वाली भावना से किसी काम को करने में मजा नहीं आता है।

 ठीक उसी तरह जबरदस्ती की गई पढ़ाई में ना कोई वजा नहीं आने वाला किताब को बंद करके बाहर खिड़की से देख क्या इस कठोर सी दुनिया का सामना तू बिना ज्ञान के कर पाएगा क्या अर्जुन ने धनुष चलाने का प्रशिक्षण नहीं लिया होता तो क्या वह महाभारत में धनुष चला पाते आंखें बंद करके महसूस कर कि क्या किताबों ने कोई गुनाह किया है जो उनको नजरअंदाज करके एक तरफ रख करके कोई सजा दे रहा है मानो जरा सोचो अगर अर्जुन भी अपने गुरुकुल में ऐसे ही धनुष को साइड में रख कर के खाली टाइम पास करते ना तो क्या वो महाभारत के हीरो बन पाते हां मानता हूं कि आज की रातों के अंधेरे में ना कोई नहीं है।

 जो तुझे रोशनी दिखाए जो तुझे रोशनी करके यह बताए कि रास्ता किधर से जाता है हां मानता हूं कि आज इस कमरे की चार दीवारी का सुना पन तुझे अंदर से खाए जा रहा है खोकला बना रहा है जब तुझे दूर बसते हुए किसी डीजे की आवाज आती है ना मंद मंद सी तो तू यही सोचता है कि वाह रे किस्मत मुझे चिड़ा रही है मेरी किस्मत हां मानता हूं।

 तुझे आज वो शख्स छोड़ के चला गया ना जिसके फेवरेट कभी तुम हुआ करते थे अब उसको तुमसे कोई और मिल गया बेहतर अब वो उसका फेवरेट है स्टॉप ब्लेमिंग योर डेस्टिनी एंड स्टार्ट बिलीविंग इन योर डेस्टिनेशन जिस विद्यार्थी को आप टॉप करते हुए देखते हैं ना ये वही विद्यार्थी था ये वही स्टूडेंट था जो सुबह तब उठता था जब इस सारी दुनिया में सन्नाटा छाया रहता था और जब केवल केवल एक आवाज उसको सुनाई देती थी वो थी।

 उसके कमरे की दीवार घड़ी उसमें टिक टिक की आवाज आती थी उस घड़ी की सुइयां मन ही मन मुस्कुराती थी और उससे कहती थी मानो कि चाहे सो चाहे जागो चाहे पढ़ो या नहीं पढ़ो अच्छा करना है या खुद के साथ बुरा करना है मैं हमेशा चलती रहूंगी जो मेरी सुईं के साथ कदम मिला के चलेगा उसको मैं आबाद कर दूंगी और जो समय को बर्बाद करेगा उसको मैं उससे भी ज्यादा बर्बाद कर दूंगी और तब इस स्टूडेंट को समझ में आता है कि उसका रातों को जागना कितना नेसेसरी है इस स्टूडेंट का कंपीटीटर कोई और नहीं है।

 बल्कि वो खुद है किसी एग्जाम में सबको हराने के लिए सबसे पहले खुद को खुद के आलस को हराना पड़ता है वो खुद कल क्या था और खुद आज क्या है कल उसको कितना आता था और आज इसको कितना आता है कल उसने कितनी पढ़ाई करी थी और आज कितनी और पढ़ाई करना बाकी है।

 आपके कंपीटीटर आप खुद हो आज तुम्हें अपने विद्यार्थी जीवन में ऐसा महसूस हो सकता है कि तुम्हारे पास सब कुछ क्यों नहीं है तुम्हारी जिंदगी में क्यों कोई लव स्टोरी नहीं है तुम्हारी जिंदगी में कोई एडवेंचर क्यों नहीं है मस्ती क्यों नहीं है इसलिए नहीं है मेरे भाई कि ये सब नॉनसेंस है बकवास है सोशल मीडिया ने तुम्हें गुमराह बना रखा है।

 रील्स देख देख के तुम्हारे दिमाग में कील ठुक गई है आशिकी से पेट नहीं भरता या तो धूप में मजदूरी करने से पेट भरता है या फिर रात में जाग कर के चौकीदारी करने की ड्यूटी से पेट भरता है इसलिए अपनी सोच को लगाम दे और उसको अपनी जिंदगी से निकाल दे जिसको तू अपनी किस्मत की बागडोर दे रखा है वो बागडोर चली गई तुम्हारे हाथ से क्यों नहीं समझते हो किस्मत भी लेके चली जाएगी और सबसे जरूरी मेहनत भी ले जाएगी।

 तुम्हारी तुम्हारा वो सामर्थ्य भी ले जाएगी जिससे तुम अपनी जिंदगी को एक मीनिंग दे सकते हो एक अर्थ दे सकते हो देश में अपना नहीं बल्कि दुनिया में देश का नाम कर सकते हो और अगर वक्त मिले रील देखने से तो पूछना एक बार अपने पापा से आंख में आग डालकर कि पापा दर्द तो नहीं होता आपको जब मुझे साल भर पढ़ाते हो एक पोटली भर के फीस की देते हो और जब मैं चुल्लू भर नंबर लेकर के आता हूं।

 घर पे तब आपको बुरा तो नहीं लगता पापा आपकी एक्सपेक्टेशन से परे आपके मम्मी पापा का जवाब पता है क्या होगा कि बेटा कोई बात नहीं अगली बार ज्यादा मार्क्स आ जाएंगे ज्यादा से ज्यादा एक साल और फीस देना पड़ेगा ना क्या हो जाएगा तेरे लिए तो कमा रहे हैं इस बात में तुम्हारे पेरेंट्स को सलाम करना पड़ेगा कि तुम्हारे पेरेंट्स सबसे अच्छे एक्टर हैं।

 जो दिल में दर्द छिपा करके ना कभी आपको ये महसूस नहीं होने देते कि वो दिन बदन तुम्हारे रिजल्ट की वजह से ना अंदर से टूटते जा रहे हैं और तुम्हें तो एक्टिंग का ऑस्कर मिलना चाहिए कि सारी सारी रात तुम खाली मोबाइल का डाटा कंज्यूम करते हो और सुबह लेट उठ कर के एक्सक्यूज देते हो मम्मी रात को लेट तक सोया था मम्मी रात को बहुत लेट तक पढ़ाई करी थी नौटंकी चल रही है क्या कि जो सबसे ज्यादा नौटंकी करेगा।

 उसको रात को ₹ लाख दिए जाएंगे अवार्ड में आपके मां-बाप आपके लिए पढ़ाई करने के दरवाजे खोल सकते हैं लेकिन उसमें घुसना तो आपको ही पड़ेगा माय डियर जो यह बोलते हैं ना कि कंपटीशन बहुत ज्यादा हो गई है उनको मैं यही बोलूंगा कि अगर कंपटीशन ज्यादा हो गई है ना तो 2 साल और रुक जाओ 2 साल बाद में ना इससे भी ज्यादा कंपटीशन हो जाएगी और तब भी अगर आपको कंपटीशन ज्यादा लगे ना तो फिर एक और ऑप्शन है फिर और दो साल रुक जाना और फिर कंपटीशन और दुगनी हो जाएगी अगर अवसर है तो केवल आज है इसी साल है अगले साल कंपटीशन का रोना इससे भी ज्यादा हो जाएगा ये जो अभी का दौर है ना इसमें कंपटीशन इतनी नहीं है।

 जितनी दो-तीन साल बाद में हो जाएगी इसलिए फाइंड आउट द अपॉर्चुनिटी इन प्रेजेंट ओनली यू हैव टू बिल्ड हैबिट ऑफ स्टडिंग हार्डर एंड हार्डर एंड हार्डर बिकॉज मोटिवेशनल वीडियो देख के ना आप स्टडी करना स्टार्ट तो कर दोगे बट डेली डेली खुद से स्टडी कराने के लिए आपको अपनी हैबिट बिल्ड करनी पड़ेगी इनिशियल फेज में मोटिवेशनल वीडियो आपकी हेल्प कर सकता है बट एक टाइम आने के बाद में ना मोटिवेशन  कहानी  लगने लग जाएगा क्यों क्योंकि सेल्फ मोटिवेशन नहीं आ रहा है क्यों क्योंकि आपने हैबिट ही डेवलप नहीं करी लगातार पढ़ाई करने की इसलिए सेल्फ मोटिवेट रहोगे ना तो आपको लगातार मेहनत करने की हिम्मत मिलेगी सेल्फ मोटिवेशन आपकी आज की सिचुएशन आप किस बैकग्राउंड से आते हैं आपके मां-बाप क्या हैं।

 आपको बनना क्या है ये है आपका सेल्फ मोटिवेशन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कहते हैं कि एक इंसान को अगर सफलता का आनंद लेना है ना तो उसको मुश्किलों से गुजरना ही पड़ेगा क्योंकि बिना मुश्किलों के ना वो सक्सेस को एंजॉय नहीं कर पाएगा और ना ही उसकी रेस्पेक्ट को मेंटेन कर पाएगा थॉमस एडिसन जिन्होंने कई सैकड़ों बार असफल प्रयास के बाद लट्टू का आविष्कार किया बल बनाया उनका कहना है कि एक इंसान की कमजोरी ये नहीं है कि वो काम नहीं कर पाया या उसकी किस्मती में समस्याएं बहुत ज्यादा थी बल्कि उसकी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि वो हार बड़ा जल्दी मान लेता है।

 इसलिए अगर उसको सफल होना है तो उसमें इतनी हिम्मत होनी चाहिए कि असफल होने के बाद भी एक और प्रयास के लिए हिम्मत जुटा पाए क्योंकि हो सकता है वही प्रयास आपका अंतिम प्रयास हो जो लोग ये सोचते हैं कि वो फेल हो गए हैं उनको वास्तव में ये नहीं पता होता है कि उन्होंने कितना करीब से आकर के सफलता को छोड़ दिया है।

 अगर आपको पढ़ाई में कुछ आता नहीं है ना तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं है लेकिन अगर आपको पता है कि आपको यह नहीं आता और फिर भी आप उसको जानने की उसको सीखने की कोशिश नहीं कर रहे हैं प्रयास नहीं कर रहे हैं तो ये अभी आपकी गलती है क्योंकि ये जो टॉपिक्स है ना जो आपको नहीं आ रहे जिनको आप ब्लेम कर रहे हो कि बहुत हार्ड है ये आपके जैसे मेंटल एज के स्टूडेंट्स के लिए बनाए हुए हैं।

 भागवत गीता में लिखा है कि अभ्यास करके हर असंभव काम को भी संभव बनाया जा सकता है चाहे वो मेहनत करना हो या फिर अपने मन को काबू में करना हो बाय बर्थ अगर हमें कुछ मिलता है ना तो वो है हमारे मां-बाप और हमारा परिवार इनके अलावा बा की सब चीजें आपको अचीव करनी पड़ती है इसलिए अगर आपको यह लग रहा है ना कि उस स्टूडेंट के इतने ज्यादा मार्क्स आते हैं क्योंकि वो ज्यादा टैलेंटेड है तो यह सोचना बिल्कुल ही गलत है बल्कि सच्चाई यह है कि उसने अभ्यास कर कर के कर करके मुश्किल से मुश्किल सब्जेक्ट को भी आसान बना लिया है।

 इनविजिबल गोल को अगर विजिबल करना है ना तो सबसे पहले गोल सेट करना पड़ेगा सपनों को हकीकत में बदलते हुए देखना है ना तो खुद को मुसीबतों में भी देखने का और मुसीबतों से निकालने का मेहनत करने का हौसला भी पालना पड़ेगा पूरे जीजन से पढ़ाई करते रहिए मेहनत करते रहिए और मेहनत के दम पर देश में अपना नहीं बल्कि दुनिया में देश का नाम रोशन करके दिखाइए जय हिंद वंदे मातरम 

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